कोरबा: मंडल स्तर के भाजपा नेता मनोज यादव के पूरे परिवार पर 2 लाख रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप लगा है. इस मामले में लिखित शिकायत के 2 हफ्ते बाद भी दर्री पुलिस ने अपराध दर्ज नहीं किया है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि भाजपा नेता के रसूख और सांठगांठ के कारण पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है. बिना केस दर्ज कराए ही आपस में मामला रफा-दफा करने करने की बात कही है. जबकि पुलिस का इस मामले में कहना है कि जिसने यह धोखाधड़ी की है.
वह भाजपा नेता मनोज का का बड़ा भाई दिनेश यादव है जो एक हादसे में एक्सीडेंट के बाद से पूरी तरह से बेड रेस्ट पर है. जिससे पूछताछ करना मुनासिब नहीं है. प्रार्थी व आरोपी आपस में बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. पूरे मामले का गंभीर पहलू यह है कि शिकायत में उल्लेखित तथ्यों के आधार पर पुलिस ने जांच का कोई प्रयास ही नहीं किया. जिससे पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल उठ रहे हैं.
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2 साल पहले धोखे से करवाया था हस्ताक्षर: पूरे मामले की लिखित शिकायत दर्री थाना क्षेत्र के नीलगिरी निवासी साधराम ने अपनी पत्नी सरस्वती के नाम पर दर्ज कराई है. जिसमें उल्लेख किया गया है कि दिनेश यादव ने काफी पहले एक फॉर्म पर एटीएम कार्ड बनवा दूंगा ऐसा कह कर हस्ताक्षर लिया था. संभवतः बैंक अकाउंट से अपना मोबाइल नंबर भी लिंक करा लिया.
इसके बाद उन्हें पैसे निकासी के विषय में कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन पिछले महीने की 25 मार्च को जब एनटीपीसी टाउनशिप के एसबीआई बैंक में संचालित अपने खाते से 40 हजार रुपये निकालने गए. तब बैंककर्मी ने कहा कि बैंक अकाउंट में 27 हजार रुपये ही शेष हैं. इतना सुनते ही पूरे परिवार के होश उड़ गए और उन्हें शक हुआ कि दिनेश यादव और उसके परिवार के लोगों ने ही पैसे निकाले हैं.
दिनेश के छोटे भाजपा के दर्री मंडल के महामंत्री मनोज यादव से संपर्क करने पर उसने अपने घर बुलाया और इस बात का किसी से जिक्र नहीं करने को कहते हुए कहा कि पैसे वापस कर दूंगा. तात्कालिक तौर पर 25 हजार रुपये वापस भी किया. लेकिन जब हम फिर अगले दिन बैंक गए, तब पता चला कि बैंक खाते से और भी 25 हजार रुपये निकल गए हैं. इसलिए हमारा शक यकीन में बदल गया दूसरे दिन भी हमारे ही पैसे मनोज द्वारा निकालकर हमें वापस कर दिया गया.
साधराम ने बताया कि शिकायत के बाद जब दर्री टीआई विवेक शर्मा ने मनोज यादव और मुझे बुलाया तब टीआई ने मेरे सामने कहा कि केस दर्ज मत कराओ, बिना केस किए ही आपस में समझौता कर पैसे लेनदेन की बात को रफा-दफा कर लो. मनोज के पिता बनारसी यादव ने भी पैसे वापसी करने की बात हमसे कही थी. उन्होंने कहा कि मजबूरी के कारण हमने तुम्हारे अकाउंट से पैसे निकाल लिए थे, लेकिन अब पैसे लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं. दर्री सीएसपी सहित एसपी से भी इसकी शिकायत की है, लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हो रही है. घर बनाने के लिए मुझे पैसों की जरूरत है, लेकिन अब इसके मिलने की उम्मीद टूट रही है. गरीब व्यक्ति की कोई सुनने वाला नहीं है.
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अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी: साधराम ने बताया कि मनोज यादव द्वारा यह धमकी भी दी जा रही थी कि मेरे भाई के पास तुम्हारी बीवी के अश्लील फोटो हैं. ज्यादा शिकायत की, ज्यादा हाथ पांव मारे तो अश्लील फोटो को इंटरनेट में डालकर वायरल कर दूंगा. साधराम इन सभी बातों से बेहद व्यथित है. एसपी से शिकायत के बाद भी इस बेहद गंभीर मामले में अब तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है.
पूरे परिवार की संलिप्तता: इस मामले में गंभीर पहलू यह है कि 1 खाताधारक के बिना जानकारी के किसी अन्य व्यक्ति ने बैंक से पैसे निकाले हैं. बावजूद इसके पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया है. साधराम की शिकायत के मुताबिक दिनेश यादव ने 2 साल पहले हस्ताक्षर लिए थे. तब से अब तक नियमित अंतराल पर लगभग 2 लाख रुपये की निकासी हुई है. इसकी शिकायत करने के बाद मनोज यादव ने एक व्यक्ति के माध्यम से 25 हजार रुपये लौटाए हैं. इसलिए इस धोखाधड़ी में दोनों भाइयों के साथ ही पिता बनारसी यादव की भी संलिप्तता है.
दिनेश से नहीं हो पा रही पूछताछ: इस पूरे मामले में दर्री थाना के टीआई विवेक शर्मा का कहना है कि 'साधराम की शिकायत मिली है. डेढ़ से 2 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. दिनेश यादव 6 महीनों से हादसे के बाद पूरी तरह से बेड रेस्ट पर है. जिसके कारण हम पूछताछ नहीं कर रहे हैं. इसी वजह से एफआईआर दर्ज नहीं किया है. दोनों पक्षों में बातचीत चल रही है. हो सकता है मामला आपस में सुलझ जाए. बीजेपी नेता के प्रभाव या रसूख में आकर मामले को रफा-दफा करने जैसी कोई बात नहीं है.'