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अजीत जोगी के निधन पर चरणदास महंत और ज्योत्सना महंत ने जताया शोक - छत्तीसगढ़ न्यूज

छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने अजीत जोगी के निधन पर गहरा शोक जताया है.

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अजीत जोगी के निधन पर चरणदास महंत और ज्योत्सना महंत ने जताया शोक
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Published : May 30, 2020, 11:07 AM IST

कोरबा: छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

अजीत जोगी के निधन पर चरणदास महंत और ज्योत्सना महंत ने जताया शोक

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 'अजीत जोगी जी कुशल प्रशासकीय अधिकारी, राजनेता, सांसद, मुख्यमंत्री के रूप में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनायी थी. वे जनता से जुड़े ऐसे जमीनी नेता थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के किसानों और मजदूरों की आवाज लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में प्रमुखता से उठाया. वह गरीबों के मसीहा थे. जोगी की सिर्फ राजनीति ही नहीं साहित्य में भी गहरी रुचि थी. वह दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी थे. अपने राजनीतिक जीवन में आए उतार-चढ़ाव से वे कभी विचलित नहीं हुए'.

पढ़ें:LIVE: गौरेला में होगा अजीत जोगी का अंतिम संस्कार

कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने अजीत जोगी के निधन पर कहा कि 'अजीत जोगी का निधन देश और प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शोक संतृप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं. जोगी जी मुझे छोटी बहन की तरह मानते थे. मैं भी उन्हें बड़े भाई की तरह ही देखती रही हूं. जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था और मैं अपंग हो गई थी. तब जोगी जी ने ही मुझसे कहा था कि तुम तो 1 दिन खड़ी हो जाओगी. उन्हें देखकर ही मैंने जीना सीखा. आज मैं क्षेत्र की सेवा कर रही हूं. मैंने जोगी जी से काफी कुछ सीखा है'.

राजकीय सम्मान के साथ जन्मभूमि गौरेला में होगा अंतिम संस्कार

बता दें, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से राज्य में शोक की लहर है. राज्य सरकार ने प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी तरह के शासकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे. जोगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ आज उनकी जन्मभूमि गौरेला में किया जाएगा.

शनिवार को सुबह 9 बजे उनका पार्थिव शरीर रायपुर से मरवाही सदन बिलासपुर के लिए निकल गया है. यहां जन साधारण के अंतिम दर्शन के बाद उन्हें वहां से आगे रतनपुर केंदा मार्ग होते हुए पैतृक गांव जोगीसार, गौरेला ले जाया जाएगा.

कोरबा: छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

अजीत जोगी के निधन पर चरणदास महंत और ज्योत्सना महंत ने जताया शोक

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 'अजीत जोगी जी कुशल प्रशासकीय अधिकारी, राजनेता, सांसद, मुख्यमंत्री के रूप में पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनायी थी. वे जनता से जुड़े ऐसे जमीनी नेता थे, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद प्रदेश के किसानों और मजदूरों की आवाज लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा में प्रमुखता से उठाया. वह गरीबों के मसीहा थे. जोगी की सिर्फ राजनीति ही नहीं साहित्य में भी गहरी रुचि थी. वह दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी थे. अपने राजनीतिक जीवन में आए उतार-चढ़ाव से वे कभी विचलित नहीं हुए'.

पढ़ें:LIVE: गौरेला में होगा अजीत जोगी का अंतिम संस्कार

कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत ने अजीत जोगी के निधन पर कहा कि 'अजीत जोगी का निधन देश और प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शोक संतृप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं. जोगी जी मुझे छोटी बहन की तरह मानते थे. मैं भी उन्हें बड़े भाई की तरह ही देखती रही हूं. जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था और मैं अपंग हो गई थी. तब जोगी जी ने ही मुझसे कहा था कि तुम तो 1 दिन खड़ी हो जाओगी. उन्हें देखकर ही मैंने जीना सीखा. आज मैं क्षेत्र की सेवा कर रही हूं. मैंने जोगी जी से काफी कुछ सीखा है'.

राजकीय सम्मान के साथ जन्मभूमि गौरेला में होगा अंतिम संस्कार

बता दें, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से राज्य में शोक की लहर है. राज्य सरकार ने प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी तरह के शासकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे. जोगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ आज उनकी जन्मभूमि गौरेला में किया जाएगा.

शनिवार को सुबह 9 बजे उनका पार्थिव शरीर रायपुर से मरवाही सदन बिलासपुर के लिए निकल गया है. यहां जन साधारण के अंतिम दर्शन के बाद उन्हें वहां से आगे रतनपुर केंदा मार्ग होते हुए पैतृक गांव जोगीसार, गौरेला ले जाया जाएगा.

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