कोरबा : चैत्र नवरात्रि के पहले दिन हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है. हिंदू नव वर्ष के आगमन पर पूरे कोरबा शहर में उत्सव जैसा माहौल रहा. शहर के सीतामणी से लेकर टीपी नगर चौक, घंटाघर से लेकर कोसाबाड़ी तक दो रैलियां निकाली गईं. पूरा शहर भगवा रंग में रंगा दिखा. हिंदूवादी संगठनों ने जोर-शोर से रैलियों का आयोजन किया. पुलिस ने भी इनके लिए व्यवस्था बनाई और रूट डायवर्ट किया. हालांकि हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में रैलियों के कारण शहर में जाम जैसी स्थिति भी निर्मित हुई. रोजमर्रा के काम निकले लोगों को कुछ परेशानी भी उठानी पड़ी. भीषण गर्मी के मौसम में धूप से बचने के लिए हिंदू संगठनों ने शाम को रैलियों के शुरुआत की.
दूसरे राज्यों से बुलाई गई झांकी और धुमाल पार्टी : हिंदू नववर्ष के दिन शहर में भव्य रैली और झांकी के लिए कोलकाता से विशेष झांकी बुलाई गई थी. दुर्ग, राजनंदगांव से धुमाल पार्टियों को बुलाया गया था. हिंदू क्रांति सेना और धर्म सेना ने दो अलग-अलग रैलियों का आयोजन किया. धर्म सेना ने निहारिका क्षेत्र में जबकि हिंदू क्रांति सेना ने पुराने शहर में रैली का आयोजन किया. खास तौर पर हिंदू क्रांति सेना द्वारा निकाली गई रैली से सीतामणी चौक से लेकर टीपी नगर तक इतनी अधिक भीड़ जमा हो गई कि लोगों का सड़क पर चलना मुश्किल हो गया था. पुलिसकर्मियों को व्यवस्था संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी.
चैत्र माह की नवमी को लिया था श्री राम ने जन्म : चैत्र आह हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है. चैत्र माह के पहले दिन ही चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. इसे हिंदू नववर्ष कहा जाता है. हिंदू नववर्ष की शुरूआत पर भक्तों के खासी श्रद्धा रहती है. 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. जबकि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी का त्यौहार मनाया जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था.
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लंबे समय बाद दिखा ऐसा उत्साह : हिंदूवादी संगठनों के अलावा रैली में भाजपा के पदाधिकारी भी शामिल हुए. लंबे समय बाद शहर में इस तरह की रैली का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों की भीड़ देखने को मिली. कोरोना काल के कारण भीड़-भीड़ वाले ऐसे आयोजनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध था. छूट मिली तो बड़ी रैली और झांकियों का निकलना संभव हो सका.