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कोरबा : जिले में स्कूलों की संख्या भी नहीं बता पाए DEO

सोमवार को जिला पंचायत कि सामान्य सभा की बैठक में सदस्यों ने  जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के सवाल पर DEO से जवाब मांगा.

DEO could not even tell the number of schools in the district in korba
जिले में स्कूलों की संख्या भी नहीं बता पाए DEO
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Published : Nov 26, 2019, 9:43 AM IST

Updated : Nov 26, 2019, 11:27 AM IST

कोरबा : जिस जिले का प्रभार खुद प्रदेश के शिक्षा मंत्री के पास है, वहां के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को जिले में कितने सरकारी प्रायमरी और मिडिल स्कूल संचालित है, इसकी भी जानकारी नहीं है. सोमवार को जिला पंचायत कि सामान्य सभा की बैठक में सदस्यों ने जब जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के प्रश्न पर DEO से जवाब मांगा, तो वे बंगले झांकने लगे.

जिले में स्कूलों की संख्या भी नहीं बता पाए DEO

बैठक के दौरान सदस्यों को किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिला पंचायत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है.

जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित सामान्य सभा की बैठक में शिक्षा, आदिवासी, महिला और बाल विकास विभाग, पीएचई, कृषि, PWD और PMGSY जैसे बड़े विभागों की समीक्षा के लिए एजेंडा रखा गया था.
बता दें कि लगभग 2 घंटे चली बैठक में शिक्षा विभाग केंद्र में रहा. चर्चा पूरी तरह से शिक्षा विभाग के लापरवाही भरे कामकाज पर केंद्रित रही.

DEO ने नहीं दिया जवाब

जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अजय जायसवाल जो शिक्षा स्थाई समिति के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने विभाग के कामकाज पर गहरी नाराजगी जताई है. ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षकों को उपकृत करने के लिए शहर में ट्रांसफर, नियम विरुद्ध दिव्यांग शिक्षकों का स्थानांतरण, शासन के आदेशों का नियम विरुद्ध संशोधन, शिक्षकों का संलग्नीकरण सहित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर हुई कार्रवाई का जांच प्रतिवेदन मांगा गया. लेकिन DEO इन सवालों का जवाब नहीं दे सके.

पढ़ें :पर्यावरण विभाग की चेतावनी के बाद CSEB ने शुरू की नदी से राख की सफाई

जिला पंचायत सदस्य ने लगाए गंभीर आरोप

पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य राय सिंह मरकाम ने भी शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि 'शिक्षकों के स्थानांतरण और मनमानी के सवाल पर जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे कोई भी जवाब नहीं दे सके. जिला अध्यक्ष देवी सिंह टेकाम ने DEO पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही.

पढ़ें :JNU के छात्रों पर लाठीचार्ज और नई शिक्षा नीतियों के खिलाफ राजनीतिक दलों का प्रदर्शन

विवादों रहा गहरा नाता

DEO सतीश पांडे का विवादों से गहरा नाता रहा है. कुछ महीने पहले प्रायमरी और मिडिल स्कूल में अध्ययनरत छात्रों का स्तर जांचने के लिए राज्य के महत्वाकांक्षी योजना SLA परीक्षा में भी इन्होंने गड़बड़ी की थी. कलेक्टर ने इस मामले की जांच कराई थी. मामले में DEO को दोषी पाया गया था. लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.

कोरबा : जिस जिले का प्रभार खुद प्रदेश के शिक्षा मंत्री के पास है, वहां के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को जिले में कितने सरकारी प्रायमरी और मिडिल स्कूल संचालित है, इसकी भी जानकारी नहीं है. सोमवार को जिला पंचायत कि सामान्य सभा की बैठक में सदस्यों ने जब जिले की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के प्रश्न पर DEO से जवाब मांगा, तो वे बंगले झांकने लगे.

जिले में स्कूलों की संख्या भी नहीं बता पाए DEO

बैठक के दौरान सदस्यों को किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला. जिला पंचायत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है.

जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित सामान्य सभा की बैठक में शिक्षा, आदिवासी, महिला और बाल विकास विभाग, पीएचई, कृषि, PWD और PMGSY जैसे बड़े विभागों की समीक्षा के लिए एजेंडा रखा गया था.
बता दें कि लगभग 2 घंटे चली बैठक में शिक्षा विभाग केंद्र में रहा. चर्चा पूरी तरह से शिक्षा विभाग के लापरवाही भरे कामकाज पर केंद्रित रही.

DEO ने नहीं दिया जवाब

जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अजय जायसवाल जो शिक्षा स्थाई समिति के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने विभाग के कामकाज पर गहरी नाराजगी जताई है. ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षकों को उपकृत करने के लिए शहर में ट्रांसफर, नियम विरुद्ध दिव्यांग शिक्षकों का स्थानांतरण, शासन के आदेशों का नियम विरुद्ध संशोधन, शिक्षकों का संलग्नीकरण सहित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर हुई कार्रवाई का जांच प्रतिवेदन मांगा गया. लेकिन DEO इन सवालों का जवाब नहीं दे सके.

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जिला पंचायत सदस्य ने लगाए गंभीर आरोप

पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य राय सिंह मरकाम ने भी शिक्षा विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि 'शिक्षकों के स्थानांतरण और मनमानी के सवाल पर जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे कोई भी जवाब नहीं दे सके. जिला अध्यक्ष देवी सिंह टेकाम ने DEO पर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही.

