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SPECIAL: छत्तीसगढ़ को 'डराने' वाला ये जिला कोरोना मुक्त हो गया - कोरबा में कोरोना वायरस

छत्तीसगढ़ का पहला और एकलौता कोरोना हॉटस्पॉट जिला कोरोना मुक्त हो गया है, जिले में पाए गए सभी 28 कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें AIIMS ने छुट्टी भी दे दी है.

छत्तीसगढ़ का हॉटस्पॉट जिला हुआ कोरोना मुक्त
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Published : Apr 30, 2020, 9:03 PM IST

Updated : May 1, 2020, 3:04 PM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ में गुरुवार को कोविट 19 संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी. ये मरीज सूरजपुर जिले के रहने वाले हैं. इस बीच राहत की खबर ये है कि प्रदेश का पहला और इकलौता कोरोना हॉट स्पॉट कोरबा जिले का कटघोरा कोरोना मुक्त हो गया. जिले में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 28 थी, ये सभी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.

कोरोना मुक्त हुआ कोरबा जिला

रायपुर एम्स से कोरबा के सभी मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जिले में 30 मार्च से लेकर 17 अप्रैल तक कुल 28 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे, जो कि अप्रैल का महीना खत्म होते-होते ठीक भी हो गए. जिसके बाद अब कोरबा जिला पूरी तरह कोरोना मुक्त हो चुका है.

30 मार्च को मिला पहला मरीज, इसके बाद सभी कटघोरा से

कोरबा जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज कोरबा शहर के वार्ड क्रमांक 1 रामसागर पारा का निवासी था. इसके बाद मिले सभी मरीज कटघोरा के वार्ड क्रमांक 10 और 11 में मौजूद पुरानी बस्ती के जामा मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों से थे. इसके बाद 1 से 17 अप्रैल तक अलग-अलग तारीखों में यहां से कुल 27 कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इस तरह कुल कोरबा में 28 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले. कटघोरा में पाए गए सभी 27 मरीजों का संबंध 15 परिवारों से था. एक ही परिवार से 2-3 मरीज भी मिले.

कब क्या हुआ-

पुलिस के मानें तो जो 16 साल का किशोर सबसे पहले यहां से पॉजिटिव मिला, वो महाराष्ट्र के कामठी से आया था. उसके साथ तबलीगी जमात के 16 लोग 14 मार्च को कटघोरा पहुंचे थे.

16 लोगों पर केस दर्ज

ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने अपनी शिकायत में जमातियों के कटघोरा आने की तारीख को 2 मार्च बताया था. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने सभी 16 लोगों पर अपराध भी दर्ज कर लिया था लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि जमाती 14 मार्च को कटघोरा पहुंचे थे.

कटघोरा मस्जिद प्रबंधन समिति पर अपराध दर्ज

जानकारी छुपाने व इन्हें सार्वजनिक आयोजनों की छूट देने के लिए कटघोरा की मस्जिद प्रबंधन समिति पर भी पुलिस ने अपराध दर्ज किया. कटघोरा थाने के इंस्पेक्टर को प्रार्थी बनाकर अपराध दर्ज किया. कटघोरा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी व जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष शेख इश्तियाक को भी पुलिस ने आरोपी बनाकर अपराध दर्ज किया है.

47 व्यक्तियों को ट्रेस कर क्वॉरेंटाइन किया गया

कोरबा जिले में विदेशों से आए लगभग 222 लोगों को चिन्हित किया गया. जिनमें से 175 व्यक्ति या तो 1 मार्च के पूर्व या वर्तमान में कोरबा जिले में नहीं आए. शेष विदेश यात्रा करने वाले 47 व्यक्तियों को ट्रेस कर उन्हें कोरोना नियंत्रण प्रोटोकॉल के तहत क्वॉरेंटाइन किया गया.

2800 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया

कोरबा में महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और दिल्ली जैसे कोरोना प्रभावित राज्य से लगभग 2800 लोगों के आने की जानकारी थी. प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर ऐसे सभी लोगों को होम आइसोलेशन में रखा.

3-4 अप्रैल से बढ़ने शुरू हुए केस

कटघोरा के हॉटस्पॉट बनने का सिलसिला 3 और 4 अप्रैल की रात को शुरू हुआ. यहां से भेजे गए सैंपल में से तबलीगी जमात के एक किशोर का सैंपल पॉजिटिव मिला जिसके बाद उसे तत्काल एम्स रवाना किया गया था.

