कोरबा: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सत्ता वापसी के लिए महिलाओं की अहम भूमिका रही. महिलाओं को गेम चेंजर माना जा रहा है. लेकिन पिछले पांच सालों में ऐसा क्या हुआ कि महिलाओं ने बीजेपी को जनाधार दिया. आईए आपको बताते हैं छत्तीसगढ़ के इस मिशन में किस पार्टी से कितनी महिला उम्मीदवारों को उतारा गया था.
कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों का परिणाम- वहीं कांग्रेस की यदि बात करें तो इस बार कांग्रेस ने 90 में से 18 सीटों पर महिला प्रत्याशियों को उतारा था.जिसमें से 10 सीटों पर महिलाएं जीती हैं.जबकि 8 सीटों पर महिलाओं को हार का सामना करना पड़ा.
विधानसभा | प्रत्याशी | नतीजा |
भानुप्रतापपुर(एसटी) | सावित्री मंडावी | जीत |
संजारी बालोद (सामान्य) | संगीता सिन्हा | जीत |
डौंडीलोहारा (एसटी) | अनिला भेंड़िया | जीत |
खैरागढ़ (सामान्य) | यशोदा वर्मा | हार |
डोंगरगढ़ (एससी) | हर्षिता स्वामी बघेल | जीत |
लैलुंगा (एसटी) | विद्यावती सिदार | जीत |
सारंगढ़ (एससी) | उत्तरी जांगड़े | जीत |
पाली-तानाखार (एसटी) | दुलेश्वरी सिदार | हार |
तखतपुर (सामान्य) | डॉ. रश्मि आशीष सिंह | हार |
पामगढ़ (एससी) | शेषराज हरबंश | जीत |
बैकुंठपुर (सामान्य) | अंबिका सिंहदेव | हार |
सरायपाली (एससी) | चातुरी नंद | जीत |
महासमुंद | डॉ. रश्मि चंद्राकर | हार |
सिहावा (एसटी) | अंबिका मरकाम | जीत |
धरसींवा (सामान्य) | छाया वर्मा | हार |
कुरूद (सामान्य) | तारिणी नीलम चंद्राकर | हार |
बिलाईगढ़ (एससी) | कविता प्रान लहरे | जीत |
प्रतापपुर (एसटी)- | राजकुमारी मरावी | हार |
बीजेपी की महिला प्रत्याशियों के परिणाम- बीजेपी ने 90 विधानसभा में से 15 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था.जिसमें से 8 सीटों पर महिलाएं जीतीं.जबकि 7 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.
विधानसभा | प्रत्याशी | नतीजा |
कोंडागांव(एसटी) | लता उसेंडी | जीत |
खुज्जी (सामान्य) | गीता घासी साहू | हार |
भरतपुर-सोनहत (एसटी) | रेणुका सिंह | जीत |
भटगांव (सामान्य) | लक्ष्मी राजवाड़े | जीत |
प्रतापपुर(एसटी) | शंकुलता सिंह पोर्थे | जीत |
सामरी(एसटी) | उधेश्वरी पैकरा | जीत |
पत्थलगांव(एसटी) | गोमती साय | जीत |
लैलुंगा(एसटी) | सुनीति सत्यानंद राठिया | हार |
चंद्रपुर(सामान्य) | बहूरानी संयोगिता | हार |
सरायपाली | सरला कोसरिया | हार |
खल्लारी (सामान्य) | अलका चंद्राकर | हार |
धमतरी | रंजना दीपेंद्र साहू | हार |
पंडरिया (सामान्य) | भावना बोहरा | जीत |
जशपुर | रायमुनि भगत | जीत |
सारंगढ़ | शिवकुमारी चौहान | हार |
छत्तीसगढ़ की 4 सीटों पर महिलाओं की सीधी भिड़ंत
विधानसभा | बीजेपी | कांग्रेस | नतीजा |
प्रतापपुर | शकुंतला पोर्ते | राजकुमारी मरावी | बीजेपी जीती |
लैलुंगा | सुनीति राठिया | विद्यावती सिदार | कांग्रेस जीती |
सरायपाली | सरला कोसरिया | चातुरी नंद | कांग्रेस जीती |
सारंगढ़ | शिवकुमारी चौहान | उत्तरी जांगड़े | कांग्रेस जीती |
ईटीवी भारत ने परिणाम के बीच महिलाओं से बात की थी. बीजेपी समर्थित महिलाएं हो या कामकाजी महिलाएं सभी का एक तरह से मिला-जुला जवाब है. शराबबंदी का अधूरा वादा महिलाओं को याद है. जबकि मतदान के अंतिम दिनों में लाई गई महतारी वंदन योजना को बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है.