पढ़ें :JNU के छात्रों पर लाठीचार्ज और नई शिक्षा नीतियों के खिलाफ राजनीतिक दलों का प्रदर्शन

विवादों रहा गहरा नाता

DEO सतीश पांडे का विवादों से गहरा नाता रहा है. कुछ महीने पहले प्रायमरी और मिडिल स्कूल में अध्ययनरत छात्रों का स्तर जांचने के लिए राज्य के महत्वाकांक्षी योजना SLA परीक्षा में भी इन्होंने गड़बड़ी की थी. कलेक्टर ने इस मामले की जांच कराई थी. मामले में DEO को दोषी पाया गया था. लेकिन तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.

Intro: कोरबा। जिस जिले का प्रभार स्वयं शिक्षा मंत्री के पास है, वहां के जिला शिक्षा अधिकारी(DEO) को जिले में कितने सरकारी प्रायमरी और मिडिल स्कूल संचालित है। इसकी भी जानकारी नहीं है। सोमवार को जिला पंचायत कि सामान्य सभा की बैठक में सदस्यों ने जब जिले में बदहाल शिक्षा व्यवस्था के प्रश्न पर डीईओ से जवाब मांगा, तब वह बगले झांकने लगे। सदस्यों को किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिला पंचायत ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया है।


Body: जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित सामान्य सभा की बैठक में शिक्षा, आदिवासी, महिला एवं बाल विकास विभाग, पीएचई, कृषि, पीडब्ल्यूडी और पीएमजीएसवाई जैसे बड़े विभागों की समीक्षा के लिए एजेंडा रखा गया था।
लगभग 2 घंटे चली बैठक में डेढ़ घंटे की चर्चा पूरी तरह से शिक्षा विभाग के लापरवाही भरे कामकाज पर केंद्रित रही।
जिला पंचायत के उपाध्यक्ष अजय जायसवाल जोकि शिक्षा स्थाई समिति के पदेन अध्यक्ष भी होते हैं, उन्होंने विभाग के कामकाज पर गहरी नाराजगी जताई। ग्रामीण क्षेत्रों से शिक्षकों को उपकृत करने के लिए शहर में ट्रांसफर, नियम विरुद्ध दिव्यांग शिक्षकों का स्थानांतरण, शासन के आदेशों का नियम विरुद्ध संशोधन, शिक्षकों का संलग्नीकरण सहित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए क्या कार्रवाई की गई, उसका जांच प्रतिवेदन भी मांगा गया। लेकिन डीईओ इस पर कोई भी जवाब नहीं दे सके।
पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य राय सिंह मरकाम ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि उनके क्षेत्र के स्कूल या तो एकल शिक्षकीय हैं या फिर तो शिक्षक विहीन हो चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षकों को शहर में स्थानांतरित कर दिया गया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हो चुकी है। शिक्षकों के स्थानांतरण व मनमाने रवैया के सवाल किए गए जिस पर बैठक में शामिल होने पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे कोई भी जवाब नहीं दे सके।
इस पर अन्य सदस्य ने भी कड़ी नाराजगी जताई। अध्यक्ष देवी सिंह टेकाम ने प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही।
बैठक में मौजूद जिला पंचायत के सीईओ एस जयवर्धन ने सदस्यों से 3 दिन का समय मांगा है। ताकि वह जिले में ट्रांसफर की वस्तु स्थिति समझ कर दर्ज संख्या के अनुसार कहां कितने शिक्षकों की नियुक्ति है? कितने शिक्षक स्कूल विहीन हुए हैं इसकी जानकारी जुटाकर सदस्यों को उपलब्ध करा सकें।


Conclusion:SLA परीक्षा में भी की थी गड़बड़ी
डीईओ सतीश पांडे विवादों से घिरे रहते हैं। कुछ माह पहले प्रायमरी व मिडिल स्कूल में अध्ययनरत छात्रों का स्तर जांचने के लिए राज्य के महत्वकक्षी योजना SLA परीक्षा में भी इन्होंने गड़बड़ी की थी। रातों-रात पर्चे बंटवाए थे। राज्य शासन द्वारा प्रेषित प्रश्न पत्र को दरकिनार कर अपने द्वारा छपवा गए पर्चों से परीक्षा आयोजित करा दी थी। कलेक्टर ने इस मामले की जांच कराई थी। शिकायत में डीईओ को दोषी पाया गया था, लेकिन तब भी कोई कार्यवाही नहीं हुई थी। अनेक संगठनों ने भी डीईओ की शिकायत अनेक शिकायतें कर रखी हैं।

पिछली बैठक भी थी हंगामेदार मंत्री तक हुई थी शिकायत
जिला पंचायत में आयोजित शिक्षा स्थाई समिति की पिछली बैठक में डीईओ पहुंचे ही नहीं थे। इस बात की शिकायत शिक्षा मंत्री से लेकर पंचायत मंत्री तक की गई थी। शिकायत के बाद एक और बैठक आयोजित हुई। जिसमें उपाध्यक्ष अजय जयसवाल और डीईओ सतीश पांडे के मध्य तकरार जैसी स्थिति निर्मित हुई थी। लगातार इस तरह की परिस्थितियों से शिक्षा विभाग की छवि तो धूमिल हुई ही है। इसके साथ ही विभाग के बेहतरी के लिए ना तो कोई प्रस्ताव पारित हुआ, ना ही कोई काम ही हो पा रहा है। सोमवार को बैठक में एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें जिला पंचायत सदस्य व विकासखंड के बीईओ शामिल रहेंगे। यह समिति स्कूलों की मॉनिटरिंग कर शिक्षा व्यवस्था के स्तर का आकलन करेगी।

बाइट।
1. देवी सिंह टेकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष
2. अजय जायसवाल जिला पंचायत उपाध्यक्ष
Last Updated : Nov 26, 2019, 11:27 AM IST
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