कटघोरा को क्लोज किया गया

5 और 6 अप्रैल के दरम्यान ही लगातार कोरोन पॉजिटिव मरीजों के मिलने के बाद कटघोरा को पूरी तरह से लॉक डाउन किया गया. पूरे कटघोरा शहर को 4 जोन व 15 सेक्टर में बांटकर बैरिकेड कर पूरी तरह से तालाबंदी कर दी गई. पुलिस के लगभग 300 व बांगो बटालियन के जवानों को यहां तैनात किया गया.

मदद के लिए आगे आए युवा

अब जरूरतमंद परिवारों तक राशन का सामान पहुंचाना बड़ी चुनौती बन गई. इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित कर प्रशासन ने वॉलंटियर को भी काम में लगाया. कई स्थानीय युवकों ने आगे आकर वॉलंटियर के रूप में बेहद अहम जिम्मेदारी निभाई.

कटघोरा के 4141 घरों का सर्वे किया गया, जहां 30 एक्टिव सर्विलांस टीमों को काम में लगाया गया. इनके द्वारा घर-घर सर्वे कर सभी की ट्रैवल और मेडिकल हिस्ट्री की जांच हुई.

लोगों पर हुआ केस

कोरबा जिले में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर पुलिस ने 100 से भी ज्यादा एफआईआर दर्ज किए गए. धारा 188 एवं अन्य धाराओं के तहत लोगों पर केस दर्ज किया गया.

तैयार किया गया हॉस्पिटल

प्रशासन ने संक्रमण को रोकने के लिए जिले में 350 से अधिक बिस्तरों के क्षमता वाले 6 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए. जिनमें अलग-अलग अवधि में लोगों को रखा गया. जिले में मौजूद ईएसआईसी के 100 बिस्तर वाले अस्पताल को कोविड-19 हॉस्पिटल के तौर पर तैयार किया गया. जहां 50 बेड तैयार कर पांच वेंटीलेडर की व्यवस्था भी की गई.

4 हजार से ज्यादा सैंपल की हुई जांच

वर्तमान में जिले के 4000 से भी ज्यादा सैंपल जांच किए जा चुके हैं. कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब भी 28 ही है. पिछले 12 दिनों से कोई भी नया पॉजिटिव के सामने नहीं आया है. कोरियाई रैपिड टेस्ट किट से अब इस इलाके में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों की जांच भी शुरू कर दी गई है.

कोरबा: छत्तीसगढ़ में गुरुवार को कोविट 19 संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी. ये मरीज सूरजपुर जिले के रहने वाले हैं. इस बीच राहत की खबर ये है कि प्रदेश का पहला और इकलौता कोरोना हॉट स्पॉट कोरबा जिले का कटघोरा कोरोना मुक्त हो गया. जिले में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 28 थी, ये सभी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.

कोरोना मुक्त हुआ कोरबा जिला

रायपुर एम्स से कोरबा के सभी मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. जिले में 30 मार्च से लेकर 17 अप्रैल तक कुल 28 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले थे, जो कि अप्रैल का महीना खत्म होते-होते ठीक भी हो गए. जिसके बाद अब कोरबा जिला पूरी तरह कोरोना मुक्त हो चुका है.

30 मार्च को मिला पहला मरीज, इसके बाद सभी कटघोरा से

कोरबा जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज कोरबा शहर के वार्ड क्रमांक 1 रामसागर पारा का निवासी था. इसके बाद मिले सभी मरीज कटघोरा के वार्ड क्रमांक 10 और 11 में मौजूद पुरानी बस्ती के जामा मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों से थे. इसके बाद 1 से 17 अप्रैल तक अलग-अलग तारीखों में यहां से कुल 27 कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इस तरह कुल कोरबा में 28 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले. कटघोरा में पाए गए सभी 27 मरीजों का संबंध 15 परिवारों से था. एक ही परिवार से 2-3 मरीज भी मिले.

कब क्या हुआ-

पुलिस के मानें तो जो 16 साल का किशोर सबसे पहले यहां से पॉजिटिव मिला, वो महाराष्ट्र के कामठी से आया था. उसके साथ तबलीगी जमात के 16 लोग 14 मार्च को कटघोरा पहुंचे थे.

16 लोगों पर केस दर्ज

ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने अपनी शिकायत में जमातियों के कटघोरा आने की तारीख को 2 मार्च बताया था. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने सभी 16 लोगों पर अपराध भी दर्ज कर लिया था लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि जमाती 14 मार्च को कटघोरा पहुंचे थे.

