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कटघोरा: हंगामेदार रही नगरपालिका की सामान्य सभा, बीजेपी-कांग्रेस के बीच हुई तीखी नोकझोंक

कटघोरा नगर पालिका की सामान्य सभा की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान नगरपालिका की तरफ से हुई राशन सामग्री की खरीदी और पुष्पवाटिका में तैयार हुए नए ओपन जिम का मुद्दा उठा दिया. उक्त दोनों ही मुद्दे एजेंडे में शामिल नहीं थे, लिहाजा विपक्ष को जवाब नहीं मिल सका.

dispute in the meeting of Katghora municipality
कटघोरा नगर पालिका
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Published : Nov 4, 2020, 12:14 PM IST

कटघोरा: कोरोना संक्रमण काल से उबरने के बाद कटघोरा नगरपालिका परिषद की पहली सामान्य सभा पूरी तरह हंगामेदार रही. नेता प्रतिपक्ष अर्चना अग्रवाल, उपाध्यक्ष बजरंग पटेल और बीजेपी के अन्य पार्षदों ने नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल समेत अफसरों पर अनियमितता और घोटालो के गंभीर आरोप लगाए. बैठक के पहले भी कुछ विवादित मुद्दों को चर्चा में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन उनकी इस मांग को दरकिनार करते हुए मुख्यनगरपालिका अधिकारी ने नगर अध्यक्ष से दस दूसरे बिन्दुओं पर अनुमोदन हासिल किया और फिर उन्हीं विषयो पर विस्तार से चर्चा हुई.

कटघोरा नगर पालिका


मंगलवार को सामान्य सभा की यह बैठक स्थानीय सांस्कृतिक भवन परिसर में हुई. विपक्षी पार्षद सत्ता पक्ष को घेरने के लिए पूरी तैयारी से पहुंचे थे. विपक्ष ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान नगरपालिका की तरफ से हुई राशन सामग्री की खरीदी और पुष्पवाटिका में तैयार हुए नए ओपन जिम का मुद्दा उठा दिया. उक्त दोनों ही मुद्दे एजेंडे में शामिल नहीं थे, लिहाजा विपक्ष को जवाब नहीं मिल सका.


विपक्ष का सत्ता पक्ष पर आरोप

बीजेपी पार्षदों ने मीडिया से बात करने के दौरान बताया की कटघोरा नगर पालिका पूरी तरह से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है. नगरपालिका के सत्ताशीन जनप्रतिनिधि और अफसरों को ना ही विपक्ष का डर है और ना ही जनता का खौफ. आपदा को अवसर में बदलकर पालिका के नेताओं ने खरीदी पर जमकर गड़बड़िया की हैं. उन्होंने बताया कि ओपन जिम के लिए करीब 17 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. वह सामान तीन से चार लाख रुपये की लागत के हैं. इसी तरह कोरोना के दौरान शहरवासियों को निःशुल्क राशन वितरण की व्यवस्था भी पूरी तरह अपारदर्शी रही. राशन में सामान की कुल लागत प्रति पैकेट तीन सौ रुपये के आसपास थी, लेकिन उनका भुगतान प्रति पैकेट पांच सौ रुपये की दर से किया गया.

पढ़ें- रायपुर: 6 नवंबर के नगर निगम की सामान्य सभा, 1 घंटे का होगा प्रश्नकाल

कुछ दिन बाद ही चोरी हो गए सीसीटीवी कैमरे

बीजेपी पार्षद बजरंग पटेल ने बताया कि करीब चार लाख रुपये का भुगतान 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के लिए किया गया था, लेकिन अब उनमें से एक भी कैमरा अपनी जगह पर नहीं है. पूछे जाने पर बताया गया कि ज्यादातर कैमरे अनलॉक के दौरान चोरी हो गए, जबकि कुछ नगरपालिका के पास हैं. इस पर जब विपक्ष ने पुलिस शिकायत की कॉपी मांगी तो वह भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया. वहीं मीडिया की नो एंट्री पर बिफरे बीजेपी पार्षदों ने कहा की अपने बचाव और पोल खुलने के डर से मीडियाकर्मियों को बैठक में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जबकि उन्हें बाहर आने से और मीडिया से बात करने से भी मना किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मौजूदा नगरपालिका के सभी जनप्रतिनिधि बेहद परेशान है. उनके वार्डो में विकास कार्य रुके हुए हैं. पेयजल, सड़क और दूसरे मूलभूत सुविधाओं के लिए उन्हें बार-बार गुहार लगानी पड़ रही है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. पार्षद शरद अग्रवाल ने कहा कि अगर उनके उठाये मुद्दों की अनदेखी हुई तो वह इसकी शिकायत एसडीएम और फिर जिला कलेक्टर से भी करेंगे. इसके पश्चात शीर्ष नेताओ के माध्यम से विधानसभा के सत्र में भी यह मामला पुरजोर तरीके से उठाये जायेंगे.

