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भुगतान नहीं होने पर ठेकेदार ने किया आत्मदाह का प्रयास, डीएफओ ने दिया पैमेंट का आश्वासन

केशलपुर और जटगा वन परिक्षेत्र में स्टॉप डैम और तालाब निर्माण का काम हुआ था लेकिन उसका भुगतान लंबित भुगतान है. इसी बात से नाराज ठेकेदार ने आत्मदाह करने की कोशिश की. लेकिन आसपास खड़े लोगों ने ऐसा करने से रोक लिया.

self immolation due to non payment
आत्मदाह का प्रयास
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Published : Aug 28, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Aug 28, 2021, 6:40 PM IST

कोरबा: तालाब और स्टॉप डैम निर्माण का लंबित भुगतान नहीं हुआ है. इस बात से नाराज ठेकेदार ने वन मंडल परिसर में खुद के ऊपर मिट्टी का तेल उड़ेल लिया. इस दौरान आसपास खड़े लोगों ने समय रहते ठेकेदार को आत्मदाह करने से रोक लिया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित ठेकेदार की समस्या सुनी.

ठेकेदार ने किया आत्मदाह का प्रयास

कटघोरा वन मंडल के परिसर में आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक स्थानीय ठेकेदार ने आत्महत्या की नीयत से खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेल लिया और आत्मदाह के लिए माचिस ढूंढने लगा. वहीं आसपास खड़े वनमंडल कर्मी और दूसरे लोगो ने उसे पकड़कर अलग किया और समझाइस दी. आत्मदाह की कोशिश की सूचना तुरंत कटघोरा थाना पुलिस को दी गई.

ठेकेदार ने बताया कि वह लंबित भुगतान के लिए परेशान है. इसलिए ठेकेदार को आत्मघाती कदम उठाना पड़ा. ठेकेदार का कहना है कि आने वाले सोमवार तक उन्हें भुगतान क्लियर होने का आश्वासन मिला है. लेकिन उसके बाद भी वनमंडल का रवैय्या नहीं बदला तो वह किसी अज्ञात जगह में जाकर आत्महत्या कर लेंगे. उसने बताया कि वह एक मध्यमवर्गीय ठेकेदार है और वह अपने भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर काटकर थक चुका है. इसके साथ ही ठेकेदार ने डीएफओ और रेंजर की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है.

थाना प्रभारी पर युवती ने लगाए दुष्कर्म के आरोप, न्याय नहीं मिलने पर दी आत्मदाह की चेतावनी

ठेकेदार ने बताया कि ढाई साल पहले केशलपुर और जटगा वन परिक्षेत्र में स्टॉप डैम का निर्माण हुआ था. दोनों काम के लिए हेतु उन्होंने निर्माण सामग्री और मशीन आदि विभाग को उपलब्ध कराया था. आज उन दोनों निर्माण को ढाई वर्ष बीत चुके हैं. लेकिन काम से जुड़ा करीब 50 लाख रुपये का भुगतान लंबित है. जबकि उन्होंने मजदूरों को मजदूरी का भुगतान कर दिया है.

ठेकेदार ने आरोप लगाया कि जब वह भुगतान के बारे में वनमंडल के वनमण्डलाधिकारी से पूछते हैं तो रेंजर जल्द ही भुगतान होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं. ठेकेदार ने बताया कि वह ढाई सालों से विभाग के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनका भुगतान नहीं हुआ है.

डीएफओ शमा फ़ारूक़ी ने बताया कि उन्हें ठेकेदार के भुगतान की कोई जानकारी नहीं है. लेकिन उन्होंने इस सूचना के आधार पर वन परिक्षेत्राधिकारी को निर्देशित किया है कि यदि ठेकेदार ने दोनों निर्माण कामों को किया है, तो तत्काल बीटगार्ड और अन्य अफसरों से प्रमाणन प्राप्त कर डिवीजन ऑफिस में जमा करे. डीएफओ ने कहा कि भुगतान आने वाले चार दिनों के भीतर किया जाएगा.

कोरबा: तालाब और स्टॉप डैम निर्माण का लंबित भुगतान नहीं हुआ है. इस बात से नाराज ठेकेदार ने वन मंडल परिसर में खुद के ऊपर मिट्टी का तेल उड़ेल लिया. इस दौरान आसपास खड़े लोगों ने समय रहते ठेकेदार को आत्मदाह करने से रोक लिया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित ठेकेदार की समस्या सुनी.

ठेकेदार ने किया आत्मदाह का प्रयास

कटघोरा वन मंडल के परिसर में आज उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक स्थानीय ठेकेदार ने आत्महत्या की नीयत से खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेल लिया और आत्मदाह के लिए माचिस ढूंढने लगा. वहीं आसपास खड़े वनमंडल कर्मी और दूसरे लोगो ने उसे पकड़कर अलग किया और समझाइस दी. आत्मदाह की कोशिश की सूचना तुरंत कटघोरा थाना पुलिस को दी गई.

ठेकेदार ने बताया कि वह लंबित भुगतान के लिए परेशान है. इसलिए ठेकेदार को आत्मघाती कदम उठाना पड़ा. ठेकेदार का कहना है कि आने वाले सोमवार तक उन्हें भुगतान क्लियर होने का आश्वासन मिला है. लेकिन उसके बाद भी वनमंडल का रवैय्या नहीं बदला तो वह किसी अज्ञात जगह में जाकर आत्महत्या कर लेंगे. उसने बताया कि वह एक मध्यमवर्गीय ठेकेदार है और वह अपने भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर काटकर थक चुका है. इसके साथ ही ठेकेदार ने डीएफओ और रेंजर की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है.

थाना प्रभारी पर युवती ने लगाए दुष्कर्म के आरोप, न्याय नहीं मिलने पर दी आत्मदाह की चेतावनी

ठेकेदार ने बताया कि ढाई साल पहले केशलपुर और जटगा वन परिक्षेत्र में स्टॉप डैम का निर्माण हुआ था. दोनों काम के लिए हेतु उन्होंने निर्माण सामग्री और मशीन आदि विभाग को उपलब्ध कराया था. आज उन दोनों निर्माण को ढाई वर्ष बीत चुके हैं. लेकिन काम से जुड़ा करीब 50 लाख रुपये का भुगतान लंबित है. जबकि उन्होंने मजदूरों को मजदूरी का भुगतान कर दिया है.

ठेकेदार ने आरोप लगाया कि जब वह भुगतान के बारे में वनमंडल के वनमण्डलाधिकारी से पूछते हैं तो रेंजर जल्द ही भुगतान होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं. ठेकेदार ने बताया कि वह ढाई सालों से विभाग के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन उनका भुगतान नहीं हुआ है.

डीएफओ शमा फ़ारूक़ी ने बताया कि उन्हें ठेकेदार के भुगतान की कोई जानकारी नहीं है. लेकिन उन्होंने इस सूचना के आधार पर वन परिक्षेत्राधिकारी को निर्देशित किया है कि यदि ठेकेदार ने दोनों निर्माण कामों को किया है, तो तत्काल बीटगार्ड और अन्य अफसरों से प्रमाणन प्राप्त कर डिवीजन ऑफिस में जमा करे. डीएफओ ने कहा कि भुगतान आने वाले चार दिनों के भीतर किया जाएगा.

Last Updated : Aug 28, 2021, 6:40 PM IST
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