कोरबा: बिजली विभाग ने जिले के एक व्यापारी को उसके दुकान और घर को मिलाकर 1 लाख 7 हजार का बिजली बिल भेजा, जिसके बाद इस बिल को चुकाने के लिए व्यापारी ने दो बोरी सिक्के दुकान के कर्मचारी के हाथों विद्युत वितरण कंपनी के कार्यालय भेजवाया, जहां बिजली विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सिक्कों को लेने से इंकार कर दिया.
दुकान और घर के नाम पर भेजा बिल
मामला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के तुलसी नगर जोन कार्यालय का है, जिसमें विभाग ने हिन्दुस्तान क्लाथ स्टोर मुख्य मार्ग पॉवर हाउस रोड के नाम पर 67 हजार का और जिस व्यापारी की दुकान है उसके घर के नाम 30 हजार का बिजली बिल भेजा.
इस बिल को चुकता करने के लिए व्यापारी ने अपने संस्थान से एक कर्मचारी को विभाग के दफ्तर भेजा. कर्मचारी दो बोरियों में 42 हजार रुपए का सिक्का लेकर बिल जमा करने पहुंचा था. बोरियों में 1, 2 और 5 रुपए के सिक्के थे. बिजली बिल जमा करने के लिए सिक्कों को एटीपी मशीन में काम करने वाले कर्मचारी को दिया, जिसके बाद इतने सिक्कों को देखकर कर्मचारी हैरान रह गया और लेकिन भीड़ का हवाला देकर दुकान के कर्मचारी को किनारे कर दिया.
काफी देर इंतजार के बाद भी सिक्के एटीपी मशीन में जमा नहीं हुए, तो कर्मचारी सिक्कों को लेकर वितरण कंपनी के इंजीनियर के पास पहुंचा और अपनी परेशानी बताई. इंजीनियर ने भी थोड़ी देर इंतजार करने को कहा, लेकिन कई घंटे इंतजार करने के बाद भी पैसे जमा नहीं हुए, तो दुकान का कर्मचारी सिक्कों को लेकर वापस चला गया.
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व्यापारी के दोस्त ने बताई आपबीती
व्यापारी के दोस्त ने बताया कि, 'उसकी बिस्किट और चॉकलेट की दुकान है जिसमें रोजाना बड़ी संख्या में सिक्के ही आते हैं, जिस वजह से व्यापारी ने उन्हीं सिक्कों से बिल भरने का सोचा, लेकिन बिजली विभाग इन सिक्कों को लेने से मना कर रहा है. बैंक में जाने से बैंक के कर्मचारी सिक्कों के बदले नोट देने को तैयार नहीं है और कहते हैं कि इसे बाजार में चलाओ इसलिए अब दुकानदार करे तो क्या करे.'