विपक्ष के पार्षद अपरिपक्व

बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल ने वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद शरद अग्रवाल को अपरिपक्व करार देते हुए बीजेपी के दूसरे पार्षदों को आड़े हाथ लिया. मित्तल ने कहा की कांग्रेस को बदनाम करने और शहर में विकास की रफ्तार को रोकने का यह हथकंडा पुराना है. कोरोना काल के दौरान हुई प्रत्येक खरीदारी पूरी तरह से जिला प्रशासन के देखरेख में की गई है. वे चाहे तो जिला कलेक्टर से भेंटकर अपनी आपत्तियों का निराकरण कर सकते है. रतन मित्तल ने कहा की कुछ वर्षों पूर्व सरकारी खरीदियों में पारदर्शिता लाने और कागजी गड़बड़ियों को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ई-जैम पोर्टल की शुरुवात की थी. उनकी सरकार ने भी ज्यादातर खरीदियां ऑनलाइन तरीके से की है. मांग, आपूर्ति और भुगतान का पूरा लेखा-जोखा मौजूद है. सभी मानक दर सरकार की तरफ से तय किये गये थे. किसी भी तरह का भुगतान गलत तरीके से नहीं किया गया है. उन्होंने बताया की इन दिनों गौरव पथ का निर्माण कार्य जारी है. इसमें देरी का ठीकरा उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर फोड़ा है.

पढ़ें- CGPSC एग्जाम केस: हाईकोर्ट का फैसला, नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश
पत्रकारों से चर्चा के लिए हर वक़्त तैयार हूं
नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल ने कहा कि सवाल बैठक में मीडिया को बुलाने या नहीं बुलाने का नहीं है. बल्कि मीडिया के सामने झूठे आरोप लगाना और घोटालो की बातें कहकर पूरे सरकार को कटघरे में खड़ा करना बीजेपी समर्थित पार्षदों की साजिश का हिस्सा है. उनका यह फैसला पूरी तरह से दुर्भावना से प्रेरित है. उन्होंने बताया कि वे कभी भी पत्रकारों से दूर नहीं रहे है. वे चर्चा और बातचीत के लिए हरदम तैयार हैं. पत्रकारों को जिस किसी मुद्दे पर जानकारी की आवश्यकता हो उनका स्वागत है.

सामान्य सभा की बैठक में नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल, उपाध्यक्ष बजरंग पटेल, नेता प्रतिपक्ष अर्चना अग्रवाल, सीएमओ जेबी सिंह उपस्थित रहे. पार्षदों में रविंद्र मोहन बघेल, ममता अग्रवाल, मुरली साहू, जय कंवर, संजय अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि राज जायसवाल, अन्य एल्डरमैन, सभी उप अभियंता, नपा के कर्मचारी और कांग्रेस के कुछ प्रमुख नेता मौजूद रहे.

कटघोरा: कोरोना संक्रमण काल से उबरने के बाद कटघोरा नगरपालिका परिषद की पहली सामान्य सभा पूरी तरह हंगामेदार रही. नेता प्रतिपक्ष अर्चना अग्रवाल, उपाध्यक्ष बजरंग पटेल और बीजेपी के अन्य पार्षदों ने नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल समेत अफसरों पर अनियमितता और घोटालो के गंभीर आरोप लगाए. बैठक के पहले भी कुछ विवादित मुद्दों को चर्चा में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन उनकी इस मांग को दरकिनार करते हुए मुख्यनगरपालिका अधिकारी ने नगर अध्यक्ष से दस दूसरे बिन्दुओं पर अनुमोदन हासिल किया और फिर उन्हीं विषयो पर विस्तार से चर्चा हुई.

कटघोरा नगर पालिका


मंगलवार को सामान्य सभा की यह बैठक स्थानीय सांस्कृतिक भवन परिसर में हुई. विपक्षी पार्षद सत्ता पक्ष को घेरने के लिए पूरी तैयारी से पहुंचे थे. विपक्ष ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान नगरपालिका की तरफ से हुई राशन सामग्री की खरीदी और पुष्पवाटिका में तैयार हुए नए ओपन जिम का मुद्दा उठा दिया. उक्त दोनों ही मुद्दे एजेंडे में शामिल नहीं थे, लिहाजा विपक्ष को जवाब नहीं मिल सका.


विपक्ष का सत्ता पक्ष पर आरोप

बीजेपी पार्षदों ने मीडिया से बात करने के दौरान बताया की कटघोरा नगर पालिका पूरी तरह से भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबा हुआ है. नगरपालिका के सत्ताशीन जनप्रतिनिधि और अफसरों को ना ही विपक्ष का डर है और ना ही जनता का खौफ. आपदा को अवसर में बदलकर पालिका के नेताओं ने खरीदी पर जमकर गड़बड़िया की हैं. उन्होंने बताया कि ओपन जिम के लिए करीब 17 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. वह सामान तीन से चार लाख रुपये की लागत के हैं. इसी तरह कोरोना के दौरान शहरवासियों को निःशुल्क राशन वितरण की व्यवस्था भी पूरी तरह अपारदर्शी रही. राशन में सामान की कुल लागत प्रति पैकेट तीन सौ रुपये के आसपास थी, लेकिन उनका भुगतान प्रति पैकेट पांच सौ रुपये की दर से किया गया.