कटघोरा मस्जिद प्रबंधन समिति पर अपराध दर्ज

जानकारी छुपाने व इन्हें सार्वजनिक आयोजनों की छूट देने के लिए कटघोरा की मस्जिद प्रबंधन समिति पर भी पुलिस ने अपराध दर्ज किया. कटघोरा थाने के इंस्पेक्टर को प्रार्थी बनाकर अपराध दर्ज किया. कटघोरा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी व जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष शेख इश्तियाक को भी पुलिस ने आरोपी बनाकर अपराध दर्ज किया है.

47 व्यक्तियों को ट्रेस कर क्वॉरेंटाइन किया गया

कोरबा जिले में विदेशों से आए लगभग 222 लोगों को चिन्हित किया गया. जिनमें से 175 व्यक्ति या तो 1 मार्च के पूर्व या वर्तमान में कोरबा जिले में नहीं आए. शेष विदेश यात्रा करने वाले 47 व्यक्तियों को ट्रेस कर उन्हें कोरोना नियंत्रण प्रोटोकॉल के तहत क्वॉरेंटाइन किया गया.

2800 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया

कोरबा में महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक और दिल्ली जैसे कोरोना प्रभावित राज्य से लगभग 2800 लोगों के आने की जानकारी थी. प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर ऐसे सभी लोगों को होम आइसोलेशन में रखा.

3-4 अप्रैल से बढ़ने शुरू हुए केस

कटघोरा के हॉटस्पॉट बनने का सिलसिला 3 और 4 अप्रैल की रात को शुरू हुआ. यहां से भेजे गए सैंपल में से तबलीगी जमात के एक किशोर का सैंपल पॉजिटिव मिला जिसके बाद उसे तत्काल एम्स रवाना किया गया था.

कटघोरा को क्लोज किया गया

5 और 6 अप्रैल के दरम्यान ही लगातार कोरोन पॉजिटिव मरीजों के मिलने के बाद कटघोरा को पूरी तरह से लॉक डाउन किया गया. पूरे कटघोरा शहर को 4 जोन व 15 सेक्टर में बांटकर बैरिकेड कर पूरी तरह से तालाबंदी कर दी गई. पुलिस के लगभग 300 व बांगो बटालियन के जवानों को यहां तैनात किया गया.

मदद के लिए आगे आए युवा

अब जरूरतमंद परिवारों तक राशन का सामान पहुंचाना बड़ी चुनौती बन गई. इसके लिए कंट्रोल रूम स्थापित कर प्रशासन ने वॉलंटियर को भी काम में लगाया. कई स्थानीय युवकों ने आगे आकर वॉलंटियर के रूप में बेहद अहम जिम्मेदारी निभाई.

कटघोरा के 4141 घरों का सर्वे किया गया, जहां 30 एक्टिव सर्विलांस टीमों को काम में लगाया गया. इनके द्वारा घर-घर सर्वे कर सभी की ट्रैवल और मेडिकल हिस्ट्री की जांच हुई.

लोगों पर हुआ केस

कोरबा जिले में लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर पुलिस ने 100 से भी ज्यादा एफआईआर दर्ज किए गए. धारा 188 एवं अन्य धाराओं के तहत लोगों पर केस दर्ज किया गया.

तैयार किया गया हॉस्पिटल

प्रशासन ने संक्रमण को रोकने के लिए जिले में 350 से अधिक बिस्तरों के क्षमता वाले 6 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए. जिनमें अलग-अलग अवधि में लोगों को रखा गया. जिले में मौजूद ईएसआईसी के 100 बिस्तर वाले अस्पताल को कोविड-19 हॉस्पिटल के तौर पर तैयार किया गया. जहां 50 बेड तैयार कर पांच वेंटीलेडर की व्यवस्था भी की गई.

4 हजार से ज्यादा सैंपल की हुई जांच

वर्तमान में जिले के 4000 से भी ज्यादा सैंपल जांच किए जा चुके हैं. कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या अब भी 28 ही है. पिछले 12 दिनों से कोई भी नया पॉजिटिव के सामने नहीं आया है. कोरियाई रैपिड टेस्ट किट से अब इस इलाके में ड्यूटी देने वाले कर्मचारियों की जांच भी शुरू कर दी गई है.

Last Updated : May 1, 2020, 3:04 PM IST
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