कोरबा : केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में कोरबा में भी किसान संघ ने विरोध प्रदर्शन किया. किसान कल्याण समिति छत्तीसगढ़, किसान सभा, छत्तीसगढ़ किसान संगठन, आदिवासी गण परिषद के संयुक्त बैनर तले प्रदर्शन किया गया. आंदोलन में अभयपुर, भेजिनारा, शुक्लाखार, लालपुर, अरदा, तेलसरा, मोंगरा के किसान प्रदर्शन में शामिल हुए.
उपज के वाजिफ दाम से वंचित
किसान नेताओं ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि, 'कॉर्पोरेट घरानों के हित में मोदी सरकार ने यह तीनों कानूनों को लाया हैं. यह कानून किसानों के हित में नहीं हैं. यह सभी कानून देश के किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा. किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में सरकारी खरीदी को समाप्त कर देने से अब किसान अपने अनाज को बेचने के लिए पूरी तरह व्यापारियों और बड़े कार्पोरेट घरानों के रहमों-करमो पर निर्भरशील हो जाएगे. किसान अपनी उपज के वाजिफ दाम से वंचित हो जाएंगे'.
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कानूनों को वापस लेने की मांग
किसानों ने केंद्र सरकार पर देश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये कहा कि समर्थन मूल्य समाप्त नहीं करने का जो ढिंढोरा सरकार पीट रही हैं. वह पूरी तरह से भ्रामक है. क्योंकि जब सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य में अनाज की खरीदी ही नहीं करेगी तो समर्थन मूल्य खत्म करने या नहीं करने का कोई मतलब ही नहीं रह जाता हैं. किसान नेताओं ने मोदी सरकार से किसानों के हितों में उन सभी कानूनों को वापस लेने की मांग की है'.