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Ramnavami : रामनवमी में उमड़ी भक्तों की भीड़, ज्योति कलशों को किया गया ठंडा

नवरात्रि के समापन के साथ ही मंदिरों में स्थापित किए गए ज्योति कलशों को ठंडा किया जाता है. कोरबा शहर के देवी मंदिरों में हजारों की तादाद में ज्योति कलश स्थापित किए गए.जिन्हें विशेष पूजा के बाद ठंडा किया गया.

Jyoti Kalash cooled in temple
मनोकामना ज्योति कलश
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Published : Mar 30, 2023, 7:36 PM IST

कोरबा : रामनवमी के शुभ अवसर पर देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा. सर्वमंगला मंदिर, मां मड़वारानी, कोर्सगई, चैतुरगढ़ और भवानी मंदिर में भक्तों की भीड़ देखी गई. सभी देवी मंदिरों में खास पूजन अनुष्ठान का आयोजन किया गया. अष्टमी और नवमी के दिन विशेष हवन पूजन और कन्या भोज का कार्यक्रम हुआ.


नवरात्रि में विशेष पूजा : सर्वमंगला मंदिर के पुजारी अशोक कुमार उपाध्याय ने कहा कि "नाम के अक्षरों के अनुसार ही देवी के आराधना का फल मिलता है. नवरात्रि के 9 दिन अलग-अलग देवियों की पूजा होती है. जिस दिन जिस देवी की पूजा की जाती है. उस दिन विशेष अनुष्ठान होते हैं. भक्तों को उनके नाम के अक्षर के हिसाब से फल मिलता है. श्रद्धालुओं के नाम अलग-अलग अक्षरों से शुरू होते हैं. इन नामों से ही लोगों की राशि तय होती है. सभी राशियों पर अलग अलग तरह का प्रभाव पड़ता है. जिसके लिए विशेष पूजा का आयोजन हर नवरात्रि में होता है.''

ये भी पढ़ें- कोरबा के सीतामढ़ी में वनवास के दौरान आए थे श्रीराम

7 हजार मनोकामना ज्योति कलश हुए स्थापित : मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने के बाद लोग माता से मन्नत मांगते हैं. सर्वमंगला मंदिर की बात करें तो 3000 ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए थे. दूसरे देवी मंदिरों को मिलाकर जिले भर में 7000 ज्योति कलश स्थापित हुए थे. नवमी के दिन ही इन ज्योति कलश को विशेष पूजा के बाद बुझाया जाता है. आपको बता दें कि लगातार नौ दिनों तक यह ज्योति कलश प्रज्वलित होते हैं. तेल और घी के ज्योति कलश मंदिरों में नवमी के दिन अंतिम बार जगमगाते हुए दिखे.

कोरबा : रामनवमी के शुभ अवसर पर देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा. सर्वमंगला मंदिर, मां मड़वारानी, कोर्सगई, चैतुरगढ़ और भवानी मंदिर में भक्तों की भीड़ देखी गई. सभी देवी मंदिरों में खास पूजन अनुष्ठान का आयोजन किया गया. अष्टमी और नवमी के दिन विशेष हवन पूजन और कन्या भोज का कार्यक्रम हुआ.


नवरात्रि में विशेष पूजा : सर्वमंगला मंदिर के पुजारी अशोक कुमार उपाध्याय ने कहा कि "नाम के अक्षरों के अनुसार ही देवी के आराधना का फल मिलता है. नवरात्रि के 9 दिन अलग-अलग देवियों की पूजा होती है. जिस दिन जिस देवी की पूजा की जाती है. उस दिन विशेष अनुष्ठान होते हैं. भक्तों को उनके नाम के अक्षर के हिसाब से फल मिलता है. श्रद्धालुओं के नाम अलग-अलग अक्षरों से शुरू होते हैं. इन नामों से ही लोगों की राशि तय होती है. सभी राशियों पर अलग अलग तरह का प्रभाव पड़ता है. जिसके लिए विशेष पूजा का आयोजन हर नवरात्रि में होता है.''

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7 हजार मनोकामना ज्योति कलश हुए स्थापित : मंदिरों में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने के बाद लोग माता से मन्नत मांगते हैं. सर्वमंगला मंदिर की बात करें तो 3000 ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए थे. दूसरे देवी मंदिरों को मिलाकर जिले भर में 7000 ज्योति कलश स्थापित हुए थे. नवमी के दिन ही इन ज्योति कलश को विशेष पूजा के बाद बुझाया जाता है. आपको बता दें कि लगातार नौ दिनों तक यह ज्योति कलश प्रज्वलित होते हैं. तेल और घी के ज्योति कलश मंदिरों में नवमी के दिन अंतिम बार जगमगाते हुए दिखे.

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