1000 के लिए फार्म भरवाने का महिलाओं पर असर : बीजेपी ने मतदान के ठीक पहले अंतिम दिनों में महतारी वंदन योजना लॉन्च की. महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए देने का वादा किया. बीजेपी कार्यकर्ता गली-मोहल्ले में भीड़ लगाकर फॉर्म भरवाने लगे. फॉर्म भरने के लिए मोहल्लों में महिलाओं की भीड़ उमड़ी. महिलाओं को लगा कि हर महीने 1000 रुपए के मान से सालाना 12000 मिलेंगे. यह बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक था. किसानों कर्जमाफी का वादा करके कांग्रेस ने साधा था,लेकिन महिलाओं को भूल गई थी.इस बार महिलाओं को बीजेपी ने साधा.हालांकि बाद में कांग्रेस की गृहलक्ष्मी योजना आई,लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.
शराबबंदी को लेकर भी महिलाएं नाराज : 2018 में जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी. तब कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा किया. महिलाओं ने कहा कि सरकार ने गंगाजल हाथ में लेकर शराबबंदी का वादा किया,लेकिन घर-घर शराब पहुंची. इसलिए उनकी हार होनी तय थी. झूठी कसम खाने के बाद शराबबंदी का वादा पूरा नहीं किया. महिला नेता संजूदेवी राजपूत कहती हैं कि महिलाएं आकर मुझसे पूछती थीं, कि शराबबंदी कब होगी. यह अधूरा वादा महिलाओं को याद है.
एक मौका देकर सत्ता से किया बाहर : महिला नेत्री रुकमणी नायर रहती है कि 15 साल प्रदेश में बीजेपी की सरकार रही. इसके बाद एक बार लोगों ने 5 साल के लिए कांग्रेस को मौका दिया. इन्होंने इतना भ्रष्टाचार किया, महिलाओं को इतना उपेक्षित रखा की जनता ने इन्हें 5 साल में ही बदल दिया. कांग्रेस के राज में महिलाएं असुरक्षित थीं. उनके साथ होने वाले अपराध में भी बढ़ोतरी हुई थी.
कितनी सीटों पर महिलाओं ने डाले ज्यादा वोट : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में प्रदेश की 90 विधानसभाओं में से 50 विधानसभाओं में पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है. जिसमें भरतपुर-सोनहत, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुण्ड्रा, अंबिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, रामपुर, पालीतानाखार, जैजैपुर, मरवाही, सरायपाली, बसना, खल्लारी, महासमुंद, बिलाईगढ, राजिम, बिंद्रानवागढ़, सिहावा, डोंडीलोहारा, गुंडरदेही और संजारी-बालोद विधानसभा क्षेत्रों में वोट डालने वाले महिला मतदाताओं की संख्या वोट डालने वाले पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक है.
वहीं धमतरी, दुर्ग शहर, पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में वोट डालने वाली महिला मतदाताओं की संख्या वोट डालने वाले पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक है.
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में हुए दो चरणों के मतदान में कुल 1 करोड़ 55 लाख 61 हजार 460 मतदाताओं ने वोट डाले. जिसमें 77 लाख 48 हजार 612 पुरुष और 78 लाख 12 हजार 631 महिला मतदाता शामिल हैं.