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कोरबा : शहर को कचरा मुक्त करने की पहल, हटाए जाएंगे डस्टबिन

डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाइडलाइन ढाई साल पहले ही आ चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद निगम ने 200 से अधिक कंटेनर की खरीदी की.

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Published : Jun 5, 2019, 10:52 PM IST

सड़क किनारे रखे डस्टबिन

कोरबा: नगर पालिका निगम ने शहर को डस्टबिन मुक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी है. रोड किनारे, सार्वजनिक जगहों और बाजारों में लगे डस्टबिन्स को हटाया जा रहा है. डोर-टू-डोर कलेक्शन को बढ़ावा देने शहर के सारे डस्टबिन हटाए जा रहे हैं.

हटाए जाएंगे डस्टबिन

दरअसल, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाइडलाइन ढाई साल पहले ही आ चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद निगम ने 200 से अधिक कंटेनर की खरीदी की. एक तरफ कंटनेर खरीद लिए गए और दूसरी तरफ डोर टू डोर कलेक्शन भी शुरू हो गया है. अब ढाई साल बाद निगम इन कंटेनर्स को शहर से पूरी तरह हटाने जा रही है. हालांकि अगर किसी उद्यान, मैदान या कार्यालय परिसर में कोई डस्टबिन लगाना चाहता है तो वो अपने स्तर पर लगा सकता है.

डस्टबिन के आस-पास फैला कचरा
निगम अपर आयुक्त अशोक शर्मा ने बताया कि, 'लोग अपने घरों, संस्थानों और दुकानों में डस्टबिन रख सकते हैं. इससे डोर-टू-डोर कलेक्शन करने वालों को आसानी होगी'. उन्होंने कहा कि, 'सार्वजनिक जगहों में डस्टबिन होने के बावजूद भी लोग डस्टबिन के आस-पास कचरा फैला रहे थे, जिसे देखते हुए ये कदम उठाया गया है'. आयुक्त का मानना है कि इससे धीरे-धीरे लोगों में जागरुकता आएगी और कचरा सड़क पर नहीं फैलेगा.

कोरबा: नगर पालिका निगम ने शहर को डस्टबिन मुक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी है. रोड किनारे, सार्वजनिक जगहों और बाजारों में लगे डस्टबिन्स को हटाया जा रहा है. डोर-टू-डोर कलेक्शन को बढ़ावा देने शहर के सारे डस्टबिन हटाए जा रहे हैं.

हटाए जाएंगे डस्टबिन

दरअसल, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाइडलाइन ढाई साल पहले ही आ चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद निगम ने 200 से अधिक कंटेनर की खरीदी की. एक तरफ कंटनेर खरीद लिए गए और दूसरी तरफ डोर टू डोर कलेक्शन भी शुरू हो गया है. अब ढाई साल बाद निगम इन कंटेनर्स को शहर से पूरी तरह हटाने जा रही है. हालांकि अगर किसी उद्यान, मैदान या कार्यालय परिसर में कोई डस्टबिन लगाना चाहता है तो वो अपने स्तर पर लगा सकता है.

डस्टबिन के आस-पास फैला कचरा
निगम अपर आयुक्त अशोक शर्मा ने बताया कि, 'लोग अपने घरों, संस्थानों और दुकानों में डस्टबिन रख सकते हैं. इससे डोर-टू-डोर कलेक्शन करने वालों को आसानी होगी'. उन्होंने कहा कि, 'सार्वजनिक जगहों में डस्टबिन होने के बावजूद भी लोग डस्टबिन के आस-पास कचरा फैला रहे थे, जिसे देखते हुए ये कदम उठाया गया है'. आयुक्त का मानना है कि इससे धीरे-धीरे लोगों में जागरुकता आएगी और कचरा सड़क पर नहीं फैलेगा.

Intro:कोरबा नगर पालिका निगम ने शहर को डस्टबिन मुक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी है। रोड के किनारे, सार्वजनिक जगहों और बाज़ारों में लगे डस्टबिन अब दिखाई नहीं देंगे। डोर टू डोर कलेक्शन को बढ़ावा देने शहर के सारे डस्टबिन अब कबाड़ में चले जाएंगे।


Body:दरअसल, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की गाइडलाइन ढाई साल पहले ही आ चुकी थी। लेकिन इसके बावजूद निगम ने 200 से अधिक कंटेनर की खरीदी कर ली। एक तरफ कंटनेर खरीद लिए गए और दूसरी तरफ डोर टू डोर कलेक्शन भी शुरू हो गया। अब ढाई साल बाद निगम इन कंटनेर को शहर से पूरी तरह हटा देगी। हालांकि अगर किसी उद्यान, मैदान या कार्यालय परिसर में कोई डस्टबिन लगाना चाहता है तो वो अपने स्तर पर लगा सकता।
निगम अपर आयुक्त अशोक शर्मा ने बताया कि लोग अपने घरों, संस्थानों और दुकानों में डस्टबिन रख सकते हैं। इससे डोर टू डोर कलेक्शन वालों को आसानी होगी उन डस्बीनों से कचरा कलेक्ट करने में और इससे सड़क चौराहों में कचरे नहीं फैलेंगे। अपर आयुक्त ने कहा कि सार्वजनिक जगहों में डस्टबिन लगने से भी लोग डस्टबिन के आस पास कचरा फैला रहे थे। अब लोगों को कचरा सड़क पर न फेंकने की ज़िम्मेदारी महसूस कराई जाएगी कि वे कचरा अपने साथ रखें और अपने घर में इक्कट्ठा करें जिसे डोर टू डोर कलेक्शन वाले ले जाएंगे। अपर आयुक्त का मानना है कि धीरे धीरे लोगों में जागरूकता आएगी और कचरे सड़क पर नहीं फैलेगा।

बाइट- अशोक शर्मा, अपर आयुक्त, कोरबा नगर पालिका निगम


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