कोरबा: कोरोना वायरस के शहर तक सीमित रहने वाले मिथक अब टूट रहे हैं. शहर की सीमाओं को लांघकर कोरोना अब गांवों तक पहुंच चुका है. कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कोरकोमा कोरोना वायरस की चपेट में है. यहां के 4 में से 3 मोहल्ले कंटेनमेंट जोन घोषित हो चुके हैं. छोटे से गांव में एक्टिव मरीज के संख्या 300 है. गांव की कुल जनसंख्या 3,080 है. यानी गांव की 10 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित है. टेस्टिंग बढ़ाए जाने पर यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है. जागरूकता के अभाव में कई लोगों के सैंपल भी नहीं लिए जा सके हैं. गांव में जागरूकता की कमी के कारण कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराना आसान नहीं है.
रामनगर में हर घर का एक सदस्य पॉजिटिव
ग्राम पंचायत कोरकोमा में स्थित मोहल्ला रामनगर को कंटेनमेंट जोन बनाया गया है. यहां कुल 82 परिवार निवासरत हैं. जिनके सदस्यों की संख्या 755 है. जिनमें से 461 लोगों के सैंपल कोरोना जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लिए थे. जहां 105 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. यहां हालात ये हैं कि लगभग हर घर से कोई न कोई सदस्य पॉजिटिव मिला है. अब घर के कुछ सदस्य सैंपल देना नहीं चाहते, तो कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो जानकारी छिपा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग इन्हें लगातार जागरूक करते हुए एहतियात बरतने की बात कह रहा है. सर्विलांस टीम सर्वे भी कर रही है. जिन ग्रामीणों की सैंपलिंग नहीं हुई है, लेकिन लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें भी दवा देकर पूरी तरह से आइसोलेट करने का प्रयास है. शिवनगर और छुई ढोढा मोहल्लों को भी कंटेनमेंट जोन बनाया गया है.
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सार्वजनिक आयोजन भी बना संक्रमण का कारण
गांव में अब भी सार्वजनिक आयोजनों पर पूरी तरह से रोक नहीं लग सकी है. प्रशासनिक निगरानी के बावजूद ग्रामीण किसी ना किसी तरह का आयोजन कर लेते हैं. नवरात्रि के दिनों में जवारा विसर्जन हो या फिर शादी का उत्सव या छठी कार्यक्रम. एक ऐसा ही आयोजन गांव में हुआ था, जहां गांव के अधिकतर ग्रामीण एकत्र हुए. जिस क्षेत्र में यह सार्वजनिक आयोजन हुआ, वहां के अधिकतर लोग बाद में पॉजिटिव पाए गए, इसलिए अब कड़ाई से निगरानी की जा रही है. लोगों को सख्त हिदायत दी गई है कि अब किसी भी तरह का आयोजन ना करें.
गांव के उपसरपंच भी हुए थे पॉजिटिव, अब लोगों को कर रहे जागरूक
ग्राम पंचायत कोरकोमा के उप-सरपंच उमेश्वर सोनी भी कोरोना पॉजिटिव हो गये थे. फिलहाल वे स्वस्थ हो गए हैं और ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं. उमेश्वर का कहना है कि शहरों में आमतौर पर जागरूकता होती है. लोग कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हैं. गांव में पहले लोग मास्क नहीं लगा रहे थे, सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं हो पा रही थी, लेकिन मामले बढ़ने के बाद अब लोग नियमों का पालन कर रहे हैं. सार्वजनिक आयोजन भी पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं. गांव में सर्दी-खांसी के मामले बढ़ने के बाद पता चला कि गांव में कोरोना वायरस फैल गया है. इसके बाद गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. हमारा प्रयास है कि स्वास्थ्य विभाग, शिक्षकों और पूरी टीम के साथ मिलकर कोरोना पर नियंत्रण किया जाए. अभी तो स्थिति खराब है, हर घर में एक पॉजिटिव मरीज है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा.
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संक्रमण रोकने का पूरा प्रयास
कोरबा ग्रामीण के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर दीपक राज ने बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए प्रत्येक 50 घरों के अनुपात में 1 दल बनाया गया. यह एक्टिव सर्विलांस टीम होती है जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन और शिक्षक मिलकर सर्वे करते हैं. पंचायत स्तर पर पटवारी और सचिव को टीम लीडर बनाया गया है. सर्वे में लक्षण वाले मरीज मिले तो तत्काल दवा दी जाती है. टेस्टिंग टीम भी है, मोबाइल टीम भी काम कर रही है. जो कंटेनमेंट जोन में जाकर टेस्टिंग करती है. पुलिस के जवान भी तैनात हैं. जो कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करवाने के साथ ही संक्रमित के परिजन के घर में रहें. क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाए गए हैं. बाहर से आने वाले लोगों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. पांचवें दिन उनकी टेस्टिंग होती है. पॉजिटिव आने वालों के लिए आइसोलेशन सेंटर की भी व्यवस्था है.
ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ जगह पर ऐसा भी होता है कि लोगों को जागरूक करना पड़ता है. सैंपल देने में भी लोग आनाकानी करते हैं. जरूरत पड़ने पर पुलिस की भी मदद ली जाती है. ग्रामीण छिपकर कई बार सार्वजनिक आयोजन कर लेते हैं. इससे भी संक्रमण बढ़ रहा है.
आंकड़ों पर एक नजर-
- कोरकोमा की कुल आबादी 3080.
- वर्तमान में 300 एक्टिव मरीज.
- 2 लोगों की हो चुकी है मौत.
- फिलहाल ज्यादातर लोग होम आइसोलेशन में.
- हर दिन 5 से 10 नए मरीज मिल रहे.
- गांव में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर मौजूद, जहां चिकित्सक तैनात.
- 6 एक्टिव सर्विलांस टीम गांव में कर रही सर्वे.
- गांव के पास एक क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाया गया है.
- स्थिति बिगड़ने पर बालाजी कोविड अस्पताल सबसे नजदीक, जहां बेड और वेंटिलेटर की व्यवस्था है.