कोरबा: जिले के पश्चिम क्षेत्र को मुख्यालय से जोड़ने वाली कोरबा पश्चिम की लाइफ लाइन सड़क राजनीति में फंस गई है. 172 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन इमलीछापर- कुसमुंडा से होते हुए हरदीबाजार तक के सड़क का काम फंड के अभाव में नागपुर की ठेका कंपनी एसएमएस ने फिर बंद (kusmunda korba imlichhapar road) कर दिया है. कंपनी के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी फंड नहीं है. जिससे नाराज कर्मचारियों ने लोक निर्माण विभाग के कार्यालय का घेराव कर दिया है. कंपनी का आरोप है कि 60 करोड़ का काम पूर्ण करने के बाद भी महज 40 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. अब सड़क निर्माण के लिए पैसे नहीं हैं. जिसके कारण विवश होकर काम बंद करना पड़ रहा है.
डेढ़ साल से चल रहा है सड़क निर्माण का काम: कुसमुंडा इमलीछापर से लेकर तरदा के हरदीबाजार तक निर्माणाधीन सड़क की कुल लंबाई 27 किलोमीटर है. यह सड़क कोयलांचल क्षेत्र को मुख्यालय से जोड़ती है. यहां से अधिकतर कोयला लदे भारी वाहनों का आवागमन होता है. कुसमुंडा और गेवरा क्षेत्र से कोयला अन्य जिलों के साथ ही सड़क के जरिये राज्यों को भी सप्लाई किया जाता है. यह सड़क पिछले एक दशक से बेहद जर्जर है. कई आंदोलनों और धरना प्रदर्शन के बाद साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स (SECL) ने सड़क निर्माण के लिए 172 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे. जिसका ठेका नागपुर की कंपनी एसएमएस को दिया गया है. जिला प्रशासन के माध्यम से सड़क निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग(PWD) को फंड जारी किया जाता है, जहां से फंड ठेका कंपनी को आवंटित किया जाता है.
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फंड जारी नहीं होने से नाराज ठेका कंपनी: बताया जा रहा है कि फंड जारी नहीं होने की बात से आक्रोशित ठेका कंपनी के कर्मचारियों ने पीडब्ल्यूडी के कार्यालय का घेराव कर दिया. कंपनी के जीएम के.के मिश्रा इस विषय में कहते हैं " 172 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण पिछले डेढ़ वर्षों से चल रहा है. हमने 60 करोड़ का काम पूरा कर दिया है. लेकिन हमें महज 40 करोड़ का ही भुगतान किया गया है. जितनी क्षमता थी हमने पूरी लगा दी. लेकिन अब आगे का निर्माण फंड के अभाव में मुश्किल है. SECL की ओर से जिला प्रशासन को 80 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं. बावजूद इसके हमें पिछले वर्ष के दिसंबर माह के बाद से कोई भुगतान नहीं मिला है. हमें प्रशासन की ओर से फंड नहीं मिला है.ऐसे में काम करना मुश्किल है. इस सड़क निर्माण में कंपनी के लगभग 225 कर्मचारी लगे हुए हैं, जिसमें इंजीनियर से लेकर मजदूर स्तर के कर्मचारी हैं. वह सभी बेरोजगार होंगे. आने वाले मानसून में लोगों को परेशानी होगी, यहां से वाहनों का आवागमन संभव नहीं हो पाएगा."
राजस्व मंत्री ने कलेक्टर के विरोध में दिया तल्ख बयान : कुसमुंडा इमलीछापर का सड़क निर्माण फंड के अभाव में एक बार और बंद कर दिया गया था. ठेका कंपनी ने तब भी फंड नहीं होने की बात कही थी. राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सड़क निर्माण बंद होने के बाद कलेक्टर पर आरोप मढ़ा था. कहा था कि "व्यक्तिगत रुचि पूर्ण नहीं होने के कारण कलेक्टर, SECL से फंड जारी होने के बाद भी कंपनी को फंड जारी नहीं कर रही है. तल्ख बयान देते हुए मंत्री अग्रवाल ने कलेक्टर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे".
जल्द जारी करेंगे फंड : सड़क निर्माण बंद होने और ठेका कंपनी द्वारा कार्यालय के घेराव के प्रश्न पर पीडब्ल्यूडी विभाग के कार्यपालन अभियंता ए.के वर्मा ने कहा है कि "फंड जल्द ही जारी किया जाएगा. फिलहाल हमारे पास कंपनी को देने के लिए फंड नहीं है. हमें प्रशासन की तरफ से फंड जारी नहीं किया जा रहा है. इसका कारण नहीं पता है, हालांकि जारी नहीं किए जाने जैसी कोई बात नहीं है. जल्दी हम इस मामले का निपटारा कर लेंगे."