कोरबा: छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर हर दिन नई समस्या खड़ी हो रही है. एपीएल, बीपीएल, अंत्योदय श्रेणी में टीकाकरण को लेकर दिक्कतें आ रही हैं. कोरबा जिले में सोमवार को वैक्सीनेशन सेंटर में टीका खत्म होने के बाद हंगामा हो गया. जिसके बाद लोगों ने अपर आयुक्त अशोक शर्मा का घेराव कर दिया.
खत्म हो गए टीके
जिले में नए निर्देशों के तहत सोमवार से एपीएल, बीपीएल के अलग-अलग केंद्रों के बजाय एक ही केंद्र में सभी श्रेणियों के टीकाकरण की शुरुआत की गई. इससे व्यवस्था बनाने के बजाय बिगड़ गई. बीपीएल और अंत्योदय श्रेणी के लोगों को टीकाकरण में प्राथमिकता दिए जाने के कारण एपीएल के खाते में सिर्फ 16% टीके ही मिल पाए हैं. सभी केंद्रों को लगभग 250-250 की तादाद में टीके मिले. इससे एपीएल के खाते में सिर्फ 40 से 50 टीके ही प्रति केंद्र आए. जबकि लगवाने वाले सैकड़ों की तादात में टीकाकरण केंद्र पहुंच रहे थे. तो दूसरी तरफ अंत्योदय और बीपीएल की कतार में गिनती के लोग मौजूद थे. इन परिस्थितियों को देख लोग आक्रोशित ही गए.
टीकाकरण केंद्र में हंगामा
टीके कम होने की वजह से व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई. शहर के 15 ब्लॉक टीकाकरण केंद्र में अपर आयुक्त अशोक शर्मा को लोगों ने कुछ समय के लिए घेर लिया. और उनसे सवाल पूछा कि हमें ठीक है क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं. जिले में शहर के लगभग सभी केंद्रों में दिनभर वाद विवाद होता रहा.
वेबसाइट हुई ठप
सीजी टीका ऐप लॉन्च होते ही क्रैश हो गया, लेकिन अफसरों ने जिले के टीकाकरण केंद्रों में ऑनलाइन एंट्री के बाद ही टीकाकरण करने के निर्देश दिए थे. जिले के एनटीपीसी में केंद्रीय विद्यालय को टीकाकरण केंद्र बनाया गया है. सुबह होते ही वेबसाइट ठप थी. कतार लंबी होती चली गई, लेकिन मैदानी अमला वेबसाइट ठप होने की वजह से हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा. बाद में उन्हें निर्देश दिया गया कि ऑफलाइन ही टीकाकरण शुरू किया जाए. यहां जोन कमिश्नर बच्चन शर्मा भी पहुंचे हैं और परिस्थितियों का जायजा लिया. लेकिन वह कुछ स्पष्ट निर्देश नहीं दे पाए.
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मैदानी अमले को स्पष्ट निर्देश नहीं
टीकाकरण केंद्र में लगे कर्मचारियों ने भी आम लोगों को ठीक जानकारी नहीं दी. जिसकी वजह से लोग टीकाकरण केंद्र आकर घर लौट गए, जिन्हें पता चला कि टीकाकरण फिर शुरू हो गया है, तो वे फिर से टीकाकरण केंद्र की तरफ भागे. लेकिन तब तक उनका कोटा समाप्त हो चुका था.
1700 टीके में से सिर्फ 245 एपीएल के
शहर के 10 केंद्रों में सोमवार को टीकाकरण शुरू किया गया. कुल मिलाकर 1700 टीके दिए गए. 234 टीके फ्रंट लाइन वर्कर के लिए पृथक से प्रदान किए गए थे.अब कुल मिले 1700 टीकों में से 279 अंत्योदय, 942 बीपीएल तो एपीएल श्रेणी के लिए महज 245 टीके ही मिले थे. टीके लगवाने वालों में सर्वाधिक संख्या एपीएल की रही. जोकि सैकड़ों की तादात में टीकाकरण केंद्र पहुंचे थे, लेकिन उनकी श्रेणी का कोटा समाप्त हो जाने के कारण उन्हें टीका नहीं लग सका. तो दूसरी तरफ बीपीएल श्रेणी से गिनती के लोग टीके लगवाने पहुंचे.जिसकी वजह से जिन्हें टीका नहीं लग सका वह आक्रोशित होते रहे. मैदानी अमले से जमकर विवाद भी हुआ. कई स्थानों पर एक ही कतार में एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय श्रेणी के लोग लग गए. जिसकी वजह से ही को अधिकतम हो गए जिससे की व्यवस्था नहीं बन पाई और विवाद जैसी स्थिति निर्मित हो गई.
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सोशल डिस्टेंसिंग के भी उड़ी धज्जियां
टीकाकरण केंद्रों में भीड़ जमा हो जाने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ी. टीके लगवाने के लिए लगी लंबी कतारें, कहीं नई मुसीबत ना पैदा कर दे.इस बात की भी चिंता अफसरों को सता रही है.
अपर आयुक्त ने कहा-दिए गए हैं स्पष्ट निर्देश
अपर आयुक्त अशोक शर्मा ने बताया कि 15 ब्लॉक में एपीएल श्रेणी के जितने टीके मौजूद थे. उससे ज्यादा टोकन इश्यू कर दिए गए थे. जिसकी वजह से परेशानी हुई. मैदानी अमले को स्पष्ट निर्देश है कि ऑनलाइन एंट्री नहीं होने की स्थिति में ऑफलाइन टीकाकरण किया जाए.