कोरबा: पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर के बेटे और जिला पंचायत सदस्य संदीप कुमार से मारपीट के आरोप में भाजपा नेता देवेंद्र पांडे और उनके बेटे शिवम पांडे को कोतवाली पुलिस ने सोमवार की सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया है. ननकीराम के सीएम हाउस के समक्ष धरना देने की चेतावनी के बाद यह कार्रवाई की गई है.
विगत 26 और 27 अगस्त के दरम्यान BJP के दो कद्दावर नेताओं के बीच जमकर मारपीट हुई थी. दोनों ही इलाके में BJP के बड़े चेहरे के रूप में देखे जाते हैं. ननकीराम कंवर विधानसभा क्षेत्र रामपुर से विधायक हैं. BJP नेता देवेंद्र पांडेय उनके खास समर्थकों में से एक माने जाते हैं. जानकारी के मुताबिक बुधवार की रात पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर के बेटे संदीप कंवर और BJP नेता देवेंद्र पांडेय के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर मारपीट हुई थी. जानकारी के मुताबिक उनके बीच पहले से ही विवाद चल रहा था. बुधवार की रात बातचीत के दौरान विवाद बढ़ गया. विवाद के दौरान मामला मारपीट तक पहुंच गया. रजगामार मार्ग में संचालित नर्सिंग मेडिकल कॉलेज को लेकर विवाद शुरू हुआ था. इसी विवाद पर बातचीत के लिए दोनों नेता देवेंद्र पांडेय के निहारिका स्थित निवास पर मिले थे. मामले में पुलिस ने काउंटर केस दर्ज किया था.
देवेंद्र पांडे और उनका बेटा गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ में BJP की सत्ता के दौरान गृहमंत्री का पद संभालने वाले ननकीराम कंवर के बेटे संदीप कंवर जोकि जिला पंचायत सदस्य भी हैं. देवेंद्र पांडे के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से ननकीराम बेहद खफा थे. उन्होंने पुलिस पर भी धाराएं काटने के बाद फिर से जोड़ने का आरोप लगाया था. सीएम हाउस के समक्ष धरना देने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद पुलिस ने फिलहाल देवेंद्र पांडे और उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया है.
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पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
ननकीराम ने सीएम हाउस के सामने धरना देने की बात कहते हुए, कलेक्टर को पत्र भी लिखा था. उन्होंने जिले के पुलिस अमले पर भी गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि देवेंद्र पांडे उनकी खड़ी की गई संस्था को अब निजी संपत्ति समझ रहे हैं, जबकि मेरे बेटे ने इस संस्था में 20 लाख रुपए लगाए थे, ननकी ने कहा कि उनके बेटे को गवर्निंग बॉडी का सदस्य नहीं बनाया गया है. मेरे बेटे को देवेंद्र पांडे ने पैसे देने के नाम पर घर बुलाया और उससे बंधक बनाकर मारपीट की. ननकीराम ने कहा कि एसपी को फोन किया तब जाकर पुलिस ने शिकायत दर्ज की, लेकिन इसके बाद एक धारा हटा दी गई. ऐसा क्यों किया गया यह जांच का विषय है. हालांकि बाद में शिकायत करने के बाद धारा जोड़ दी गई.