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कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों में विवाद, डीन और कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश - Korba Health Services

किडनी रोग से पीड़ित एक महिला की कोरबा जिला अस्पताल में मौत के बाद हंगामा मचा हुआ है. अस्पताल के डॉक्टर्स ने डीएमएफ मद से संविदा पर नियुक्त किए गए डॉक्टर की शिकायत डीन से की है.

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कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों में विवाद
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Published : Jul 7, 2021, 11:01 PM IST

कोरबा: बीते 4 जुलाई को किडनी रोग से पीड़ित एक महिला की कोरबा जिला अस्पताल में मौत हो गई थी. इस घटना के बाद परिजनों ने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई. बावजूद इसके अब इस केस में हंगामा मचा हुआ है. घटना के दो दिन बाद अस्पताल के डॉक्टर्स ने डीएमएफ मद से संविदा पर नियुक्त किए गए डॉक्टर की शिकायत डीन से की है. इस कंप्लेन में कहा गया है कि उस महिला की इलाज में शामिल डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है. दरअसल कोरबा के जिला अस्पताल में डॉक्टरों का दो गुट बन गया है. एक गुट अस्पताल में वैसे डॉक्टरों की है जो लंबे समय से अस्पताल में काम कर रहे हैं. दूसरी तरफ डीएमएफ मद से नियुक्ति पाने वाले डॉक्टर है. इन दोनों गुटों में दो फाड़ की स्थिति है.

जिला अस्पताल में मौत के बाद हंगामा

ऐसे में इस शिकायत के बाद कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में नेतागिरी कर कार्य में बाधा पहुंचाने वाले चिकित्सकों की सेवाएं स्वास्थ्य संचालनालय को वापस कर दी जाएंगी, जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा के अलावा शासन राज्य में कहीं भी भेज सकती है. तो दूसरी तरफ कलेक्टर भी इस मामले को लेकर बेहद गंभीर दिख रहीं हैं, उन्होंने भी इस प्रकरण की वास्तविकता जानने के लिए जांच बिठा दी है.

VIDEO: कोरबा के नकटीखार में फार्म हाउस से अजगर का रेस्क्यू

ये है पूरा मामला

दरअसल 1 हफ्ता पहले जिला अस्पताल में किडनी के रोग से ग्रसित पथर्रीपारा निवासी महिला आरडी लक्ष्मी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनकी 4 जुलाई को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मृतिका की बहू गौरी पिल्ले का आरोप है कि सास को डायबिटीज की शिकायत थी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक डॉक्टर ने उन्हें ढाई महीने पहले अपने निजी क्लीनिक में आने को कहा था. तब तक स्थिति ठीक थी, लेकिन हफ्ते भर पहले हालत बिगड़ने पर वह मरीज को लेकर जिला अस्पताल आए थे. इलाज चल रहा था, इस बीच बीते रविवार को मरीज की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. इसकी सूचना अस्पताल में तैनात नर्स को दी गई. मृतिका की बहू गौरी की मानें तो, नर्स ने उसे बताया कि 2 घंटे से डॉक्टर को कॉल किया जा रहा है, लेकिन वह यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. अस्पताल में तैनात एक अन्य डॉक्टर के समक्ष भी वह इलाज शुरू करने की गुहार लेकर गई. लेकिन उसने इलाज करने के बजाय सवाल जवाब किया. इन सबके बीच मरीज की मौत हो गई.

कोरबा में शादी के 9 साल बाद पत्नी ने इंजीनियर पति पर लगाए दहेज प्रताड़ना के आरोप

नियमित डॉक्टरों ने की शिकायत

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नियमित चिकित्सक जो सालों से जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उन्होंने जिला अस्पताल में आए एमडी मेडिसिन चिकित्सकों को शिकायत की है. शिकायत में मेडिकल ऑफिसर स्तर के चिकित्सकों ने कहा है कि, अस्पताल में आपके आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में भी कोताही बरती जा रही है. एक महिला जोकि इलाज नहीं मिलने के कारण तड़पती रही, डॉक्टर को कॉल किया गया लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. जो कि बेहद दुर्भाग्यजनक है. इस केस में कार्रवाी होनी चाहिए.

डीन और कलेक्टर करा रेह केस की जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन ने तीन चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है. जिसमें उन्हें 8 जुलाई की दोपहर 1:00 बजे तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. इस केस में कलेक्टर ने कोरबा एसडीएम सुनील नायक को जांच की जिम्मेदारी दी है. 7 जुलाई को दिन भर बयानों का दौर चला एसडीएम ने ड्यूटी में तैनात चिकित्सक नर्स के साथ ही परिजनों के भी बयान दर्ज किए हैं. एसडीएम भी संभवत गुरुवार को कलेक्टर के समक्ष रिपोर्ट पेश करेंगे.

कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे-डीन

कोरबा जिला अस्पताल के डीन डॉ. वायडी बड़गैंया बुधवार को आउट ऑफ स्टेशन थे. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक इस केस में कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है. अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स हैं जो कि यह नहीं चाहते कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को उच्च स्तरीय सेवाएं मिले. वह कार्य में बाधा पहुंचाना चाहते हैं. ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उनकी सेवाएं स्वास्थ्य संचालनालय को वापस की जाएंगी. इस केस में उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.

जांच के बाद होगी कार्रवाई

कलेक्टर रानू साहू ने ईटीवी भारत से चर्चा के दौरान कहा कि, मरीज की मौत का मामला गंभीर है. इसमें एसडीएम से जांच करने को कहा गया है. एसडीएम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे, जिसके आधार पर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी.

