कोरबा: कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए सरकार ने देश में लॉकडाउन किया है. इसके चौथे चरण में कई प्रकार की छूट दी गई है. जिसमें सोशल डिस्टेंस और सुरक्षा का ध्यान रखा जाना अनिवार्य है. लोगों ने इन नियमों का तोड़ निकाल लिया है. बरपाली के सहकारी बैंक में किसान सम्मान निधि लेने आ रहे किसान औपचारिकता दिखाते हुए घेरे में अपने जूते चप्पल और पासबुक रख कर दूसरी जगह भीड़ का हिस्सा बन रहे हैं.
1 दिसंबर से कोरबा जिले में समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन 27 समितियों सहित 41 उपार्जन केंद्रों में किया गया था. जिसके लिए किसानों को 2 हजार 500 रुपए की राशि दिए जाने की घोषणा की गई थी. जिसके बाद में कई तरह के कारण बताते हुए 1815 और 1835 रुपए प्रति क्विंटल की दर से राशि का भुगतान किया गया. इसके बाद 21 मई को घोषणा की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि दी जा रही है. चार किस्तों में यह राशि किसानों को दी जानी है. पहली किश्त सहकारी बैंक को जारी करने के साथ ही यहां किसानों की भीड़ लगना शुरू हो गई. गर्मी के कारण ग्रामीण इन नियमों को अनदेखा कर रहे हैं.
घेरे में रखी किसानों की चप्पलें
बरपाली के सहकारी बैंक में बोनस राशि लेने के लिए बड़ी संख्या में किसान पहुंच रहे हैं. किसान सोशल डिस्टेंस के नाम पर खुद भीड़ लगा रहे हैं और बैंक परिसर में बनाए गए 1 मीटर की दूरी के घेरे में अपने जूते चप्पल और पासबुक को रख रहे हैं. किसानों ने बताया कि गर्मी ज्यादा है, ऐसे में वो बहुत देर तक खड़े नहीं रह सकते हैं और ऐसे में कहीं उनकी जगह न छिन जाए, इसके लिए वह प्रमाण के रूप में अपना सामान यहां पर रख रहे हैं.
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सहकारी बैंक पाली के शाखा प्रबंधक राजेश गुप्ता ने स्पष्ट करते हुए बताया कि बैंक ने बोनस की राशि का भुगतान करने के लिए एक बार में 5 किसानों को ही आने की अनुमति दी है. इसके लिए उन्हें टोकन दे कर सूचनाएं भी दी जा रही हैं. इसके बाद भी किसान भ्रम के शिकार में हैं सोशल डिस्टेंस का परिपालन नियमों के अंतर्गत ही करना होगा.