कोरबा: कोरबा जिले की खदानों का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया है. वीडियो वायरल होने के बाद आईजी ने जांच के आदेश दे दिए (Orders to dig pits around the mine in korba ) हैं. शुक्रवार को कलेक्टर रानू साहू और एसपी भोजराम पटेल खुद दीपका और गेवरा कोयला खदान का जायजा लेने पहुंचे. जिस स्थान का कलेक्टर, एसपी ने जायजा लिया वह वायरल वीडियो की तस्वीरों से मिलती-जुलता लग रहा है. फिलहाल यह पुष्टि नहीं हुई है कि वायरल वीडियो किस जगह का है. कलेक्टर ने खदान के चारों ओर लंबी खाई खोदने के आदेश दिए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी ऐसे निर्देश दिए गए थे लेकिन एसईसीएल द्वारा लापरवाही बरतने के कारण काम नहीं हुआ.
पैदल घूम कर अधिकारियों ने लिया खदान का जायजा : कोरबा कलेक्टर रानू साहू और एसपी भोजराम पटेल ने एसईसीएल क्षेत्र गेवरा और दीपका के कोयला खदानों का निरीक्षण किया. कलेक्टर ने एसपी की मौजूदगी में कोयला खदानों में कोयला चोरी की शिकायत और कोयला चोरी को लेकर कोयला खदानों में पूछताछ की. जब सीआईएसएफ के अधिकारियों ने कहा कि रास्ता बंद करने पर ग्रामीण इसे फिर तोड़ देते हैं. तब कलेक्टर ने उन्हें जवाब दिया कि "उन्हें अपना काम करने दो और आप अपना काम कीजिए."
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जेसीबी बुलाकर खुदवाया गड्ढा: कलेक्टर ने एसईसीएल और सीआईएसएफ के अधिकारियों से खदानों में होने वाले अवैध कोयला चोरी और अवैध प्रवेश-निकास द्वारों के बारे में जानकारी ली. उन्होंने खदान क्षेत्र के अंतर्गत नरईबोध, भठोरा, रलिया और अमगांव में जाकर विभिन्न एन्ट्री और एग्जिट पॉइन्टस का जायजा लिया. इन क्षेत्रों में कोयला चोरी रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और घेराबंदी नहीं मिली. सुरक्षा व्यवस्था और ट्रेंचिंग (लंबा खाईनुमा गड्ढा) नहीं पाये जाने पर कलेक्टर ने एसईसीएल और सीआईएसएफ के अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई. कलेक्टर ने मौके पर ही जेसीबी के जरिए अवैध रास्तों पर ट्रेंचिंग करवाने के निर्देश दिये. कलेक्टर की मौजूदगी में ही ट्रेंचिंग का काम शुरू किया गया.
खदान के मुहाने पर एसआई या टीआई को बिठाने के भी आदेश: कोरबा कलेक्टर रानू साहू ने अवैध कोयला उत्खनन और चोरी रोकने के लिए चिन्हांकित जगहों पर चेक पोस्ट बनाकर एसआई रैंक के अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश सीआईएसएफ के अधिकारियों को दिये. ऐसी जगहों पर सीसीटीवी लगाकर निगरानी करने के निर्देश भी दिये. इस दौरान एसईसीएल, सीआईएसएफ, खनिज विभाग के अधिकारी और एसडीएम कटघोरा कौशल प्रसाद तेंदुलकर भी मौजूद रहे.
खदान की सुरक्षा एसईसीएल की जिम्मेदारी : कलेक्टर ने कहा कि "फरवरी में सीआईएसएफ, एसईसीएल के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर कोयला खदानों में कोयला चोरी रोकने के लिए जरूरी सुरक्षा के इंतजाम और खदानों की घेराबंदी करने के निर्देश दिये थे. चेक पोस्ट बनाकर कोयला चोरी को रोकने के लिए निगरानी रखने के भी निर्देश दिये थे. सीआईएसएफ खदानों की सुरक्षा के लिए तैनात है. ऐसे में खदानों से कोयला चोरी को रोकने के लिए उचित व्यवस्था की जिम्मेदारी भी सुरक्षा एजेंसी की है. एसईसीएल और सीआईएसएफ ने निर्देशों का पालन ठीक ढंग से नहीं किया."
एसईसीएल ने कहा पुलिस की जिम्मेदारी : एसईसीएल की ओर से जनसंपर्क अधिकारी सनिष चंद्र का कहना है कि पुलिस के समन्वय से ही काम संभव होता है. सनीष ने कहा कि, "खदानों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ जैसे पेशेवर सुरक्षा बल तैनात हैं. औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा में अत्यंत अनुभवी कार्य बल है. कबाड़, डीजल चोरी या किसी भी प्रकार के अन्य गैर कानूनी गतिविधियों की रिपोर्ट तत्काल पुलिस को दी जाती है. एक व्यवस्था है, जो राज्य शासन के साथ समन्वय में काम करती है. फिलहाल वीडियो की जांच पुलिस टीम कर रही है. जल्द ही सच सामने आएगा. राज्य शासन के साथ एसईसीएल की टीम मौके पर है. आशा है कि तत्काल प्रभाव से नतीजे आने शुरू होंगे.''