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कोरबा के सरकारी स्कूल पर बाज की दहशत: खौफ में बच्चे और शिक्षक, बाज के हमले में कई शिक्षक घायल

Fear of hawk in Korba: कोरबा के एक सरकारी स्कूल में बाजों ने शिक्षक और बच्चों को अपने निशाने पर ले लिया है. लगातार कई बच्चे और शिक्षकों को बाज ने चोटिल कर दिया है.

hawk injured teachers in Korba
कोरबा के सरकारी स्कूल पर बाज की दहशत
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Published : Jan 28, 2022, 4:46 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 6:44 PM IST

कोरबा: संजय लीला भंसाली की सुपरहिट फिल्म बाजीराव मस्तानी का वह डायलॉग आप सभी को याद होगा, जिसमें नायक रणवीर कहते हैं कि "चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर कभी संदेह नहीं करते". बाज की जिस पैनी नजर का जिक्र इस डायलॉग में किया जा रहा है, ठीक वैसे ही एक नहीं बल्कि 4 से 5 बाज की नजरें कोरबा जिले के भिलाईखुर्द के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल पर पड़ गई है. इस स्कूल के बच्चे और शिक्षक बाज की नजरों में खटक रहे हैं.

बाज के हमले से कई शिक्षक घायल

कई बच्चों को कर चुका है घायल

दिसंबर माह से यह सिलसिला चला आ रहा है. बाज के डर से शिक्षक बाथरूम जाने तक से कतराते हैं. कोरोना काल में स्कूल की छुट्टी हुई और बच्चों को घर पर ही रहने का आदेश दिया गया तो शिक्षकों ने चैन की सांस ली. लेकिन बाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. स्कूल खुलते ही उसने शिक्षकों पर फिर से हमला करना शुरू कर दिया. बाज के हमले से इस स्कूल के कई शिक्षकों के सर पर चोट लगी है. कई बच्चों को तो बाज ने इतनी जोर से चोंच मारा है कि सिर से खून भी निकल आया था.

दिसंबर में बनाया था घोंसला

यह पूरा मामला नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 30 के अंतर्गत आने वाले प्राइमरी और मिडिल स्कूल भिलाई खुर्द का है. एक ही परिसर में प्राइमरी और मिडिल स्कूल संचालित होता है. यहां एक पुराना सेमर का पेड़ है. शिक्षकों की मानें तो 19 दिसंबर को बाज वहां पहली बार देखा गया था. शिक्षकों ने इसे सामान्य बात समझा. इसके बाद ठंडी की छुट्टियां लग गई. जब स्कूल खुला तो बाजों ने वहां अपना घोंसला बना लिया था. अब स्कूल के स्टाफ सहित बच्चे उनके निशाने पर हैं.

यह भी पढ़ेंः नौकरी की मांग को लेकर विस्थापितों ने एनटीपीसी सीपत प्लांट की कोयला लदी ट्रेन रोकी

घोंसले में 4 से 5 बाज

यहां 4 से 5 की संख्या में बाज लगातार सेमर के पेड़ और स्कूल के चक्कर लगाते हुए खतरनाक उड़ान भरते हैं. कई बच्चों को बाज चोंच मार चुका है. कुछ बच्चे और शिक्षक तो बाज के चोंच मारने से घायल भी हुए. सर से खून भी आने लगा. आलम यह है कि शिक्षक डर से हेलमेट और छाता लेकर स्कूल आने लगे. स्टाफ रूम से बाथरूम जाने के लिए भी वह छाते का इस्तेमाल करते हैं.

दो फॉरेस्ट गार्ड मौके पर तैनात

स्कूल प्रबंधन ने इस बात की जानकारी उच्चाधिकारी और पार्षद को भी दी है. लेकिन इस समस्या का समाधान क्या होगा? यह किसी के समझ में नहीं आ रहा. स्थानीय पार्षद फूलचंद सोनवानी कहते हैं कि स्कूल से यह अजीबोगरीब सूचना मिली है. देखने आए तो इसे सच पाया. सेमर के पेड़ पर कुछ बाजों ने अपना घोंसला बना रखा है. हो सकता है वहां अंडे रखे हों, जिसकी सुरक्षा के लिए वह आक्रामक हो गए हैं. वन विभाग को भी सूचना दे दी है. 2 फॉरेस्ट गार्ड मौके पर पहुंचे हैं. प्रयास किया जा रहा है कि किसी तरह घोंसले को यहां से हटाया जाए. फिलहाल माहौल जस का तस बना हुआ है.

