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Gadh kaleva Mela in Korba: कोरबा में लगा छत्तीसगढ़ी व्यंजन का मेला - गढ़कलेवा मेला

कोरबा में कटघोरा के श्रीया महिला स्व सहायता समूह ने तीन दिवसीय गढ़कलेवा मेला का आयोजन किया है. जिसका शुभारंभ शनिवार को कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने किया. इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर और स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.

Gadh kaleva Mela in Korba
कोरबा में गढ़ कलेवा मेला
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Published : Mar 4, 2023, 1:57 PM IST

कोरबा में गढ़ कलेवा मेला

कोरबा: जिस तरह गीत के साथ संगीत का, सुर के साथ ताल का, ध्वनि के साथ तरंग का तालमेल होता है और इनकी जुगलबंदी सबको मंत्र-मुग्ध कर देती है. ठीक उसी तरह ही छत्तीसगढ़ का व्यंजन से हैं. जो बनाने वाले के अदभुत पारम्परिक पाककला के साथ उनकी मीठी और भोली बोली के चाशनी में डूबकर आपकों गढ़ कलेवा में कुछ इस तरह मिलेगी कि आप इसे खाते ही कहेंगे. वाह मजा आ गया.


ले सकेंगे कई छत्तीसगढ़ी व्यंजन का स्वाद: कटघोरा के श्रीया महिला स्व सहायता समूह की तरफ से आयोजित गढ़कलेवा मेला का समय दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक चलेगा. श्रीया महिला स्व सहायता समूह का कहना है कि "इस मेले का उद्देश्य छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देना, कोरबा अंचल के प्राचीन पकवान को जन जन तक पहुंचाना और युवा पीढ़ी को स्वास्थ्यवर्धक आंचलिक व्यंजन के प्रति लगाव उत्पन्न कराना है. गढ़कलेवा मेले में मिलेट्स से बने व्यंजनों के साथ साथ छत्तीसगढ़ी व्यंजन चीला, फरा, ठेठरी, खुरमी, अईरसा, चौसेला, तसमई, करी लड्डू, सोहारी समेत दूसरे व्यंजन मिलेंगे. सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि "छत्तीसगढ़ की सरकार लगातार पारंपरिक व्यंजन, पारंपरिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है."

यह भी पढ़ें: Garh Kaleva Mela in korba: कोरबा में गढ़कलेवा मेला, मिलेगा छत्तीसगढ़ का स्वाद


स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी मिला काम: गढ़ कलेवा में काम करने वाली ज्यादातर महिलाएं ही हैं. नीलम सोनी बताती हैं कि "श्रीया महिला स्व सहायता समूह के साथ 25 समूह में हम लोग लगभग 250 महिलाएं हैं. जिसमें हमारे लिए कोई मालिक और कोई नौकर नहीं है. ये हमारा सेल्फ ग्रुप है. जिससे हम लोगों को ये रहता है कि हम लोग स्वावलंबी बनें. यहां पर पूरी ग्रामीण महिला काम करती हैं जो कभी सीखी पढ़ी नहीं हैं. अपने घरों से निकलकर अचानक बाहर आकर उन्हें ये कदम उठाना पड़ता है कि घर की कम आमदनी की वजह से वो बाहर निकलती हैं."

कोरबा में गढ़ कलेवा मेला

कोरबा: जिस तरह गीत के साथ संगीत का, सुर के साथ ताल का, ध्वनि के साथ तरंग का तालमेल होता है और इनकी जुगलबंदी सबको मंत्र-मुग्ध कर देती है. ठीक उसी तरह ही छत्तीसगढ़ का व्यंजन से हैं. जो बनाने वाले के अदभुत पारम्परिक पाककला के साथ उनकी मीठी और भोली बोली के चाशनी में डूबकर आपकों गढ़ कलेवा में कुछ इस तरह मिलेगी कि आप इसे खाते ही कहेंगे. वाह मजा आ गया.


ले सकेंगे कई छत्तीसगढ़ी व्यंजन का स्वाद: कटघोरा के श्रीया महिला स्व सहायता समूह की तरफ से आयोजित गढ़कलेवा मेला का समय दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक चलेगा. श्रीया महिला स्व सहायता समूह का कहना है कि "इस मेले का उद्देश्य छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देना, कोरबा अंचल के प्राचीन पकवान को जन जन तक पहुंचाना और युवा पीढ़ी को स्वास्थ्यवर्धक आंचलिक व्यंजन के प्रति लगाव उत्पन्न कराना है. गढ़कलेवा मेले में मिलेट्स से बने व्यंजनों के साथ साथ छत्तीसगढ़ी व्यंजन चीला, फरा, ठेठरी, खुरमी, अईरसा, चौसेला, तसमई, करी लड्डू, सोहारी समेत दूसरे व्यंजन मिलेंगे. सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि "छत्तीसगढ़ की सरकार लगातार पारंपरिक व्यंजन, पारंपरिक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है."

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स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी मिला काम: गढ़ कलेवा में काम करने वाली ज्यादातर महिलाएं ही हैं. नीलम सोनी बताती हैं कि "श्रीया महिला स्व सहायता समूह के साथ 25 समूह में हम लोग लगभग 250 महिलाएं हैं. जिसमें हमारे लिए कोई मालिक और कोई नौकर नहीं है. ये हमारा सेल्फ ग्रुप है. जिससे हम लोगों को ये रहता है कि हम लोग स्वावलंबी बनें. यहां पर पूरी ग्रामीण महिला काम करती हैं जो कभी सीखी पढ़ी नहीं हैं. अपने घरों से निकलकर अचानक बाहर आकर उन्हें ये कदम उठाना पड़ता है कि घर की कम आमदनी की वजह से वो बाहर निकलती हैं."

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