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कोरबा: कोरोना संकमण को फैलने से रोकने प्रशासन ने लोगों से की ये अपील

कोरबा जिला प्रशासन ने जिले में हो रहे प्रवासी मजदूरों के प्रवेश को लेकर चिंता जाहिर की है. साथ ही लोगों से अपील की है कि अगर कोई भी व्यक्ति दूसरे राज्यों या जिले से कोरबा में आया हो, तो तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को दें. कलेक्टर किरण कौशल ने भी शुक्रवार को अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली और कई निर्देश दिए.

Collector took important meeting of officials
कलेक्टर ने ली अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक
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Published : May 15, 2020, 4:51 PM IST

कोरबा : प्रवासी मजदूरों के जिले की सीमा में लगातार हो रहे प्रवेश से चिंतित जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे राज्यों या जिले से कोरबा में आया हो, तो तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को दें. इसके लिए प्रशासन ने फोन नंबर भी जारी किया है. सूचना देने के लिए लोग जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को 07759-224827 और 228548 पर फोन कर सकते हैं. कलेक्टर किरण कौशल ने जिले में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों और लोगों को देखते हुए यह अपील जिलेवासियों से की है.

बता दें कि कोरबा में बाहर से आने वाले किसी भी मजदूर, विद्यार्थी, तीर्थ यात्री, पर्यटक और अन्य किसी भी कारण से आने वाले लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया गया है. वहीं रेलों, बसों या पैदल चलकर दूसरे राज्यों से कोरबा में पहुंचे लोगों को 14 दिनों तक प्रशासन की ओर से बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा. वहीं ऐसे लोगों की जानकारी छिपाने और उनसे कोरोना संक्रमण फैलने पर संबंधित लोगों के खिलाफ महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

कलेक्टर ने दी जानकारी

कलेक्टर किरण कौशल ने शुक्रवार को अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेकर जरूरी निर्देश दिए. कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को सीधे उनके घर जाने से रोककर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि जिलेवासियों में कोरोना संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उनकी बेहतरी के लिए ही यह व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि बाहर से आए लोगों को सीधे घर नहीं जाने देकर 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.

पढ़ें: कटघोरा में दुकानों के खुलने से लोगों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

कलेक्टर कौशल ने बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर और अन्य किसी कारणों से बाहर गए लोगों के वापस लौटकर सीधे अपने-अपने घर पहुंचने से ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोरोना के फैलने का खतरा है, जिसे देखते हुए ही जिला प्रशासन ने ये फैसला लिया है. कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि बाहर से आए किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को दें.

इन चीजों की हो चुकी है पूरी व्यवस्थाएं

कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटरों की पूरी व्यवस्थाएं कर ली है. जिले में ग्रामीण और शहरी इलाकों को मिलाकर अब तक 111 क्वॉरेंटाइन सेंटरों में साढ़े सात हजार लोगों को क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था की जा चुकी है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों के 14 दिनों तक रुकने, भोजन, साफ-सफाई, शौचालय, स्नानागार, पंखे और सुरक्षा के साथ-साथ मेडिकल चेकअप और सामान्य इलाज की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है.

पढ़ें: दिल्ली में फंसे कोरबा के 73 लोगों की हुई वापसी, किया गया क्वॉरेंटाइन

कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अभी तक दूसरे राज्यों और जिलों से आए एक हजार से भी ज्यादा लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले उच्च और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए उनकी मांग पर पेड क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की है. शहरी क्षेत्रों में नौ अलग-अलग होटलों और लॉज में बनाए गए पेड क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में अभी तक 84 लोगों को रखा गया है.

पेड क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था

प्रशासन की ओर से होटल संचालकों की सहमति से निर्धारित की गई रियायती दर में ठहरने के साथ-साथ सुबह-शाम का नाश्ता और दोपहर-रात का खाना शामिल किया गया है. पेड क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों को किसी भी अतिरिक्त सुविधा के लिए होटल संचालकों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा. कलेक्टर ने यह भी बताया कि बाहर से आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए भी जिला प्रशासन ने आइसोलेशन की व्यवस्था की है.

पढ़ें: मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बीजापुर में कोरोना के हालात पर चर्चा

बाहर से आने वाले बुजुर्गों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं जिन्हें कोरोना से बचाव के साथ-साथ अन्य परेशानियों के लिए भी अतिरिक्त चिकित्सा और देखरेख की जरूरत है, ऐसे सभी लोगों को जिला प्रशासन की ओर से बालाजी ट्रॉमा सेंटर में आइसोलेशन में रखने की व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की है कि उनके घर-परिवार, रिश्तेदारों या आस-पड़ोस में कहीं भी बाहर से आने वाले लोग दिखें, तो इसकी सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दें, ताकि जिले में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके.

