कोरबा: कुसमुंडा के गेवरा रेलवे स्टेशन से बंद ट्रेनों को शुरू करने की मांग को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने गेवरा स्टेशन के सामने प्रदर्शन किया (CPIM protest demanding to start railway operations from Kusmunda) है. कुसमुंडा स्टेशन मास्टर के माध्यम से रेलवे के डीआरएम के नाम ज्ञापन सौंपते हुए ट्रेनों के चालू न होने पर 26 जुलाई को रेल चक्काजाम की चेतावनी दी गई है.
पश्चिमी कोरबा क्षेत्र की जनता रेल सुविधा से महरूम: इस विषय में माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि, "कोरबा पश्चिम की जनता को रेल प्रबंधन सुविधा के नाम पर लगातार धोखा देते आई है. अगर यात्री ट्रेनों की सुविधा नहीं शुरू होती है तो 26 जुलाई को मालगाड़ियों का परिचालन बंद किया जाएगा.
कोरबा देता है सर्वाधिक राजस्व : माकपा नेता वी.एम. मनोहर ने बताया कि, "गेवरा रोड रेलवे को सबसे ज्यादा राजस्व देता है लेकिन आम जनता को सुविधा के नाम पर रेलवे हर समय गुमराह करने का काम करती आई है. लॉकडाउन में जिन ट्रेनों को बंद किया गया. उसमें कुछ ट्रेनों को माकपा के बड़े आंदोलन के बाद शुरू किया गया था. लेकिन 14 अप्रैल से आदेश जारी कर फिर से सभी यात्री ट्रेनों को बंद कर दिया गया है, जिससे जनता में काफी गुस्सा है."
ट्रेन से कोयला ढोना चाह रही रेलवे: इस विषय में छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने कहा कि, "गेवरा रोड स्टेशन से छोटे व्यपारी, किसान, मजदूर और गरीब आम जनता, परिवहन का सबसे सस्ता सुगम साधन ट्रेन का उपयोग करते हैं, जिसे पूरी तरह से बंद करके रेलवे प्रबंधन केवल कोयला ढोना चाह रही है. जनता को धोखा देने का काम कर रही है. जिसका जवाब महिलाएं, किसान, छात्र, नौजवान 26 जुलाई को रेल चक्काजाम करके देंगे."
यह भी पढ़ें: रायपुर में ट्रेनें हो रही कैंसिल, यात्री परेशान, ये है वजह
जन विरोधी कार्य कर रही रेलवे : नौजवान सभा के नेता दामोदर श्याम ने कहा कि, "यदि रेल प्रबंधन अपने जन विरोधी रवैये को नहीं छोड़ती है तो इस क्षेत्र के लोग जिन्होंने अपनी जमीन इस सरकार को कोयला खनन के लिए दी है...वो यंहा से रेलवे को भी कोयला परिवहन की अनुमति नहीं देंगे और रेल चक्काजाम के लिए वयापक जन अभियान चलाया जाएगा."