कोरबा: कोरोना काल में एक्टिव सर्विलांस का काम जारी है. जिले में शिक्षकों की भी ड्यूटी बड़े पैमाने पर कोरोना से जुड़ी गतिविधियों में लगाई गई है. वहीं शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने गर्भवती महिलाओं के साथ ही गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारियों को कोरोना ड्यूटी से अलग रखे जाने की मांग की है. साथ ही कार्यस्थल पर मास्क और सैनिटाइजर सुविधा देने की भी मांग फेडरेशन ने रखी है.शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने बुधवार को कोरबा डीईओ को पत्र लिखकर अपनी मांगों से अवगत कराया.
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इन मांगों के लिए फेडरेशन ने लिखा पत्र
फेडरेशन ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र में कहा कि गर्भवती, शिशुवती महिलाओं को कोरोना ड्यूटी से छूट दी जाए. साथ ही 55 साल से अधिक और गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारी, शुगर, कैंसर और ब्लड प्रेशर रोगियों को भी कोरोना ड्यूटी में छूट मिले. इसके साथ ही कार्य स्थल पर मास्क, सैनिटाइजर और दस्ताने आदि सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जाए.
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बेमेतरा में 8 माह के गर्भवती महिला की ड्यूटी के दौरान हुई थी मौत
कोरोना ड्यूटी के दौरान बेमेतरा में 8 महीने की गर्भवती नर्स की मौत हो गई थी. इसके बाद कुछ जिले के कलेक्टरों ने गर्भवती महिलाओं के साथ ही 2 साल तक के बच्चों की माताओं के अलावा गंभीर बीमारियों से ग्रसित कर्मचारियों को कोरोना ड्यूटी से मुक्त रखने का आदेश जारी किया था. वहीं इस हादसे से अब तक सबक नहीं लिया गया है. यहां इस तरह का कोई अदेश जारी नहीं किया गया है. गर्भवतियों से लेकर 55 साल से अधिक और गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारियों की कोरोना ड्यूटी लगाई गई है.