कोरबा: भारत में धीरे-धीरे लॉकडाउन खोला जा रहा है, सोमवार से लॉकडाउन को एक चरण में खोल दिया गया है. इसे अनलॉक 1.0 का नाम दिया गया है. इन अनलॉक 1 में कई व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है. हालांकि इसके लिए अब भी जिला प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है, लेकिन कोरबा में चौपाटी कारोबारियों जिला प्रशासन से अनुमति लिए बिना ही ठेला लगाना शुरू कर दिया है. हालांकि उनका कहना है कि वे केवल होम डिलीवरी कर रहे हैं.
इसपर इन चौपाटी कारोबारियों का कहना है कि 3 महीने के लॉकडाउन में दुकानें बंद रखने के बाद इनके पास जीवन यापन के लिए दुकानें लगाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. चौपाटी व्यवसाय के अध्यक्ष आरआर पांडे ने बताया कि लॉकडाउन में छूट के बाद शहर में सभी तरह की दुकान शर्तों से साथ खोली जा रही है, जिसमें छोटे ठेले और गुमटी को भी छूट दी गई है, लेकिन शहर में चौपाटी व्यवसाय से जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों को किसी प्रकार की रियायत नहीं दी गई है. इसके बाद व्यवसायियों ने जिला प्रशासन को रियायत के लिए आवेदन दिया है.
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सुरक्षा के साथ दुकानें खुली
कोरोना महामारी को देखते हुए व्यवसायियों द्वारा सुरक्षा के साथ दुकानों का संचालन किया जा रहा है. प्रत्येक व्यवसाय मास्क और हाथों में दस्ताने लगाकर काम कर रहे हैं. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है.
केवल पार्सल सुविधा उपलब्ध
चौपाटी अध्यक्ष ने बताया कि सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है. साथ ही चौपाटी में केवल पार्सल सुविधा दी जाएगी. भीड़ न हो इसके लिए एक ठेले से दूसरे ठेले के बीच एक निश्चित दूरी तय की गई है.
जीवन यापन के लिए व्यवसाय जरूरी
चौपाटी अध्यक्ष आरआर पांडेय ने बताया कि चौपाटी व्यवसायी रोज कमाने खाने वाले हैं. 3 महीने के लॉकडाउन के बाद सभी व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. 3 महीने तक कर्ज लेकर गुजारा कर लिया गया है. अब आगे दुकानें खोलना उनकी मजबूरी है. साथ ही प्रशासन की तरफ से जो भी आदेश दिए जाएंगे उसका पालन किया जाएगा.