कोरबा : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में इस बार कई सीटों पर बागी बड़े दलों के लिए सिरदर्द बने हुए हैं.कुछ ने निर्दलीय चुनाव में ताल ठोकी है तो कुछ ने दूसरी पार्टी ज्वाइन करके अपनी दमदारी साबित करने की तैयारी कर ली है. इसी बीच कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने पहले तो टिकट नहीं मिलने से विरोध का झंडा उठाया, लेकिन नामांकन वापसी की तारीख वापस आते-आते अचानक नेताजी का मन बदल गया.ऐसे ही नेता हैं रज्जाक अली. जिनको कोरबा विधानसभा से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने अपना प्रत्याशी घोषित किया. लेकिन बाद में बी फॉर्म ही नहीं दिया.
बी फॉर्म नहीं मिलने पर रज्जाक ने दी चुनौती : बी फॉर्म नहीं मिलने से रज्जाक ने पार्टी पर आरोप लगाया और कहा कि पार्टी की मजबूरियां होती है. एक कद्दावर नेता ने मेरा फॉर्म रुकवा दिया. लेकिन अब मेरे वजूद की लड़ाई है. गरीब जनता मेरे साथ है, दमदारी के साथ निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा.
लेकिन अब चुनाव लड़ने से किया मना : निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कहने वाले रज्जाक अली का अब मन पूरी तरह से बदल चुका है.अब रज्जाक कहते फिर रहे हैं कि जब दो कांग्रेसी आपस में लड़ेंगे, तब फायदा बीजेपी को होगा. इसलिए मैंने कांग्रेस को समर्थन दे दिया है.
कौन हैं रज्जाक अली : कोरबा शहर में रज्जाक अली की छवि मनोरंजन करने वाले नेता की है.जो अपनी ओपन जिप्सी में अंधा कानून फिल्म का गाना और म्यूजिक लाउडस्पीकर पर बजाते घूमते हैं. रज्जाक ने शहर में पोस्टर भी लगवाएं थे कि गरीबों का मसीहा आ रहा है. रज्जाक की पत्नी जनपद पंचायत करतला की उपाध्यक्ष हैं. वह खुद भी जनपद पंचायत में उपाध्यक्ष रहे हैं.इसके अलावा रज्जाक का नाम आपराधिक मामलों में भी जुड़ा है.इसलिए रज्जाक हवालात की सैर भी कर चुके हैं.
जिलाबदर हो चुके हैं रज्जाक : जिला दंडाधिकारी ने रज्जाक को जिलाबदर भी किया है. रज्जाक की फितरत है कि वो हर बार चुनाव लड़ते हैं. पिछली बार भी कोरबा विधानसभा से चुनाव लड़े थे. लेकिन सैंकड़ा का आंकड़ा भी ना छू सके.फिलहाल रज्जाक जनता कांग्रेस में थे, लेकिन कोरबा विधानसभा से ही जनता कांग्रेस के प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय पर्चा भर दिया था. स्वर्गीय अजीत जोगी इन्हें नाम से पुकारते थे. कभी पूर्व गृहमंत्री ननकी राम के भी करीबी रज्जाक माने जाते थे. लेकिन अब खुद को कट्टर कांग्रेसी बता रहे हैं.
चुनाव लड़ने से पहले करते हैं नौटंकी : हर बार के चुनाव की तरह रज्जाक ने इस बार भी कई स्वांग रचे.पुलिस से सुरक्षा की मांग की . इस दौरान रज्जाक ने कहा कि कांग्रेसियों से उन्हें जान का खतरा है. इसके बाद जोगी कांग्रेस ने अधिकृत प्रत्याशी बना दिया. रामपुर से भी रज्जाक ने अपने कैंडिडेट को मैदान में उतारा. लेकिन खुद के साथ और रामपुर से भी नाम वापसी कराई. जनता कांग्रेस ने जब बी फॉर्म नहीं दिया, तब रज्जाक कह रहे थे कि दमदारी से चुनाव लड़ूंगा.
अपनी ही बात पर कायम नहीं रह सके रज्जाक : रज्जाक ने कहा था कि मुझे बी फार्म नहीं मिला तो क्या, गरीबों का साथ है. अगर पार्टी के नेता शेर हैं, तो मैं भी चूहा हूं. चूहे की तरह वोट कतरने का दम रखता हूं और पूरी मजबूती के साथ चुनाव लड़ूंगा. लेकिन अब रज्जाक ने नाम वापस ले लिया और कहा कि कांग्रेसियों को आपस में नहीं लड़ना चाहिए. कांग्रेस की सरकार ने कर्ज माफी की है जो समर्थन मूल्य दिया है. उससे ग्रामीण क्षेत्र में जनता मजबूत हुई है. मैं भी सरकार से बहुत प्रभावित हूं. खासतौर पर जयसिंह अग्रवाल जैसा नेता हमने देखा ही नहीं है. इसलिए मैंने उनके समर्थन में ही अपना नाम वापस ले लिया. वह अलग बात है कि पहले मैं विरोध कर रहा था.