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कोरबा सरकारी अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ छुट्टी पर, टूटा पैर लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचा युवक

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Published : Apr 6, 2022, 10:43 AM IST

Updated : Apr 6, 2022, 6:29 PM IST

कोरबा सरकारी अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ छुट्टी पर हैं. टूटा पैर लेकर युवक कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचा.

युवक का पैर टूटा
युवक का पैर टूटा

कोरबा: जिले के स्वास्थ्य विभाग पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा है. जिला अस्पताल में भर्ती एक युवक टूटा पैर लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंच गया. दरअसल युवक का 31 मार्च को सड़क हादसे में पैर टूट गया था. एक्स-रे के बाद उसे जिला अस्पताल सह संबद्ध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती तो किया गया, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर छुट्टी पर चले गए हैं. युवक का कहना है कि नर्स और सामान्य डॉक्टर उसका चेकअप करते हैं, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ अस्पताल में नहीं है. जिसके कारण उसे सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. यदि ऐसा ही रहा तो वह अपना पैर खो सकता है, जिसकी शिकायत करने वह कलेक्टोरेट पहुंचा था.

टूटा पैर लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचा युवक

यह भी पढ़ें: मजदूरी करें या दिनभर ढोएं पानी! दोंदरो की महिलाएं 1 किलोमीटर दूर से भरकर लाती हैं पेयजल

निजी अस्पताल में इलाज के नहीं हैं पैसे, माता-पिता भी नहीं: बालको क्षेत्र के निवासी युवक रामजीवन सिदार 31 मार्च को कोरबा बालको मुख्य मार्ग पर सड़क हादसे का शिकार हो गया था. विपरीत दिशा से आ रही कार ने उसकी बाइक को ठोकर मार दी थी. इसके बाद उसके बाएं पैर में गहरी चोट आई है. पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया है. युवक को उसके साथियों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया.

रामजीवन का कहना है कि जब से वह अस्पताल में भर्ती हुआ है, यहां हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर 1 महीने के लिए छुट्टी पर चले गए हैं. ऐसे में मेरे पैर का इलाज नहीं हो पा रहा है. केवल सामान्य ड्रेसिंग करके मुझे अस्पताल में छोड़ दिया गया है. यही हाल रहा तो मेरे पैर को काटने की नौबत आ सकती है. उन्होंने कहा है कि मेरे माता-पिता नहीं हैं. बड़े भाई के साथ रहकर किसी तरह गुजारा होता है. दोस्तों ने अस्पताल पहुंचाया है. निजी अस्पताल में इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं. इसलिए मेरे पैर का इलाज कराना बेहद जरूरी है. इसकी शिकायत लेकर मैं कलेक्टर के पास पहुंचा हूं.

मान्यता नहीं मिलने के कारण रुकी हुई है भर्तियां: दरअसल जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दर्जा मिल गया है, लेकिन पिछले 3 वर्षों से मान्यता नहीं मिल पाई है. यही वजह है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित लगभग 500 पदों पर भर्तियां रुकी हैं. बीते वर्ष राज्य स्तर से चिकित्सकों का स्थानांतरण भी किया गया था, लेकिन उनमें से भी ज्यादातर ने अस्पताल ज्वाइन नहीं किया. मान्यता नहीं मिलने के कारण उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना जिलेवासियों को संभव नहीं हो पा रहा है.

कोरबा: जिले के स्वास्थ्य विभाग पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा है. जिला अस्पताल में भर्ती एक युवक टूटा पैर लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंच गया. दरअसल युवक का 31 मार्च को सड़क हादसे में पैर टूट गया था. एक्स-रे के बाद उसे जिला अस्पताल सह संबद्ध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती तो किया गया, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर छुट्टी पर चले गए हैं. युवक का कहना है कि नर्स और सामान्य डॉक्टर उसका चेकअप करते हैं, लेकिन हड्डी रोग विशेषज्ञ अस्पताल में नहीं है. जिसके कारण उसे सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. यदि ऐसा ही रहा तो वह अपना पैर खो सकता है, जिसकी शिकायत करने वह कलेक्टोरेट पहुंचा था.

टूटा पैर लेकर कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचा युवक

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निजी अस्पताल में इलाज के नहीं हैं पैसे, माता-पिता भी नहीं: बालको क्षेत्र के निवासी युवक रामजीवन सिदार 31 मार्च को कोरबा बालको मुख्य मार्ग पर सड़क हादसे का शिकार हो गया था. विपरीत दिशा से आ रही कार ने उसकी बाइक को ठोकर मार दी थी. इसके बाद उसके बाएं पैर में गहरी चोट आई है. पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया है. युवक को उसके साथियों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया.

रामजीवन का कहना है कि जब से वह अस्पताल में भर्ती हुआ है, यहां हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर 1 महीने के लिए छुट्टी पर चले गए हैं. ऐसे में मेरे पैर का इलाज नहीं हो पा रहा है. केवल सामान्य ड्रेसिंग करके मुझे अस्पताल में छोड़ दिया गया है. यही हाल रहा तो मेरे पैर को काटने की नौबत आ सकती है. उन्होंने कहा है कि मेरे माता-पिता नहीं हैं. बड़े भाई के साथ रहकर किसी तरह गुजारा होता है. दोस्तों ने अस्पताल पहुंचाया है. निजी अस्पताल में इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं. इसलिए मेरे पैर का इलाज कराना बेहद जरूरी है. इसकी शिकायत लेकर मैं कलेक्टर के पास पहुंचा हूं.

मान्यता नहीं मिलने के कारण रुकी हुई है भर्तियां: दरअसल जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज अस्पताल का दर्जा मिल गया है, लेकिन पिछले 3 वर्षों से मान्यता नहीं मिल पाई है. यही वजह है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों सहित लगभग 500 पदों पर भर्तियां रुकी हैं. बीते वर्ष राज्य स्तर से चिकित्सकों का स्थानांतरण भी किया गया था, लेकिन उनमें से भी ज्यादातर ने अस्पताल ज्वाइन नहीं किया. मान्यता नहीं मिलने के कारण उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मिलना जिलेवासियों को संभव नहीं हो पा रहा है.

Last Updated : Apr 6, 2022, 6:29 PM IST
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