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बेमौसम बारिश में धुले किसानों के अरमान, पेड़ों पर नहीं लगे आम

बारिश और आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि ने आम की खेती करने वाले किसानों को भारी घाटा पहुंचाया है. आम के पेड़ों पर इस बार फल नहीं लगे हैं.

Mangoes not planted on trees
पेड़ों पर नहीं लगे आम
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Published : May 29, 2020, 11:48 AM IST

कोरबा: कोरोना वायरस का कहर, लॉकडाउन, बेमौसम बारिश और फिर आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि ने किसानों को भारी घाटा पहुंचाया है. इस साल आम की पैदावार पर भी मौसम की मार पड़ी है. आम की पैदावार पर मौसम का प्रभाव दिख रहा है. इस साल आम की पैदावार काफी कम हुई है. कम पैदावार और लॉकडाउन के कारण किसान हताश हो गए हैं.

पेड़ों पर नहीं लगे आम

कोरबा के कोरकोमा और उसके आसपास के किसान आम की खेती करते हैं, लेकिन इस साल खराब मौसम के कारण आर्थिक संकट झेल रहे हैं. दरअसल आम के पेड़ पर बौर आए ही थे कि मौसम ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. जोरदार बारिश में सारे बौर झड़ गए, जिसके बाद पेड़ों में फल ही नहीं लगे.

रोजगार संकट

लॉकडाउन में रोजगार के सारे साधन बंद हैं. ऊपर से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. वर्तमान में आम की खेती करने वाले किसान घाटा उठा रहे हैं, लेकिन रोजगार का कोई दूसरा साधन भी नहीं मिल रहा है. जिले के कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो आम की व्यावसायिक खेती करते हैं. इन्होंने अपने खेतों में रिस्क लेकर कुछ साल पहले आम की खेती शुरू की थी. अपने खेत में उन्होंने आम के पौधे लगाए. 3 से 4 सालों तक उसकी सेवा की, जिसके बाद उसमें फल लगने शुरू हुए. कुछ साल खेती मुनाफे में भी रही, लेकिन इस साल की भारी बारिश ने इनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

पढ़ें: छत्तीसगढ़: 315 हुई एक्टिव केसों की संख्या, मुंगेली से सबसे ज्यादा 81 मरीज

5 पेड़ पर लगे फल

किसान चमन सिंह कहते हैं कि पिछले कुछ सालों से आम की फसल से अच्छी कमाई हो जाती थी. उन्होंने कहा कि उनके खेत में आम के 27 पेड़ हैं, जिसमें से सिर्फ 5 पेड़ पर ही इस साल फल लगे हैं, बाकी पेड़ों पर इस साल फल नहीं लग पाए. ऐसा ही हाल क्षेत्र भर के किसानों का है. किसान मिलारन ने बताया कि पिछले साल 10 से 15000 का मुनाफा सिर्फ आम की खेती से हुआ था, लेकिन इस साल सिर्फ कुछ ही पेड़ों पर आम के फल लगे हैं, बाकी पेड़ों के बौर समय से पहले ही झड़ गए थे. जिसके कारण आम की खेती को नुकसान हुआ है.

कोरबा: कोरोना वायरस का कहर, लॉकडाउन, बेमौसम बारिश और फिर आंधी-तूफान के साथ ओलावृष्टि ने किसानों को भारी घाटा पहुंचाया है. इस साल आम की पैदावार पर भी मौसम की मार पड़ी है. आम की पैदावार पर मौसम का प्रभाव दिख रहा है. इस साल आम की पैदावार काफी कम हुई है. कम पैदावार और लॉकडाउन के कारण किसान हताश हो गए हैं.

पेड़ों पर नहीं लगे आम

कोरबा के कोरकोमा और उसके आसपास के किसान आम की खेती करते हैं, लेकिन इस साल खराब मौसम के कारण आर्थिक संकट झेल रहे हैं. दरअसल आम के पेड़ पर बौर आए ही थे कि मौसम ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. जोरदार बारिश में सारे बौर झड़ गए, जिसके बाद पेड़ों में फल ही नहीं लगे.

रोजगार संकट

लॉकडाउन में रोजगार के सारे साधन बंद हैं. ऊपर से फसलों को भारी नुकसान हुआ है. वर्तमान में आम की खेती करने वाले किसान घाटा उठा रहे हैं, लेकिन रोजगार का कोई दूसरा साधन भी नहीं मिल रहा है. जिले के कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो आम की व्यावसायिक खेती करते हैं. इन्होंने अपने खेतों में रिस्क लेकर कुछ साल पहले आम की खेती शुरू की थी. अपने खेत में उन्होंने आम के पौधे लगाए. 3 से 4 सालों तक उसकी सेवा की, जिसके बाद उसमें फल लगने शुरू हुए. कुछ साल खेती मुनाफे में भी रही, लेकिन इस साल की भारी बारिश ने इनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

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5 पेड़ पर लगे फल

किसान चमन सिंह कहते हैं कि पिछले कुछ सालों से आम की फसल से अच्छी कमाई हो जाती थी. उन्होंने कहा कि उनके खेत में आम के 27 पेड़ हैं, जिसमें से सिर्फ 5 पेड़ पर ही इस साल फल लगे हैं, बाकी पेड़ों पर इस साल फल नहीं लग पाए. ऐसा ही हाल क्षेत्र भर के किसानों का है. किसान मिलारन ने बताया कि पिछले साल 10 से 15000 का मुनाफा सिर्फ आम की खेती से हुआ था, लेकिन इस साल सिर्फ कुछ ही पेड़ों पर आम के फल लगे हैं, बाकी पेड़ों के बौर समय से पहले ही झड़ गए थे. जिसके कारण आम की खेती को नुकसान हुआ है.

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