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कोरबा : OPD के बाद आपातकालीन सेवाएं भी ठप, मरीज हो रहे परेशान - कोरबा सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों का हड़ताल

सरकारी अस्पतालों में नए नियम लागू करने से सरकार और डॉक्टरों में ठन गई है. अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर अड़ गए हैं और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.

doctors strike against changing in opd timings in korba
डॉक्टरों ने की आपातकालीन सेवा बंद
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Published : Jan 16, 2020, 9:18 PM IST

कोरबा : जिले के सरकारी अस्पतालों में दो शिफ्ट में OPD सेवाएं शुरू किए जाने को लेकर डॉक्टरों का विरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मामले में आम सहमती नहीं बन पाने के बाद गुरुवार से डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. पहले OPD की सेवाएं बाधित की गई थी और अब आपातकालीन सेवाओं को भी ठप कर दिया गया है.

हड़ताल की वजह से मरीज और मितानिनों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. मामले में स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि, 'वैकल्पिक तौर पर दूसरे डॉक्टरों की व्यवस्था की गई है'.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डॉक्टर
सरकारी अस्पतालों में नए नियम लागू करने से सरकार और डॉक्टरों में ठन गई है. अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर अड़ गए हैं और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. पहले तो सिर्फ ओपीडी सेवाओं को बंद किया गया था, लेकिन अब आपातकालीन सेवाओं को भी ठप कर दिया गया है, जिससे सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को अस्पताल लेकर आने वाली मितानिनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

'पहले ही है काम का ज्यादा बोझ'
डॉक्टरों का कहना है कि, 'पहले ही उन पर काम का काफी बोझ है. उसके बाद भी शाम के समय ओपीडी सेवाओं को शुरू करने का सरकार का नियम समझ से परे है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि, 'पहले स्टाफ की संख्या बढ़ाएं उसके बाद ही नया नियम लागू करें'.

जिला अस्पताल में कुल 20 चिकित्सा अधिकारी हैं, जिनमें से दो को छोड़कर सभी हड़ताल पर चले गए हैं. यही स्थिती दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों की भी है, जहां चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं.

सवालों के घेरे में रहती है सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था
देखा जाए तो अक्सर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में रहती है ऊपर से डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से व्यवस्था और ज्यादा बिगड़ गई है, हालांकि जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने हड़ताल पर गए डॉक्टरों का विकल्प तलाश लेने की बात कही है. ओपीडी सेवाओं के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सहायता ली जा रही है.

कोरबा : जिले के सरकारी अस्पतालों में दो शिफ्ट में OPD सेवाएं शुरू किए जाने को लेकर डॉक्टरों का विरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. मामले में आम सहमती नहीं बन पाने के बाद गुरुवार से डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं. पहले OPD की सेवाएं बाधित की गई थी और अब आपातकालीन सेवाओं को भी ठप कर दिया गया है.

हड़ताल की वजह से मरीज और मितानिनों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. मामले में स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि, 'वैकल्पिक तौर पर दूसरे डॉक्टरों की व्यवस्था की गई है'.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डॉक्टर
सरकारी अस्पतालों में नए नियम लागू करने से सरकार और डॉक्टरों में ठन गई है. अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर अड़ गए हैं और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. पहले तो सिर्फ ओपीडी सेवाओं को बंद किया गया था, लेकिन अब आपातकालीन सेवाओं को भी ठप कर दिया गया है, जिससे सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को अस्पताल लेकर आने वाली मितानिनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

'पहले ही है काम का ज्यादा बोझ'
डॉक्टरों का कहना है कि, 'पहले ही उन पर काम का काफी बोझ है. उसके बाद भी शाम के समय ओपीडी सेवाओं को शुरू करने का सरकार का नियम समझ से परे है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि, 'पहले स्टाफ की संख्या बढ़ाएं उसके बाद ही नया नियम लागू करें'.

जिला अस्पताल में कुल 20 चिकित्सा अधिकारी हैं, जिनमें से दो को छोड़कर सभी हड़ताल पर चले गए हैं. यही स्थिती दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों की भी है, जहां चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं.

सवालों के घेरे में रहती है सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था
देखा जाए तो अक्सर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में रहती है ऊपर से डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से व्यवस्था और ज्यादा बिगड़ गई है, हालांकि जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ने हड़ताल पर गए डॉक्टरों का विकल्प तलाश लेने की बात कही है. ओपीडी सेवाओं के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सहायता ली जा रही है.

Intro:
डॉक्टरों की हड़ताल में परेशान हो रहे मरीज और मितानिन

कोरबा। सरकारी अस्पतालों में दो शिफ्ट में ओपीडी सेवाएं शुरु किए जाने को लेकर डाॅक्टरों का विरोध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। मामले में आम सहमती नहीं बन पाने के बाद गुरुवार से चिकित्सक हड़ताल में पर चले गए हैं। पहले ओपीडी की सेवाएं बाधित की गई थी और अब आपातकालीन सेवाओं को भी ठप्प कर दिया गया है। हड़ताल की वजह से मरीज और मितानिनों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। और स्वास्थ्य विभाग कह रहा है कि वैकल्पिक तौर पर अन्य चिकित्सकों की व्यवस्था की गई है।Body:सरकारी अस्पतालों में नए नियम लागू करने से सरकार और चिकित्सकों में ठन गई है। अपनी मांगो को लेकर चिकित्सक अड़ गए हैं और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पहले तो केवल ओपीडी सेवाओं को बंद किया गया था लेकिन अब आपातकालीन सेवाओं को भी ठप्प कर दिया गया है जिससे सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ने के साथ ही ग्रामीण छेत्रों से लोगों को अस्पताल लेकर आने वाली मितानिनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इधर डाॅक्टरों का कहना है,कि पहले ही उन पर काम का काफी बोझ है उसके बाद भी शाम के समय ओपीडी सेवाओं को शुरु करने का सरकार का नियम समझ से परे हैं। उन्होंने स्पष्ट रुप से कहा है,कि पहले स्टाफ की संख्या बढ़ाए उसके बाद ही नया नियम लागू करें। जिला अस्पताल में कुल 20 चिकित्साधिकारी हैं जिनमें से दो को छोड़कर सभी हड़ताल पर चले गए हैं। यही स्थिती अन्य स्वास्थ्य केंद्रो की भी है जहां चिकित्सक अपनी मांगो को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं।Conclusion:डाॅक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से जिले की स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। देखा जाय तो अक्सर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में रहती है उपर से डाॅक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से व्यवस्था और ज्यादा बिगड़ गई है। हलांकि जिले के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने हड़ताल पर गए डाॅक्टरों का विकल्प तलाश लेने की बात कही है। ओपीडी सेवाओं के लिए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की सहायता ली जा रही है।
डाॅक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। डाॅक्टरों की हड़ताल कब तक चलेगी इस बात का पता तो नहीं चल सका है लेकिन मांगो को लेकर रायपुर में डाॅक्टरों और शासन के बीच बैठक चल रही है, बैठक में निर्णय होने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

बाईट: डाॅ.बी.बी.बोर्डे,सीएमएचओ कोरबा

बाईट: डाॅ.रविकांत राठौर,चिकित्साधिकारी जिला अस्पताल
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