कोरबा: गर्मी की छुट्टियां अब खत्म होने वाली हैं और दो महीने बाद स्कूल बसें सड़कों पर दौड़ती दिखेंगी. सुरक्षा के मद्देनजर यातायात विभाग ने बसों की जांच की. एक दर्जन से अधिक बसें सुरक्षा को लेकर फिसड्डी साबित हुईं. सुरक्षा मापदंडों का पालन नहीं करने वाले बस मालिकों पर पुलिस ने कार्रवाई की.
स्कूल बसों की हुई जांच
जांच अभियान के तहत न्यू एरा पब्लिक स्कूल और सेंट जेवियर्स की बसों की जांच की गई. जांच में यह बात सामने आई कि न्यू एरा पब्लिक स्कूल की 7 बसों में रखे फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायरी डेट पार कर चुके थे. इसी तरह सेंट जेवियर्स की भी 3 बसों में भी खामियां पाई गईं. इसके साथ ही कुछ बसों में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे और कुछ बसों में फर्स्ट एड बॉक्स उपलब्ध नहीं था.
3 दिन का दिया समय
सुप्रीम कोर्ट के मापदंडों पर खरा नहीं उतरने वाले वाहनों के मालिकों को यातायात पुलिस ने 3 दिन की मोहलत देकर व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा है. वहीं व्यवस्था में अनदेखी पाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के तहत कार्रवाई की जाएगी.
गाइडलाइन में हैं ये बातें
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन में 16 बिंदुओं के निर्देश हैं. इसमें स्कूली वाहनों का रंग पीला हो, फायर उपकरण की उपलब्धता, सीसीटीवी कैमरे ऑटोमेटिक हो, स्पीड गवर्नर, परिचालन सहायक, चालक का रिकॉर्ड और 5 साल का अनुभव समेत अन्य निर्देश शामिल हैं.