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पत्थर खदान से निकलने वाले पानी से फसलों पर लगा ग्रहण, मजबूर किसानों ने सरकार से की ये मांग

कोरबा के करतला विकासखंड के देवलापाठ गांव के किसान इन दिनों परेशानियों का सामना कर रहे हैं. पत्थर खदान से निकलने वाले पानी से 15 से 20 किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

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Published : Nov 7, 2020, 10:01 AM IST

Updated : Nov 7, 2020, 1:44 PM IST

कोरबा: रामपुर विधानसभा क्षेत्र के करतला विकासखंड के देवलापाठ गांव के किसानों की 50 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों का कहना है कि पत्थर खदान से निकले पानी की वजह से उनकी फसल बर्बाद हुई है. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

किसानों की फसल बर्बाद
किसानों ने बताया कि गांव के पास मालिकराम के नाम से एक पत्थर खदान है, जिसका संचालन चितरंजन नाम का व्यक्ति कर रहा है. चितरंजन ने पत्थर खदान के पानी की निकासी के लिए एक नाली बनाई है. इस नाली के जरिए खदान का पानी 15 से 20 किसानों के खेत में जा रहा है, जिससे फसलें खराब हो रही हैं. किसानों का कहना है कि हमने बड़ी मेहनत से धान की फसल लगाई थी, जो बर्बाद हो गई है, अब हम क्या करेंगे.

पढ़ें: धमतरी में किसानों ने बदला फैसला, धान की जगह दलहन की करेंगे खेती

कैसे चुकाएंगे लोन

किसान बताते हैं कि धान की उपज के लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया था. सोचा था कि धान की फसल को बेचतक बैंक का लोन चुका देंगे, लेकिन अब न तो हमारे पास रुपए हैं और न ही हमारी फसल, अब हम बैंक का लोन चुकाएं तो कैसे. उनका कहना है कि हमने अपनी परेशानी बताते हुए प्रशासन से इसकी शिकायत की है. अगर प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता, तो हम आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. किसानों ने बताया कि पहले वे अपनी परेशानी लेकर पत्थर खदान के मालिक के पास गए थे, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.

कोरबा: रामपुर विधानसभा क्षेत्र के करतला विकासखंड के देवलापाठ गांव के किसानों की 50 एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों का कहना है कि पत्थर खदान से निकले पानी की वजह से उनकी फसल बर्बाद हुई है. किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

किसानों की फसल बर्बाद
किसानों ने बताया कि गांव के पास मालिकराम के नाम से एक पत्थर खदान है, जिसका संचालन चितरंजन नाम का व्यक्ति कर रहा है. चितरंजन ने पत्थर खदान के पानी की निकासी के लिए एक नाली बनाई है. इस नाली के जरिए खदान का पानी 15 से 20 किसानों के खेत में जा रहा है, जिससे फसलें खराब हो रही हैं. किसानों का कहना है कि हमने बड़ी मेहनत से धान की फसल लगाई थी, जो बर्बाद हो गई है, अब हम क्या करेंगे.

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कैसे चुकाएंगे लोन

किसान बताते हैं कि धान की उपज के लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया था. सोचा था कि धान की फसल को बेचतक बैंक का लोन चुका देंगे, लेकिन अब न तो हमारे पास रुपए हैं और न ही हमारी फसल, अब हम बैंक का लोन चुकाएं तो कैसे. उनका कहना है कि हमने अपनी परेशानी बताते हुए प्रशासन से इसकी शिकायत की है. अगर प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता, तो हम आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. किसानों ने बताया कि पहले वे अपनी परेशानी लेकर पत्थर खदान के मालिक के पास गए थे, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला.

Last Updated : Nov 7, 2020, 1:44 PM IST
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