कोरबा: आदिवासी आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज आक्रोशित नजर आ रहा है. इसी मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के बीच जिले के पाली शिव मंदिर के पास आदिवासी महासभा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोग प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच आदिवासी कांग्रेसी विधायक मोहित केरकेट्टा मौके पर पहुंच गए. विधायक की गाड़ी देखते ही लोग उनके विरोध में नारे लगाने लगे. लेकिन नेताजी इन नारों से विचलित नहीं हुए. उन्होंने लोगों को समझाया और यह भी कहा कि वह आरक्षण वाले मांग पर आदिवासी समाज के साथ हैं. विधायक ईटीवी से चर्चा में कहा कि ऐसे नारों से तकलीफ तो हुई है. लेकिन हम खुद भी आदिवासी हैं. इसलिए आदिवासियों का विरोध नहीं करते.
सीएम के खास सिपहसालारों में गिने जाते हैं विधायक: मोहित केरकेट्टा कोरबा जिले से आरक्षित सीट पाली तानाखार विधानसभा सीट से आदिवासी विधायक हैं. वह सीएम के खास सिपहसालारों में गिने जाते हैं. पाली तानाखार में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का खासा दबदबा रहा है. यहां लगातार कई आंदोलन भी हुए हैं.
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ये था पूरा घटनाक्रम: खासतौर पर आदिवासी आरक्षण को लेकर के पाली तानाखार विधानसभा में गुरुवार को भी मुख्य मार्ग पर आंदोलन जारी था. इसी दौरान मोहित केरकेट्टा जब वहां पहुंचे. तब विधायक के खिलाफ सामाजिक लोगों ने जमकर नारेबाजी हुई. पूरे वाकये का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. हालांकि विधायक इतने में भी हाथ जोड़कर मुस्कुराते हुए सौम्यता के साथ लोगों से मिलते रहे लेकिन यह नजारा जिसने भी देखा वह खुद को मुस्कुराने से नहीं रोक पाया. गोड़वाना पार्टी द्वारा पाली के शिवमंदिर के पास 32% आरक्षण की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया जा रहा है. इस दौरान पाली तानाखार के विधायक मोहित केरकेट्टा के नारे लगे.
मामले पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का कहना: "कार्यक्रम के दौरान कुछ युवकों के उग्र हो जाने की वजह से ऐसी स्थिति बनी. दरअसल आरक्षण को लेकर विधायक की ओर से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं आने से समाज के लोगों में नाराजगी है. विरोध-प्रदर्शन के बीच गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम की समझाइश के बाद लोग शांत हुआ. नारों से तकलीफ हुई."
वायरल वीडियो पर विधायक बोले मैं खुद आदिवासी हूं इसलिए मेरा पूरा समर्थन: "जैसे ही मैं गाड़ी से उतरा, वह लोग मेरे विरोध में अपमानजनक शब्दों का नारा लगाने लगे ल. कम से कम मेरी बात सुन तो लेते. उनके ऐसे संबोधित से मुझे तकलीफ जरूर हुई है. लेकिन वह सभी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोग हैं. मैं भी एक आदिवासी विधायक हूं और आदिवासियों को आरक्षण देने की मांग पर मेरे साथ ही कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से कटिबद्ध है. हमारे सीएम ने विधानसभा का विशेष सत्र भी बुलाया है. मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है. ऐसे में इस तरह का संबोधन बिल्कुल भी ठीक नहीं है. यह लोग अज्ञानता में अपने ही बीच के एक भाई के विरोध में इस तरह का नारा लगा रहे हैं. जो कि इनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. इनकी पार्टी इनके लिए ज्यादा बड़ी है. वह दूसरी पार्टियों का सम्मान करना नहीं जानते, हालांकि मेरे विरोध में नारा लगते रहने के बावजूद मैं वहां गया उनके पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तुलेश्वर मरकाम वहां मौजूद थे. उन्होंने भी लोगों को समझाया और मामला शांत हुआ. मैंने भी मौके पर उन्हें यही कहा कि आदिवासियों के आरक्षण वाले मुद्दे पर पूरी सरकार एकजुट होकर काम कर रही है. हम भी चाहते हैं कि आदिवासियों को 32% आरक्षण जरूर मिले. इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे."