कोरबा: एक किसान पूरे 4 से 5 महीने तक अपने खून पसीने से फसलों को सींचता है. इसके बाद फसल की कटाई और समिति तक लाने के लिए ट्रैक्टर और मजदूरों का खर्च भी वहन करता है. इसके बाद जब मंडी से उन्हें धान वापस ले जाने को कहा जा रहा है, तब किसान न सिर्फ आर्थिक बल्कि मानसिक तौर पर भी परेशान हो रहा है.
किसानों का कहना है कि पहले बिना टालमटोल के उनसे धान की खरीदी की जाती थी, लेकिन इस बार गुणवत्तायुक्त और साफ-सुथरे धान की मांग की जा रही है. किसानों का कहना है कि धान में कंकड़, लाई या हल्की नमी होने पर धान को वापस ले जाने को कहा जा रहा है.
ETV भारत ने की किसानों से बातचीत
ETV भारत की टीम ने पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के वनांचल क्षेत्र स्थित धान खरीदी केंद्र बिंझरा का जायजा लिया. यहां कई ऐसे किसान मिले, जिनसे धान की खरीदी करने के बजाए उन्हें धान वापस ले जाने को कह दिया गया.
क्या कहते हैं किसान
- समिति पहुंचे किसान संदीप कंवर का कहना है कि फड़ प्रभारी ने कहा कि धान में लाई लगी है इसलिए मैं अपना धान ट्रैक्टर में वापस लादकर घर ले जा रहा हूं. अब इसे साफ करके फिर बेचने आऊंगा, जिससे मुझे 3 से 5 हजार रुपयों का अतिरिक्त नुकसान होगा.
- मल्दा गांव से मंडी पहुंचे मासूम कुरैशी का कहना है कि लाई लगने की समस्या के कारण मुझे धान साफ करके लाने को कहा गया है. 40 क्विंटल धान की सफाई करना संभव नहीं है. पहले ऐसा नहीं होता था. सरकार पहले लाई लगे हुए धान की भी खरीदी करती थी, लेकिन इस बार किसानों को परेशान किया जा रहा है.
- मोहर सिंह भी अपना ध्यान बेचने मंडी पहुंचे थे, जिनका कहना है कि मेरे धान में कंकड़ होने के कारण इसे वापस कर दिया गया.
- किसान सालिक राम इतने घबराए हुए हैं कि वह अपना धान लेकर पहले तो इसकी जांच कराने मंडी पहुंचे थे. सालिक का कहना है कि गांव के किसान कह रहे हैं कि अधिकतर किसानों के धान वापस हो जा रहे हैं इसलिए मैं ट्रैक्टर का भाड़ा बचाने के लिए पहले अपना धान लेकर इसकी जांच कराने आया हूं. यदि जांच में फड़ प्रभारी इसे पास करते हैं, तभी मैं अपना धान लेकर यहां आऊंगा.
भुगतान में भी देरी: बलदेव
सरकारी उपभोक्ता समिति बिंझरा के अध्यक्ष बलदेव सिंह पोर्ते का कहना है कि पहले ऐसी परिस्थितियां कभी नहीं रही. मैंने भी पिछले महीने की 13 तारीख को धान भेजा था, लेकिन उसका भुगतान अब तक मुझे नहीं किया गया है. पहले भुगतान भी जल्दी होता था और धान खरीदी की प्रक्रिया भी इतनी जटिल नहीं थी.
सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश: फड़ प्रभारी
बिंझर फड़ प्रभारी और समिति प्रबंधक राजाराम भारद्वाज का कहना है कि सरकार ने जो नियम बनाए हैं, उसी के तहत धान खरीदा जा रहा है. इस साल साफ-सुथरे धान की मांग की जा रही है. सरकार के स्पष्ट दिशा निर्देश हैं. यदि हम लाई, कंकड़युक्त धान रख भी लेते हैं, तो राइस मिलर्स इसे वापस कर देंगे. ऐसे में हमारी मुसीबत बढ़ जाएगी. इसलिए किसानों को धान साफ करके लाने की बात कहीं जा रही है.
टारगेट प्राप्त करना भी होगा मुश्किल: राजाराम
पिछले साल हमने बिंझरा में 2800 क्विंटल धान की खरीदी की थी. इस वर्ष 15 फरवरी तक खरीदी होनी है. अब तक आधे धान की भी खरीदी नहीं हो सकी है. टारगेट प्राप्त करना इस बार मुश्किल लग रहा है.