कोरबाः छत्तीसगढ़ की तीन लोकसभा सीटों पर मतदान जारी है. इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरबा में प्रेस-वार्ता की. इस दौरान सीएम ने कांग्रेस सरकार के कामकाज का जमकर बखान किया और बीजेपी पर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने शराबबंदी, DMF कमेटी और भीमा मंडावी के हत्या की जांच जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरबा में आमसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, 'राज्य सरकार ने आयुष्मान योजना और केंद्र की तमाम योजनाओं को बंद कर दिया है. इस पर सीएम बघेल ने पीएम के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, 'केंद्रीय योजनाओं को हमने नहीं बल्कि खुद केंद्र सरकार ने बंद किया है'.
'आचार संहिता के कारण नहीं शुरू हो सकती योजना'
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसे वक्त पर दाल-भात सेंटर और आश्रमों में मध्याह्न भोजन को बंद किया है. जब हम आचार संहिता के कारण इन योजनाओं को दोबारा चालू नहीं कर सकते हैं.
'हमने नहीं बंद की योजना'
आयुष्मान योजना को बंद करने के आरोप पर सीएम ने कहा कि, 'इस योजना को हमने बंद नहीं किया है. हमने पिछले 3 महीनों में 160 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. ये योजना सिर्फ केंद्र सरकार की ही नहीं बल्कि राज्य सरकार की भी है. क्योंकि इसमें हमारा हिस्सा भी मौजूद है'. भूपेश बघेल ने कहा कि, 'नोटबंदी लागू करने से कई लोगों की जान चली गई थी. इस तरह शराबबंदी भी बिना सोचे समझे लागू करने से उसी तरह की दुर्घटना घट सकती है'.
शराब ठेकेदारों से सांठ गांठ का नहीं दिया जवाब
जेसीसी (जे) सुप्रीमो अजीत जोगी और उनके बेटे ने राज्य सरकार पर 500 करोड़ रुपए की रिश्वत लेकर शराब ठेकेदारों से साठ-गांठ कर ली है. इस आरोप पर सीएम ने जवाब देने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वो कोई चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उनकी पार्टी चुनाव में भी खड़ी नहीं है. इसलिए उसकी बात मत कीजिए.
''जांच की नहीं मिली अनुमति''
सीएम ने भीमा मंडावी की हत्या की जांच के मामले में कहा कि हमने चुनाव आयोग से जांच की अनुमति मांगी थी. लेकिन अब तक अनुमति नहीं मिली है. वहीं भूपेश बघेल ने DMF समिति में प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाए जाने के निर्णय पर सफाई देते हुए कहा कि, 'पहले की समिति ने गलत ढंग से काम किया है. पूर्व की व्यवस्था में कलेक्टर DMF के अध्यक्ष होते थे.
सीएम ने कहा कि, 'कलेक्टर "अंधा बांटे रेवड़ी और अपने अपने को दे" वाला काम कर रहे थे. उन्होंने अपनी पसंद के लोगों को सदस्य बनाया. मैं और जयसिंह दोनों पिछले बार भी विधायक थे लेकिन हमें सदस्य नहीं बनाया गया'.
बीजेपी पर साधा निशाना
सीएम ने पूर्व भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'हम साल 2003 में 400 करोड़ रुपए का खजाना छोड़ कर गए थे. लेकिन रमन सिंह ने 50 हजार करोड़ रुपए का कर्जा हमारे मत्थे छोड़ दिया है'.