पढ़ें- रायपुर: 6 नवंबर के नगर निगम की सामान्य सभा, 1 घंटे का होगा प्रश्नकाल

कुछ दिन बाद ही चोरी हो गए सीसीटीवी कैमरे

बीजेपी पार्षद बजरंग पटेल ने बताया कि करीब चार लाख रुपये का भुगतान 50 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के लिए किया गया था, लेकिन अब उनमें से एक भी कैमरा अपनी जगह पर नहीं है. पूछे जाने पर बताया गया कि ज्यादातर कैमरे अनलॉक के दौरान चोरी हो गए, जबकि कुछ नगरपालिका के पास हैं. इस पर जब विपक्ष ने पुलिस शिकायत की कॉपी मांगी तो वह भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया. वहीं मीडिया की नो एंट्री पर बिफरे बीजेपी पार्षदों ने कहा की अपने बचाव और पोल खुलने के डर से मीडियाकर्मियों को बैठक में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जबकि उन्हें बाहर आने से और मीडिया से बात करने से भी मना किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मौजूदा नगरपालिका के सभी जनप्रतिनिधि बेहद परेशान है. उनके वार्डो में विकास कार्य रुके हुए हैं. पेयजल, सड़क और दूसरे मूलभूत सुविधाओं के लिए उन्हें बार-बार गुहार लगानी पड़ रही है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. पार्षद शरद अग्रवाल ने कहा कि अगर उनके उठाये मुद्दों की अनदेखी हुई तो वह इसकी शिकायत एसडीएम और फिर जिला कलेक्टर से भी करेंगे. इसके पश्चात शीर्ष नेताओ के माध्यम से विधानसभा के सत्र में भी यह मामला पुरजोर तरीके से उठाये जायेंगे.

विपक्ष के पार्षद अपरिपक्व

बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल ने वार्ड क्रमांक 14 के पार्षद शरद अग्रवाल को अपरिपक्व करार देते हुए बीजेपी के दूसरे पार्षदों को आड़े हाथ लिया. मित्तल ने कहा की कांग्रेस को बदनाम करने और शहर में विकास की रफ्तार को रोकने का यह हथकंडा पुराना है. कोरोना काल के दौरान हुई प्रत्येक खरीदारी पूरी तरह से जिला प्रशासन के देखरेख में की गई है. वे चाहे तो जिला कलेक्टर से भेंटकर अपनी आपत्तियों का निराकरण कर सकते है. रतन मित्तल ने कहा की कुछ वर्षों पूर्व सरकारी खरीदियों में पारदर्शिता लाने और कागजी गड़बड़ियों को रोकने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ई-जैम पोर्टल की शुरुवात की थी. उनकी सरकार ने भी ज्यादातर खरीदियां ऑनलाइन तरीके से की है. मांग, आपूर्ति और भुगतान का पूरा लेखा-जोखा मौजूद है. सभी मानक दर सरकार की तरफ से तय किये गये थे. किसी भी तरह का भुगतान गलत तरीके से नहीं किया गया है. उन्होंने बताया की इन दिनों गौरव पथ का निर्माण कार्य जारी है. इसमें देरी का ठीकरा उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर फोड़ा है.

पढ़ें- CGPSC एग्जाम केस: हाईकोर्ट का फैसला, नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश
पत्रकारों से चर्चा के लिए हर वक़्त तैयार हूं
नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल ने कहा कि सवाल बैठक में मीडिया को बुलाने या नहीं बुलाने का नहीं है. बल्कि मीडिया के सामने झूठे आरोप लगाना और घोटालो की बातें कहकर पूरे सरकार को कटघरे में खड़ा करना बीजेपी समर्थित पार्षदों की साजिश का हिस्सा है. उनका यह फैसला पूरी तरह से दुर्भावना से प्रेरित है. उन्होंने बताया कि वे कभी भी पत्रकारों से दूर नहीं रहे है. वे चर्चा और बातचीत के लिए हरदम तैयार हैं. पत्रकारों को जिस किसी मुद्दे पर जानकारी की आवश्यकता हो उनका स्वागत है.

सामान्य सभा की बैठक में नगरपालिका अध्यक्ष रतन मित्तल, उपाध्यक्ष बजरंग पटेल, नेता प्रतिपक्ष अर्चना अग्रवाल, सीएमओ जेबी सिंह उपस्थित रहे. पार्षदों में रविंद्र मोहन बघेल, ममता अग्रवाल, मुरली साहू, जय कंवर, संजय अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि राज जायसवाल, अन्य एल्डरमैन, सभी उप अभियंता, नपा के कर्मचारी और कांग्रेस के कुछ प्रमुख नेता मौजूद रहे.

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