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कोरबा रेलवे स्ट्रेशन की सेकेंड एंट्री बंद, यात्री परेशान

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Published : Nov 9, 2019, 9:52 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 10:43 PM IST

रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री को बंद कर दिया गया है, जिसकी वजह से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री

कोरबा : रेलवे स्टेशन के विपरीत दिशा में लगभग सवा करोड़ की लागत से बने सेकेंड एंट्री को बंद कर दिया गया है. इसकी वजह से रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए लोगों को 3 से 4 किलोमीटर तक घूमकर जाना पड़ता है.

रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री

1 जून 2016 को शुरू हुई सेकेंड एंट्री की सुविधा शहर के लोगों को अब तक नहीं मिल रही है. 3 साल पहले कोरबा रेलवे स्टेशन के पीछे सवा करोड़ की लागत से सेकेंड एंट्री की शुरुआत की गई थी. इसके 8 महीने बाद ही रेलवे ने सेकेंड एंट्री बंद कर दी थी. हाल ही में बिलासपुर जोन के अधिकारी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस रास्ते पर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन(ATVM) भी लगाई गई, लेकिन कुछ दिन बाद ही इस सुविधा को भी बंद कर दिया गया.

रेलवे प्रशासन का कहना है कि जब तक बड़ी संख्या में यात्री टिकट लेकर इस रास्ते से यात्रा नहीं करते, तब तक ये सुविधाएं बढ़ाना संभव नहीं होगा.

जाम से होती है यात्रियों को परेशानी

टीपी नगर से गुजरी रेल लाइन औद्योगिक रेल लाइन है. जिससे सिर्फ कोयले का ही परिवहन पावर प्लांटों को किया जाता है. शहर में लगे तीन फाटक हर 10 से 15 मिनट में बंद होते हैं. जिसकी वजह से यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. सेकेंड एंट्री से शहर के आधे भाग में रहने वाले लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पहुचने की राह आसान होगी. फिलहाल सेकेंड एंट्री पूरी तरह से बंद है. वहीं रेलवे के अफसर इस मामले में बचते हुए नजर आ रहे हैं.

कोरबा : रेलवे स्टेशन के विपरीत दिशा में लगभग सवा करोड़ की लागत से बने सेकेंड एंट्री को बंद कर दिया गया है. इसकी वजह से रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए लोगों को 3 से 4 किलोमीटर तक घूमकर जाना पड़ता है.

रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री

1 जून 2016 को शुरू हुई सेकेंड एंट्री की सुविधा शहर के लोगों को अब तक नहीं मिल रही है. 3 साल पहले कोरबा रेलवे स्टेशन के पीछे सवा करोड़ की लागत से सेकेंड एंट्री की शुरुआत की गई थी. इसके 8 महीने बाद ही रेलवे ने सेकेंड एंट्री बंद कर दी थी. हाल ही में बिलासपुर जोन के अधिकारी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस रास्ते पर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन(ATVM) भी लगाई गई, लेकिन कुछ दिन बाद ही इस सुविधा को भी बंद कर दिया गया.

रेलवे प्रशासन का कहना है कि जब तक बड़ी संख्या में यात्री टिकट लेकर इस रास्ते से यात्रा नहीं करते, तब तक ये सुविधाएं बढ़ाना संभव नहीं होगा.

जाम से होती है यात्रियों को परेशानी

टीपी नगर से गुजरी रेल लाइन औद्योगिक रेल लाइन है. जिससे सिर्फ कोयले का ही परिवहन पावर प्लांटों को किया जाता है. शहर में लगे तीन फाटक हर 10 से 15 मिनट में बंद होते हैं. जिसकी वजह से यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. सेकेंड एंट्री से शहर के आधे भाग में रहने वाले लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पहुचने की राह आसान होगी. फिलहाल सेकेंड एंट्री पूरी तरह से बंद है. वहीं रेलवे के अफसर इस मामले में बचते हुए नजर आ रहे हैं.

