कोरबा: केंद्रीय पंचायत मंत्री गिरिराज सिंह कोरबा लोकसभा के प्रभारी हैं. इस लोकसभा सीट की खास बात ये है कि अभी ये कांग्रेस के पास है और केंद्र में सत्ता बीजेपी की है. वहीं कोरबा लोकसभा में आने वाली विधानसभा सीटों की बात की जाए तो सिर्फ रामपुर विधानसभा में बीजेपी का कब्जा है.बाकि 7 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है.साथ ही साथ प्रदेश में सरकार कांग्रेस की.लेकिन अब केंद्रीय नेतृत्व ने अपनी हारी हुई लोकसभा सीटों पर फोकस करना शुरु किया है.इसी कड़ी में गिरिराज सिंह को कोरबा लोकसभा का प्रभारी बनाया गया है.ताकि कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाई जा सके.
गिरिराज सिंह कर रहे धुंआधार दौरा : गिरिराज सिंह पिछली बार जुलाई में कोरबा आए थे. तब 4 दिनों तक प्रत्येक विधानसभा का धुआंधार दौरा किया था. अब एक बार फिर गिरिराज सिंह का कोरबा दौरा प्रस्तावित है.जिसके लिए संगठन जोरशोर से तैयारियां कर रहा है.इसके लिए प्लानिंग पूरी कर ली गई है. साथ ही साथ उन क्षेत्रों की सूची बनाई जा रही है जहां पर बीजेपी कमजोर है.
कोरबा जिलाध्यक्ष ने दिल्ली में की थी मुलाकात: कोरबा लोकसभा के दौरे को लेकर हाल ही में कोरबा जिले के भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव सिंह ने गिरिराज सिंह से दिल्ली में मुलाकात की थी.राजीव ने बताया कि गिरिराज सिंह जैसे नेता को कोरबा का प्रभारी बनाने पर कार्यकर्ताओं में नया जोश पैदा हुआ है. पिछली बार के दौरे में चार विधानसभा क्षेत्रों में गिरिराज गए थे.जहां पर उनके 13 से 14 कार्यक्रम हुए. इस बार भी वे अप्रैल के अंत में या मई के पहले सप्ताह में कोरबा आ सकते हैं.
बस्तर भी जा सकते हैं केंद्रीय मंत्री : इस बार गिरिराज सिंह बस्तर भी जा सकते हैं. इस बार संभावना ये भी है कि पिछली बार के दौरे में कोरबा लोकसभा की बची हुई 4 विधानसभा सीटों पर वह जाएंगे. जिसमें कोरिया के तीन और मरवाही की एक विधानसभा सीट शामिल है. गिरिराज सिंह ने हर बूथ अध्यक्ष के आवास के सामने नाम पट्टिका लगाने को भी कहा था. गिरिराज सिंह जैसे नेता जब कोरबा लोकसभा में आएंगे और उनके नेतृत्व में जब पूरी टीम उतरेगी. हम निश्चित तौर पर कोरबा लोकसभा की 8 में से 8 विधानसभा जीतेंगे.
पिछले दौरे में सीएम भूपेश थे टारगेट : जुलाई 2021 में गिरिराज कोरबा के दौरे पर आए थे. इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की बैठक ली. राजनीतिक बैठकें की और गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. 4 दिन तक वह कोरबा में रहे. इस दौरान वह जहां भी गए उनके टारगेट में सीएम भूपेश बघेल थे. खासतौर पर शासन की फ्लैगशिप योजना नरवा, गरवा, घुरवा और गोठान से लेकर पीएम आवास का मुद्दा खूब उछाला. इसे टारगेट कर, जनता के दिमाग में यह बात डालने का प्रयास किया कि केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए फंड से छत्तीसगढ़ सरकार गौठान चला रही है.
ये भी पढ़ें- क्या आगामी चुनाव में राहुल की जगह प्रियंका होंगी कांग्रेस का चेहरा
कोरबा लोकसभा सीट का राजनीतिक समीकरण : कोरबा लोकसभा सीट में भरतपुर-सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, रामपुर, कोरबा, कटघोरा, पालीतानाखार और मरवाही विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें से कोरबा जिले के रामपुर को छोड़कर बची हुईं सातों विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हैं. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल मरवाही विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी विजयी रहे थे. लेकिन उनके निधन के बाद, 2020में यहां उपचुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ केके ध्रुव ने जीत दर्ज की थी. जिसके बाद ये सीट भी कांग्रेस की झोली में चली गई.