कोरबा : प्रवासी मजदूरों के जिले की सीमा में लगातार हो रहे प्रवेश से चिंतित जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे राज्यों या जिले से कोरबा में आया हो, तो तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को दें. इसके लिए प्रशासन ने फोन नंबर भी जारी किया है. सूचना देने के लिए लोग जिला प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग को 07759-224827 और 228548 पर फोन कर सकते हैं. कलेक्टर किरण कौशल ने जिले में बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों और लोगों को देखते हुए यह अपील जिलेवासियों से की है.

बता दें कि कोरबा में बाहर से आने वाले किसी भी मजदूर, विद्यार्थी, तीर्थ यात्री, पर्यटक और अन्य किसी भी कारण से आने वाले लोगों की जानकारी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य किया गया है. वहीं रेलों, बसों या पैदल चलकर दूसरे राज्यों से कोरबा में पहुंचे लोगों को 14 दिनों तक प्रशासन की ओर से बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रखा जाएगा. वहीं ऐसे लोगों की जानकारी छिपाने और उनसे कोरोना संक्रमण फैलने पर संबंधित लोगों के खिलाफ महामारी नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.

कलेक्टर ने दी जानकारी

कलेक्टर किरण कौशल ने शुक्रवार को अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक लेकर जरूरी निर्देश दिए. कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि बाहर से आने वाले लोगों को सीधे उनके घर जाने से रोककर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन किया जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि जिलेवासियों में कोरोना संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर उनकी बेहतरी के लिए ही यह व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि बाहर से आए लोगों को सीधे घर नहीं जाने देकर 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.

पढ़ें: कटघोरा में दुकानों के खुलने से लोगों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

कलेक्टर कौशल ने बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर और अन्य किसी कारणों से बाहर गए लोगों के वापस लौटकर सीधे अपने-अपने घर पहुंचने से ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोरोना के फैलने का खतरा है, जिसे देखते हुए ही जिला प्रशासन ने ये फैसला लिया है. कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि बाहर से आए किसी भी व्यक्ति की जानकारी तत्काल जिला प्रशासन को दें.

इन चीजों की हो चुकी है पूरी व्यवस्थाएं

कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन ने संस्थागत क्वॉरेंटाइन सेंटरों की पूरी व्यवस्थाएं कर ली है. जिले में ग्रामीण और शहरी इलाकों को मिलाकर अब तक 111 क्वॉरेंटाइन सेंटरों में साढ़े सात हजार लोगों को क्वॉरेंटाइन करने की व्यवस्था की जा चुकी है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में लोगों के 14 दिनों तक रुकने, भोजन, साफ-सफाई, शौचालय, स्नानागार, पंखे और सुरक्षा के साथ-साथ मेडिकल चेकअप और सामान्य इलाज की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है.

पढ़ें: दिल्ली में फंसे कोरबा के 73 लोगों की हुई वापसी, किया गया क्वॉरेंटाइन

कलेक्टर किरण कौशल ने बताया कि इन क्वॉरेंटाइन सेंटरों में अभी तक दूसरे राज्यों और जिलों से आए एक हजार से भी ज्यादा लोगों को क्वॉरेंटाइन किया गया है. कलेक्टर ने बताया कि बाहर से आने वाले उच्च और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए उनकी मांग पर पेड क्वॉरेंटाइन की व्यवस्था भी जिला प्रशासन ने की है. शहरी क्षेत्रों में नौ अलग-अलग होटलों और लॉज में बनाए गए पेड क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में अभी तक 84 लोगों को रखा गया है.

पेड क्वॉरेंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था

प्रशासन की ओर से होटल संचालकों की सहमति से निर्धारित की गई रियायती दर में ठहरने के साथ-साथ सुबह-शाम का नाश्ता और दोपहर-रात का खाना शामिल किया गया है. पेड क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों को किसी भी अतिरिक्त सुविधा के लिए होटल संचालकों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा. कलेक्टर ने यह भी बताया कि बाहर से आने वाले बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए भी जिला प्रशासन ने आइसोलेशन की व्यवस्था की है.

पढ़ें: मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, बीजापुर में कोरोना के हालात पर चर्चा

बाहर से आने वाले बुजुर्गों, बीमारों, गर्भवती महिलाओं जिन्हें कोरोना से बचाव के साथ-साथ अन्य परेशानियों के लिए भी अतिरिक्त चिकित्सा और देखरेख की जरूरत है, ऐसे सभी लोगों को जिला प्रशासन की ओर से बालाजी ट्रॉमा सेंटर में आइसोलेशन में रखने की व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की है कि उनके घर-परिवार, रिश्तेदारों या आस-पड़ोस में कहीं भी बाहर से आने वाले लोग दिखें, तो इसकी सूचना तत्काल जिला प्रशासन को दें, ताकि जिले में कोरोना संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सके.

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