कोरबा: संजय लीला भंसाली की सुपरहिट फिल्म बाजीराव मस्तानी का वह डायलॉग आप सभी को याद होगा, जिसमें नायक रणवीर कहते हैं कि "चीते की चाल, बाज की नजर और बाजीराव की तलवार पर कभी संदेह नहीं करते". बाज की जिस पैनी नजर का जिक्र इस डायलॉग में किया जा रहा है, ठीक वैसे ही एक नहीं बल्कि 4 से 5 बाज की नजरें कोरबा जिले के भिलाईखुर्द के सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल पर पड़ गई है. इस स्कूल के बच्चे और शिक्षक बाज की नजरों में खटक रहे हैं.

बाज के हमले से कई शिक्षक घायल

कई बच्चों को कर चुका है घायल

दिसंबर माह से यह सिलसिला चला आ रहा है. बाज के डर से शिक्षक बाथरूम जाने तक से कतराते हैं. कोरोना काल में स्कूल की छुट्टी हुई और बच्चों को घर पर ही रहने का आदेश दिया गया तो शिक्षकों ने चैन की सांस ली. लेकिन बाज अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. स्कूल खुलते ही उसने शिक्षकों पर फिर से हमला करना शुरू कर दिया. बाज के हमले से इस स्कूल के कई शिक्षकों के सर पर चोट लगी है. कई बच्चों को तो बाज ने इतनी जोर से चोंच मारा है कि सिर से खून भी निकल आया था.

दिसंबर में बनाया था घोंसला

यह पूरा मामला नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 30 के अंतर्गत आने वाले प्राइमरी और मिडिल स्कूल भिलाई खुर्द का है. एक ही परिसर में प्राइमरी और मिडिल स्कूल संचालित होता है. यहां एक पुराना सेमर का पेड़ है. शिक्षकों की मानें तो 19 दिसंबर को बाज वहां पहली बार देखा गया था. शिक्षकों ने इसे सामान्य बात समझा. इसके बाद ठंडी की छुट्टियां लग गई. जब स्कूल खुला तो बाजों ने वहां अपना घोंसला बना लिया था. अब स्कूल के स्टाफ सहित बच्चे उनके निशाने पर हैं.

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घोंसले में 4 से 5 बाज

यहां 4 से 5 की संख्या में बाज लगातार सेमर के पेड़ और स्कूल के चक्कर लगाते हुए खतरनाक उड़ान भरते हैं. कई बच्चों को बाज चोंच मार चुका है. कुछ बच्चे और शिक्षक तो बाज के चोंच मारने से घायल भी हुए. सर से खून भी आने लगा. आलम यह है कि शिक्षक डर से हेलमेट और छाता लेकर स्कूल आने लगे. स्टाफ रूम से बाथरूम जाने के लिए भी वह छाते का इस्तेमाल करते हैं.

दो फॉरेस्ट गार्ड मौके पर तैनात

स्कूल प्रबंधन ने इस बात की जानकारी उच्चाधिकारी और पार्षद को भी दी है. लेकिन इस समस्या का समाधान क्या होगा? यह किसी के समझ में नहीं आ रहा. स्थानीय पार्षद फूलचंद सोनवानी कहते हैं कि स्कूल से यह अजीबोगरीब सूचना मिली है. देखने आए तो इसे सच पाया. सेमर के पेड़ पर कुछ बाजों ने अपना घोंसला बना रखा है. हो सकता है वहां अंडे रखे हों, जिसकी सुरक्षा के लिए वह आक्रामक हो गए हैं. वन विभाग को भी सूचना दे दी है. 2 फॉरेस्ट गार्ड मौके पर पहुंचे हैं. प्रयास किया जा रहा है कि किसी तरह घोंसले को यहां से हटाया जाए. फिलहाल माहौल जस का तस बना हुआ है.

Last Updated : Jan 28, 2022, 6:44 PM IST
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