कोरबा: बीते 4 जुलाई को किडनी रोग से पीड़ित एक महिला की कोरबा जिला अस्पताल में मौत हो गई थी. इस घटना के बाद परिजनों ने कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई. बावजूद इसके अब इस केस में हंगामा मचा हुआ है. घटना के दो दिन बाद अस्पताल के डॉक्टर्स ने डीएमएफ मद से संविदा पर नियुक्त किए गए डॉक्टर की शिकायत डीन से की है. इस कंप्लेन में कहा गया है कि उस महिला की इलाज में शामिल डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है. दरअसल कोरबा के जिला अस्पताल में डॉक्टरों का दो गुट बन गया है. एक गुट अस्पताल में वैसे डॉक्टरों की है जो लंबे समय से अस्पताल में काम कर रहे हैं. दूसरी तरफ डीएमएफ मद से नियुक्ति पाने वाले डॉक्टर है. इन दोनों गुटों में दो फाड़ की स्थिति है.

जिला अस्पताल में मौत के बाद हंगामा

ऐसे में इस शिकायत के बाद कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि अस्पताल में नेतागिरी कर कार्य में बाधा पहुंचाने वाले चिकित्सकों की सेवाएं स्वास्थ्य संचालनालय को वापस कर दी जाएंगी, जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा के अलावा शासन राज्य में कहीं भी भेज सकती है. तो दूसरी तरफ कलेक्टर भी इस मामले को लेकर बेहद गंभीर दिख रहीं हैं, उन्होंने भी इस प्रकरण की वास्तविकता जानने के लिए जांच बिठा दी है.

VIDEO: कोरबा के नकटीखार में फार्म हाउस से अजगर का रेस्क्यू

ये है पूरा मामला

दरअसल 1 हफ्ता पहले जिला अस्पताल में किडनी के रोग से ग्रसित पथर्रीपारा निवासी महिला आरडी लक्ष्मी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिनकी 4 जुलाई को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मृतिका की बहू गौरी पिल्ले का आरोप है कि सास को डायबिटीज की शिकायत थी. मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक डॉक्टर ने उन्हें ढाई महीने पहले अपने निजी क्लीनिक में आने को कहा था. तब तक स्थिति ठीक थी, लेकिन हफ्ते भर पहले हालत बिगड़ने पर वह मरीज को लेकर जिला अस्पताल आए थे. इलाज चल रहा था, इस बीच बीते रविवार को मरीज की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी. इसकी सूचना अस्पताल में तैनात नर्स को दी गई. मृतिका की बहू गौरी की मानें तो, नर्स ने उसे बताया कि 2 घंटे से डॉक्टर को कॉल किया जा रहा है, लेकिन वह यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं. अस्पताल में तैनात एक अन्य डॉक्टर के समक्ष भी वह इलाज शुरू करने की गुहार लेकर गई. लेकिन उसने इलाज करने के बजाय सवाल जवाब किया. इन सबके बीच मरीज की मौत हो गई.

कोरबा में शादी के 9 साल बाद पत्नी ने इंजीनियर पति पर लगाए दहेज प्रताड़ना के आरोप

नियमित डॉक्टरों ने की शिकायत

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नियमित चिकित्सक जो सालों से जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उन्होंने जिला अस्पताल में आए एमडी मेडिसिन चिकित्सकों को शिकायत की है. शिकायत में मेडिकल ऑफिसर स्तर के चिकित्सकों ने कहा है कि, अस्पताल में आपके आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में भी कोताही बरती जा रही है. एक महिला जोकि इलाज नहीं मिलने के कारण तड़पती रही, डॉक्टर को कॉल किया गया लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. जो कि बेहद दुर्भाग्यजनक है. इस केस में कार्रवाी होनी चाहिए.

डीन और कलेक्टर करा रेह केस की जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन ने तीन चिकित्सकों को नोटिस जारी किया है. जिसमें उन्हें 8 जुलाई की दोपहर 1:00 बजे तक जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है. इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. इस केस में कलेक्टर ने कोरबा एसडीएम सुनील नायक को जांच की जिम्मेदारी दी है. 7 जुलाई को दिन भर बयानों का दौर चला एसडीएम ने ड्यूटी में तैनात चिकित्सक नर्स के साथ ही परिजनों के भी बयान दर्ज किए हैं. एसडीएम भी संभवत गुरुवार को कलेक्टर के समक्ष रिपोर्ट पेश करेंगे.

कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे-डीन

कोरबा जिला अस्पताल के डीन डॉ. वायडी बड़गैंया बुधवार को आउट ऑफ स्टेशन थे. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उन्हें अभी तक इस केस में कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है. अस्पताल में कुछ डॉक्टर्स हैं जो कि यह नहीं चाहते कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों को उच्च स्तरीय सेवाएं मिले. वह कार्य में बाधा पहुंचाना चाहते हैं. ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी और उनकी सेवाएं स्वास्थ्य संचालनालय को वापस की जाएंगी. इस केस में उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.

जांच के बाद होगी कार्रवाई

कलेक्टर रानू साहू ने ईटीवी भारत से चर्चा के दौरान कहा कि, मरीज की मौत का मामला गंभीर है. इसमें एसडीएम से जांच करने को कहा गया है. एसडीएम जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे, जिसके आधार पर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी.

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