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कोरबा: शहर के चौक-चौराहों पर स्थापित लाखों की मूर्तियों का हाल-बेहाल

लाखों रुपए की लागत से बने मूर्तियों को स्थापित कर चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण किया गया. इसके बाद हर साल उन्हीं मूर्तियों पर फिर लाखों का बजट बनाकर सौंदर्यीकरण की बात की गई, लेकिन लाखों रूपये से बनी ये मूर्तियां अभी टूटी पड़ी हैं

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Published : Aug 23, 2019, 4:45 PM IST

कोरबा: हर साल नगर निगम के बजट में शहर की संपत्तियों के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये आवंटित किए जाते हैं, बावजूद इसके जिले के चौक-चौराहों पर स्थापित मूर्तियों की दशा बेहाल है.

पहले लाखों की लागत से मूर्तियों को स्थापित कर चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण किया गया. इसके बाद हर साल उन्हीं मूर्तियों पर फिर लाखों का बजट बनाकर सौंदर्यीकरण की बात की गई, लेकिन लाखों रूपये से बनी ये मूर्तियां कहीं पर टूटी पड़ी हैं, कहीं बेरंग हो चुकी हैं तो कहीं मूर्तियों के आसपास सिर्फ गंदगी पसरी है.

पार्षदों ने लगाया निगम अधिकारियों पर आरोप
नगर निगम में विपक्ष में बैठे पार्षदों ने निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'ये लोग सौंदर्यीकरण के नाम पर निगम क्षेत्र की मूर्तियों को चमकाने के बजाय इन पैसों से अपने घर को चमका रहे हैं.' पार्षद शिव अग्रवाल ने कहा कि, 'अधिकारियों के साथ निगम के सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि भी दोषी हैं.'

'अधिकारियों से किया जाएगा जवाब तलब'
निगम की सत्ता में बैठी कांग्रेस का कहना है कि, 'महापुरुषों की मूर्तियों में अगर कहीं भी लापरवाही हो रही है तो इसके लिए अधिकारियों को जवाब तलब किया जाएगा.' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, 'कांग्रेस के निगम में शासनकाल से पहले भाजपा के शासनकाल में लगी करोड़ों की मूर्तियां भ्रष्टाचार की निशानी हैं और इसे हम गलत मानते हैं.'

जांच कर की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि, 'मूर्तियों के रखरखाव के लिए एजेंसी नियुक्त है. एजेंसी का काम मूर्तियों का रखरखाव करना है, लेकिन अगर काम में लापरवाही हो रही है तो उसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी'.

कोरबा: हर साल नगर निगम के बजट में शहर की संपत्तियों के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये आवंटित किए जाते हैं, बावजूद इसके जिले के चौक-चौराहों पर स्थापित मूर्तियों की दशा बेहाल है.

पहले लाखों की लागत से मूर्तियों को स्थापित कर चौक-चौराहों का सौंदर्यीकरण किया गया. इसके बाद हर साल उन्हीं मूर्तियों पर फिर लाखों का बजट बनाकर सौंदर्यीकरण की बात की गई, लेकिन लाखों रूपये से बनी ये मूर्तियां कहीं पर टूटी पड़ी हैं, कहीं बेरंग हो चुकी हैं तो कहीं मूर्तियों के आसपास सिर्फ गंदगी पसरी है.

पार्षदों ने लगाया निगम अधिकारियों पर आरोप
नगर निगम में विपक्ष में बैठे पार्षदों ने निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, 'ये लोग सौंदर्यीकरण के नाम पर निगम क्षेत्र की मूर्तियों को चमकाने के बजाय इन पैसों से अपने घर को चमका रहे हैं.' पार्षद शिव अग्रवाल ने कहा कि, 'अधिकारियों के साथ निगम के सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि भी दोषी हैं.'

'अधिकारियों से किया जाएगा जवाब तलब'
निगम की सत्ता में बैठी कांग्रेस का कहना है कि, 'महापुरुषों की मूर्तियों में अगर कहीं भी लापरवाही हो रही है तो इसके लिए अधिकारियों को जवाब तलब किया जाएगा.' साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, 'कांग्रेस के निगम में शासनकाल से पहले भाजपा के शासनकाल में लगी करोड़ों की मूर्तियां भ्रष्टाचार की निशानी हैं और इसे हम गलत मानते हैं.'

जांच कर की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि, 'मूर्तियों के रखरखाव के लिए एजेंसी नियुक्त है. एजेंसी का काम मूर्तियों का रखरखाव करना है, लेकिन अगर काम में लापरवाही हो रही है तो उसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी'.

Intro:पहले लाखों की लागत से मूर्तियों को स्थापित कर चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण किया गया। इसके बाद हर वर्ष उन्हीं मूर्तियों पर फिर लाखों का बजट बनाकर सौंदर्यीकरण की बात की गई। लेकिन यही 50 लाख 70 लाख और 95 लाख के लागत की मूर्तियां कहीं पर टूटी पड़ी है, कहीं गोल्डन रंग से पूछी गई मूर्तियां काली हो गई है और कहीं पर मूर्तियों का रंग ही उतरता जा रहा है। चौक चौराहों पर स्थापित मूर्तियों के आसपास सिर्फ गंदगी पसरी पड़ी है।


Body:दरअसल, हर वर्ष निगम भारी-भरकम बजट पेश करती है हर वर्ष बजट में शहर की संपत्तियों के सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपए आवंटित किए जाते हैं। लेकिन सवाल यहां पर यह उठता है कि इतने पैसे जाते कहां हैं क्योंकि मूर्तियों के रखरखाव और सौंदर्यीकरण के नाम पर हकीकत कुछ और ही कह रही है।
इस मामले में नगर पालिक निगम के अपर आयुक्त अशोक शर्मा का कहना है कि मूर्तियों के रखरखाव के लिए एजेंसी नियुक्त है। इस एजेंसी का काम मूर्तियों का रखरखाव करना है। लेकिन अगर काम में लापरवाही हो रही है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
निगम में विपक्ष में बैठे पार्षदों ने निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह लोग सौंदर्यीकरण के नाम पर निगम क्षेत्र की मूर्तियों को चमकाने के बजाय इन पैसों से अपने घर को चमका रहे हैं। पार्षद शिव अग्रवाल ने कहा कि इसके जितने अधिकारी दोषी हैं उतने ही निगम के सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि भी दोषी हैं।
निगम की सत्ता में बैठी कांग्रेस का कहना है कि महापुरुषों की मूर्तियों में अगर कहीं भी लापरवाही हो रही है तो इसके लिए अधिकारियों को जवाब तलब किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के निगम में शासनकाल से पहले भाजपा के शासनकाल में लगी करोड़ों की मूर्तियां भ्रष्टाचार की निशानी है और इसको हम गलत मानते हैं।


Conclusion:भले ही विपक्ष और सत्ता पक्ष एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं लेकिन कुल मिलाकर जनता की कमाई के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है। बजट के पेपर में लाखों रुपए सौंदर्यीकरण और रखरखाव के नाम पर चढ़ा दिए जाते हैं लेकिन इन पैसों का सौंदर्यीकरण और रखरखाव के नाम पर उपयोग नहीं दिख रहा है।

बाइट- अशोक शर्मा, अपर आयुक्त, नगर पालिक निगम
बाइट- शिव अग्रवाल, पार्षद, निर्दलीय
बाइट- दिनेश सोनी, MIC सदस्य-पार्षद, कांग्रेस
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