Intro:कोरबा। रेलवे स्टेशन की सेकंड एंट्री को बंद कर रेल प्रशासन आधे शहर को सुविधाओं से महरूम कर रहा है। 1 जून 2016 को शुरू हुई सेकंड एंट्री से सुविधा शहर वासियों को अब भी नहीं मिल रही है। इससे आधी आबादी को रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए 3 से 4 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर कर शहर के ट्रैफिक से दो-चार होना पड़ता है। सब कुछ जानते हुए भी रेल प्रशासन अनजान बना हुआ है। वह लगातार यात्री सुविधाओं की उपेक्षा कर रहा है।


Body:मानिकपुर साइडिंग की ओर कोरबा रेलवे स्टेशन की मुख्य द्वार से विपरीत स्टेशन के पीछे की ओर सवा करोड़ की लागत से अब से लगभग 3 वर्ष पहले सेकंड एंट्री की शुरुआत की गई थी। इसके 8 माह बाद 17 फरवरी 2017 को ही इसे आमदनी नहीं होने के कारण रेल प्रशासन ने बंद कर दिया। सेकेंड एंट्री का लाभ अब शहर के साथ ही उपनगरीय क्षेत्र से आने वाले यात्रियों को भी नहीं मिल रहा है। हाल ही में बिलासपुर जोन के अफसर रेलवे स्टेशन कोरबा का निरीक्षण करने पहुंचे थे। लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। योजना यह भी थी कि सेकेंडरी में ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन(ATVM)लगाई जाएगी पिछले 3 अक्टूबर को ATVM लगाया भी गया, लेकिन कुछ दिन बाद इस सुविधा को भी बंद कर दिया गया। जहां ATVM लगी है, उस कमरे के दरवाजे में ताला लटका हुआ है। सेकेंड एंट्री में जो सबसे महत्वपूर्ण सुविधा है, वह पार्किंग की हौ। जिसे आज तक शुरू नहीं किया जा सका है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि जब तक बड़ी संख्या में यात्री टिकट लेकर यहां से यात्रा कर नहीं करते, तब तक यहां सुविधाएं बढ़ाना संभव नहीं होगा। दूसरा पहलू यह भी है कि टीपी नगर होते हुए गुजरने वाली रेल लाइन शहर को दो भागों में विभाजित करती है। शहर के पूर्वी क्षेत्र में आने वाले निहारिका बालको, कोसाबाड़ी समेत रजगामार सहित कई ग्रामीण अंचल के यात्री इसी क्षेत्र से आते हैं। टीपी नगर से गुजरी रेल लाइन औद्योगिक रेल लाइन है। जिससे केवल कोयले का ही परिवहन पावर प्लांटों को किया जाता है। शहर में लगे तीन फाटक हर 10 से 15 मिनट में बंद होते हैं। इसके कारण यात्रियों को अतिरिक्त इंतजार करना पड़ता है। असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। सेकेंड एंट्री के अस्तित्व में आने से उम्मीद जगी थी कि पूर्वी क्षेत्र के निवासी सेकंड एंट्री से टिकट लेकर सीधे यात्रा कर सकेंगे लेकिन रेलवे ने इसे पूरी तरह से बंद कर दिया है।


Conclusion:सेकंड एंट्री से शहर के आधे भाग में रहने वाले लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचने की राह आसान होगी। सेकंड एंट्री में कुछ सिटी बस को कनेक्टिविटी दिए जाने पर। यह शहर के लिए एक बड़ी राहत वाली बात होगी। लेकिन फिलहाल सेकंड एंट्री पूरी तरह से बंद है। रेलवे के अफसर इस मामले में बचते हुए नजर आते हैं। नीतिगत निर्णय होने का हवाला देकर उन्होंने इस विषय में कोई भी जानकारी नहीं दी। बाइट एफडी मानिकपुरी, गुलाबी कुर्ते में मयंक थवाईत, काली शर्ट में डॉ संजय अग्रवाल, कार में बैठे हुए विजुअल सेकंड एंट्री
Last Updated : Nov 9, 2019, 10:43 PM IST
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