कोरबा: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद का असर कोरबा शहर में नहीं दिखा. माकपा नेताओं ने कृषि कानून के खिलाफ में खदान प्रभावित क्षेत्रों में प्रदर्शन किया. इसमें कुसमुंडा और बांकीमोंगरा में माकपा नेताओं और किसानों ने 4 घंटे तक सड़क जाम रखा. इस दौरान माकपा नेताओं ने धरना प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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छत्तीसगढ़ की उर्जाधानी में किसान संगठन के संयुक्त आह्वान पर कृषि विरोधी कानून के खिलाफ भारत बंद के समर्थन में कुसमुंडा में 4 घंटे चक्काजाम किया गया. इसका मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, छत्तीसगढ़ किसान सभा, जनवादी महिला समिति, ट्रेड यूनियन ने समर्थन किया. किसान नेताओं ने किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ और न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था सुनिश्चित करने, खाद्यान्न आत्मनिर्भरता और ग्रामीण जनता की आजीविका बचाने की मांग को लेकर चक्काजाम किया.
कृषि कानून के खिलाफ सड़क पर उतरे किसान
इस दौरान मोदी सरकार के कानूनों और कॉर्पोरेटपरस्त कानूनों को निरस्त करने की मांग की गई. किसान संगठनों ने 'कॉर्पोरेट भगाओ-खेती-किसानी बचाओ, देश बचाओ' के केंद्रीय नारे पर देशव्यापी भारत बंद का समर्थन किया. भारत बंद कराने वामपंथी पार्टी माकपा, भाकपा, किसान सभा, महिला समिति, सीटू, एटक के कार्यकर्ता इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सड़कों पर उतरे. चक्काजाम में माकपा के प्रदेश सचिव संजय पराते, एटक के प्रदेश महासचिव हरिनाथ सिंह शामिल हुए. इन्होंने किसानों को संबोधित.
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भू विस्थापितों का मिला समर्थन
गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि कार्पोरेट घरानों की हितों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने जो तीन कानून लाया है, उससे देश की कृषि और किसान बर्बाद हो जाएंगे. न्यूनतम समर्थन मूल्य के जगह ठेका खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. कालाबाजारियों की गोदाम भरने की छूट से महंगाई बढ़ेगी. इसी तरह से नई बिजली कानून भी किसानों की आर्थिक समस्याओं को बढाने वाली है. इससे और भी कई विषमताएं सामने आएंगी.
किसान शांतिपूर्वक सड़कों पर ही डटे
गजेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि देशभर के किसान पिछले 26 नवंबर से दिल्ली पहुंचकर विरोध जता रहे हैं. किसान शांतिपूर्वक सड़कों पर ही डटे हुए हैं. सरकार को अपने कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसानों को सरकार दिल्ली के बाहर ही रोक रखी है. संघर्षरत किसानों को देशभर से सहयोग भेजा जा रहा है. इसी के तहत किसानों को कोरबा से सहयोग राशि और अनाज भेजी जाएगी.