कोरबा: जिले के गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानों में कथित डीजल चोर निरंकुश हो चुके हैं. उत्पात ज्यादा बढ़ने पर CISF के जवानों ने बीती रात हैवी फायरिंग की. सूचना यह भी है कि डीजल चोरों ने CISF की पेट्रोलिंग वाहन पर पथराव किया. जिसके जवाब में जवानों ने फायरिंग (Firing) की. हमेशा की तरह पुलिस और CISF दोनों ही डीजल चोर गैंग की ओर से फायरिंग की बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन CISF के वाहन पर भी गोली लगने के निशान हैं, जो कि कई तरह के सवालों को जन्म दे रहे हैं.
अब इन्हें किसी का डर नहीं
गेवरा, दीपका सहित खदान से लगे कुसमुंडा और हरदीबाजार क्षेत्र में डीजल चोर गिरोह का आतंक है. वह बेखौफ होकर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं. अब तो डीजल चोर सरगना के गुर्गे खदान की सुरक्षा में तैनात CISF के जवानों से सीधे भिड़ने से भी नहीं कतराते. ताजा घटना बीती रात की बताई जा रही है. CISF की QRT(क्विक रिएक्शन टीम) ने पेट्रोलिंग के दौरान खदान क्षेत्र के रास्ते डीजल चोरी कर भाग रहे कैंपर (चोरी में प्रयुक्त वाहन) को देखा. जब वे आगे बढ़े तो चोरों का सामना टीम से हो गया. आनन-फानन में चोर कुछ हरकत कर पाते. उससे पहले ही CISF ने हवाई फायरिंग की, चोर हड़बड़ा गए और चोरी के डिजल से भरे जरीकेन, चोरी में प्रयुक्त पाइप सब छोड़कर खदान के रास्ते भाग खड़े हुए.
बता दें कि यहां डीजल चोर गिरोह का क्षेत्र में वर्चस्व है. इसमें स्थानीय तौर पर कुछ प्रभाव रखने वाले सफेदपोश लोगों की भी संलिप्तता है. एसईसीएल द्वारा जारी आंकड़ों में ही करोड़ रुपये के डीजल की चोरी का अनुमान लगाया गया है. जिसमें डीजल चोर गिरोह की प्रमुख भूमिका है. जिसके कारण SECL को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
बिना संरक्षण संभव नहीं है खदान में घुस पाना
एसईसीएल के कोयला खदानों में सभी एंट्री पॉइंट पर सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती होती है. पुलिस बल भी पेट्रोलिंग करते हैं, एसईसीएल के अफसर भी लगातार इस तरह की चोरियों पर निगरानी बनाए रखते हैं. लेकिन बावजूद इसके लंबे समय से खदानों से डीजल चोरी जारी है. अब तो डीजल चोर निरंकुश होने के कगार पर हैं. ऐसे में बिना संरक्षण के इस तरह की वारदात को लगातार अंजाम दे पाना संभव नहीं है.
कोयला कामगार सबसे ज्यादा मुसीबत में
खदान के भीतर गोली चलना कोई नई बात नहीं है. कई बार बड़ी घटना होने पर जानकारी सार्वजनिक होती है, छोटी-मोटी घटनाएं तो खदान के भीतर तक ही सिमट कर रह जाती हैं, ऐसे में सबसे ज्यादा मुश्किल में है कोयला उद्योग में लगे छोटे स्तर के कर्मचारी. जिनकी ड्यूटी अलग-अलग शिफ्ट में रहती है. नाइट ड्यूटी के दौरान भी एसईसीएल के कर्मचारी बड़ी तादात में खदानों में अपने-अपने कार्यक्षेत्र में काम करते हैं. जब भी इस तरह का गैंगवार छिड़ता है, तब उनकी जान आफत में होती है. कोयला कर्मचारी इस तरह की घटनाओं से दहशत में रहते हैं. एक तरह से वह जान हथेली में लेकर ड्यूटी कर रहे हैं.
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पुलिस ने शुरू की जांच
दीपका थाना क्षेत्र के टीआई हरिश्चंद्र तांडेकर ने कहा कि मामले की विस्तृत जानकारी लेने के लिए सीआईएसएफ के पेट्रोलिंग पार्टी को बुलाया गया है. मामले में जांच की जा रही है.