कोरबा: जिले में पिछले साल नियमित अंतराल पर हुई बारिश की वजह से बांगो बांध में भारी मात्रा में जलभराव है. जिसका फायदा इस साल किसानों को खेती में मिलेगा. खरीफ फसल का सीजन शुरू हो रहा है, ऐसे में इस साल अगर मानसून कमजोर भी रहा, तब भी किसानों को फसलों में पानी के लिए दिक्कत नहीं होगी. उन्हें बांगो बांध से पर्याप्त मात्रा में फसल सींचने के लिए पानी मिलेगा. इसके साथ ही ग्रामीणों को निस्तारी के लिए भी नहरों से पानी दिया जाएगा.
कोरबा का बांगो बांध (water level of Bango Dam) वर्तमान में लगभग 56 प्रतिशत भरा हुआ है. आमतौर पर गर्मी के बाद इस बांध का जलस्तर काफी नीचे चला जाता है, लेकिन बीते 4 सालों की तुलना में इस साल बांगो बांध में सर्वाधिक जलभराव है. जिसका लाभ आने वाले समय पर कोरबा के अलावा अन्य पड़ोसी जिलों को भी मिलेगा. जांजगीर जिले में बांगो बांध से सर्वाधिक खेतों की सिंचाई होती है. जांजगीर की तुलना में कोरबा जिले में सिंचाई का रकबा काफी कम है. हालांकि दोनों जिलों के रहवासी बांध के पानी का भरपूर उपयोग कर सकते हैं.
बांध में हाइडल प्लांट का भी हो रहा संचालन
बांगो बांध में ही हाइडल पावर प्लांट (Hydel Power plant on Bango Dam) भी स्थापित है. जिसकी क्षमता 120 मेगावाट है. सिंचाई और निस्तारी के लिए पानी छोड़ने के बाद भी 4 घंटे हाइडल पावर प्लांट का संचालन किया जा रहा है, जिससे विद्युत का निर्माण हो रहा है. हाइडल प्लांट के अलावा बांगो बांध से 14 थर्मल पॉवर प्लांट्स को नियमित तौर पर जल प्रदान किया जा रहा है.
बांगो बांध की क्षमता
बांगो बांध की कुल क्षमता (capacity of Bango Dam) 359.66 मीटर और जलभराव की क्षमता 2894.35 मिलियन घन मीटर है. वर्तमान स्थिति में जलस्तर 351.55 मीटर और जलभराव 1647.16 घन मीटर दर्ज किया गया है, जो कुल क्षमता का लगभग 56 प्रतिशत है. पिछले साल बांगो बांध में अधिक जलभराव की वजह से अगस्त माह में बांध के गेट खोलकर पानी नदी में छोड़ने की नौबत आ गई थी.
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बांध में पर्याप्त जलभराव से सिंचाई के लिए नहीं होगी पानी की कमी
'मिनीमाता बांगो परियोजना' के कार्यपालन अभियंता केशव कुमार के मुताबिक बांगो बांध में पर्याप्त जलभराव है. उन्होंने कहा कि इस साल खरीफ सीजन में सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं आएगी. किसानों को पर्याप्त पानी मिलेगा. छत्तीसगढ़ में 10 जून से मानसून (monsoon in Chhattisgarh) के दस्तक देने की संभावना है, ऐसे में अगर मानसून में बारिश कम भी हुई, तो भी कोरबा के किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है.