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कोरबा : 6 सूत्रीय मांगों को लेकर होने वाली हड़ताल से कर्मचारी पीछे हटे

अधिकारियों से मीटिंग के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल का निर्णय वापस ले लिया है. सोमवार से सभी केंद्रों में धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है.

Employees back out of strike in support of 6 point demands in korba
धान
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Published : Dec 29, 2020, 1:09 PM IST

कोरबा : जिला सहकारी कर्मचारी संघ ने हड़ताल का निर्णय वापस ले लिया है. उन्होंने अपनी 6 सूत्रीय मांगों के समर्थन में 28 दिसंबर से धान खरीदी का बहिष्कार करने का एलान किया था. कर्मचारियों की बहाली की प्रमुख मांग के पूरा नहीं होने के बावजूद भी वे बैकफुट पर आ गए हैं.

कर्मचारी हड़ताल से पीछे हटे



अधिकारियों से मीटिंग के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल का निर्णय वापस ले लिया है. सोमवार से सभी केंद्रों में धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है. जिले में धान खरीदी के लिए 12.50 लाख क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. किसान खरीदी केंद्र पहुंच रहे हैं. धान खरीदी को लेकर अव्यवस्थाएं भी सामने आ रही हैं. इंटरनेट कनेक्टिविटी भी एक बड़ी समस्या है. किसानों को ऑनलाइन टोकन कटाने में भी किसानों को परेशान होना पड़ रहा है.

पढ़ें : बारदाने की कमी से किसानों के साथ धान खरीदी समितियों की बढ़ी चिंता


कर्मचारी संगठनों में भी दो फाड़ जैसी स्थिति

फड़ प्रभारियों ने कलेक्टर को एक मांग पत्र सौंपा था. इसमें प्रभारी और ऑपरेटर्स को धान खरीदी से अलग किए जाने और पटवारी द्वारा जारी उत्पादन प्रमाण पत्र से कम धान खरीदने के लिए प्रशासन द्वारा दबाव बनाने का विरोध प्रमुख मांग थी.

कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने धान खरीदी में लगे उप पंजीयक सहित प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की. मांगों को पूरी होने के पहले ही हड़ताल को खत्म कर दिया गया. संगठन का एक गुट हड़ताल वापस लिए जाने के निर्णय से नाखुश है, जबकि दूसरे गुट ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की है. इससे सरकारी कर्मचारी संघ में दो फाड़ होने जैसी स्थिति बन गई है.

कोरबा : जिला सहकारी कर्मचारी संघ ने हड़ताल का निर्णय वापस ले लिया है. उन्होंने अपनी 6 सूत्रीय मांगों के समर्थन में 28 दिसंबर से धान खरीदी का बहिष्कार करने का एलान किया था. कर्मचारियों की बहाली की प्रमुख मांग के पूरा नहीं होने के बावजूद भी वे बैकफुट पर आ गए हैं.

कर्मचारी हड़ताल से पीछे हटे



अधिकारियों से मीटिंग के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल का निर्णय वापस ले लिया है. सोमवार से सभी केंद्रों में धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है. जिले में धान खरीदी के लिए 12.50 लाख क्विंटल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. किसान खरीदी केंद्र पहुंच रहे हैं. धान खरीदी को लेकर अव्यवस्थाएं भी सामने आ रही हैं. इंटरनेट कनेक्टिविटी भी एक बड़ी समस्या है. किसानों को ऑनलाइन टोकन कटाने में भी किसानों को परेशान होना पड़ रहा है.

पढ़ें : बारदाने की कमी से किसानों के साथ धान खरीदी समितियों की बढ़ी चिंता


कर्मचारी संगठनों में भी दो फाड़ जैसी स्थिति

फड़ प्रभारियों ने कलेक्टर को एक मांग पत्र सौंपा था. इसमें प्रभारी और ऑपरेटर्स को धान खरीदी से अलग किए जाने और पटवारी द्वारा जारी उत्पादन प्रमाण पत्र से कम धान खरीदने के लिए प्रशासन द्वारा दबाव बनाने का विरोध प्रमुख मांग थी.

कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने धान खरीदी में लगे उप पंजीयक सहित प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की. मांगों को पूरी होने के पहले ही हड़ताल को खत्म कर दिया गया. संगठन का एक गुट हड़ताल वापस लिए जाने के निर्णय से नाखुश है, जबकि दूसरे गुट ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की है. इससे सरकारी कर्मचारी संघ में दो फाड़ होने जैसी स्थिति बन गई है.

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