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कोरबा: रैन बसेरों में पीने का पानी और शौचालय नहीं, लोगों में जानकारी की कमी - कोरबा का रैन बसेरा

आवास विहीन गरीबों और जरूरतमंद लोगों के रात गुजारने के लिए शहर में बनाया गया रैन बसेरा में मूलभूत सुविधाओं का अभाव नजर आ रहा है.

bad condition of shelter home in korba
सुविधाओं के अभाव में संचालित रैन बसेरा
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Published : Jan 4, 2020, 8:33 AM IST

Updated : Jan 4, 2020, 1:57 PM IST

कोरबा: ठंड के मौसम में आवास विहीन गरीबों और जरूरतमंद लोगों के रात गुजारने के लिए शहर में तीन शेल्टर होम और रैन बसेरा संचालित हैं. इनमें से दो जगहों का ETV भारत की टीम ने जायजा लिया. यहां हमें सुविधाओं का अभाव मिला.

सुविधाओं के अभाव में संचालित रैन बसेरा

संजय नगर में मौजूद रैन बसेरा में प्रशासन के दावों के विपरीत 6 के स्थान पर केवल तीन ही बेड मिले, वहीं नया बस स्टैंड में संचालित रैन बसेरा में पीने का पानी तक नहीं मिला न ही यहां शौचालय की व्यवस्था दिखी.

बस्ती के बीच रैन बसेरा
रेलवे स्टेशन के करीब स्थित संजय नगर में नगर निगम का रैन बसेरा संचालित है. यह रैन बसेरा घनी आबादी के बीच में है. जिसकी वजह से लोग इसे ढूंढ ही नहीं पाते. यहां मौजूद केयरटेकर ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए बताया कि 'बस्ती के बीच में होने की वजह से यहां लोग नहीं पहुंच पाते'.

न पीने का पानी न ही ठंड से बचने के इंतजाम
नया बस स्टैंड शहर के हृदय स्थल टीपी नगर में मौजूद हैं. यह नगर पालिक निगम का रैन बसेरा भी संचालित है. यहां ठहरे 2 जरूरतमंद ने बताया कि 'जब से वह यहां आए हैं, उन्हें पीने का पानी तक नहीं मिला. केयरटेकर से पूछने पर उसने एक बोतल दिखाई जिसमें केवल आधा बोतल ही पानी भरा हुआ था और यहां शौचालय की भी व्यवस्था नहीं थी'.

पढ़ें- बंगाल के जादूगर पहुंचे कोरबा, एक महीने तक देंगे प्रस्तुति

2 दिन पहले ही नगर पालिक निगम के आयुक्त राहुल देव ने शहर के रैन बसेरों का दौरा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे. इसके बाद भी इसके शहर के रैन बसेरों में पर्याप्त इंतजाम नहीं दिखे. जिससे कि ठंड के मौसम में जरूरतमंद लोग इन सुविधाओं का उपयोग कर सकें.

कोरबा: ठंड के मौसम में आवास विहीन गरीबों और जरूरतमंद लोगों के रात गुजारने के लिए शहर में तीन शेल्टर होम और रैन बसेरा संचालित हैं. इनमें से दो जगहों का ETV भारत की टीम ने जायजा लिया. यहां हमें सुविधाओं का अभाव मिला.

सुविधाओं के अभाव में संचालित रैन बसेरा

संजय नगर में मौजूद रैन बसेरा में प्रशासन के दावों के विपरीत 6 के स्थान पर केवल तीन ही बेड मिले, वहीं नया बस स्टैंड में संचालित रैन बसेरा में पीने का पानी तक नहीं मिला न ही यहां शौचालय की व्यवस्था दिखी.

बस्ती के बीच रैन बसेरा
रेलवे स्टेशन के करीब स्थित संजय नगर में नगर निगम का रैन बसेरा संचालित है. यह रैन बसेरा घनी आबादी के बीच में है. जिसकी वजह से लोग इसे ढूंढ ही नहीं पाते. यहां मौजूद केयरटेकर ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए बताया कि 'बस्ती के बीच में होने की वजह से यहां लोग नहीं पहुंच पाते'.

न पीने का पानी न ही ठंड से बचने के इंतजाम
नया बस स्टैंड शहर के हृदय स्थल टीपी नगर में मौजूद हैं. यह नगर पालिक निगम का रैन बसेरा भी संचालित है. यहां ठहरे 2 जरूरतमंद ने बताया कि 'जब से वह यहां आए हैं, उन्हें पीने का पानी तक नहीं मिला. केयरटेकर से पूछने पर उसने एक बोतल दिखाई जिसमें केवल आधा बोतल ही पानी भरा हुआ था और यहां शौचालय की भी व्यवस्था नहीं थी'.

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2 दिन पहले ही नगर पालिक निगम के आयुक्त राहुल देव ने शहर के रैन बसेरों का दौरा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे. इसके बाद भी इसके शहर के रैन बसेरों में पर्याप्त इंतजाम नहीं दिखे. जिससे कि ठंड के मौसम में जरूरतमंद लोग इन सुविधाओं का उपयोग कर सकें.

Intro:कोरबा। ठंड के मौसम में आवास में विहीन गरीबों और जरूरतमंद लोगों के रात गुजारने के लिए शहर में तीन शेल्टर होम या रैन बसेरा संचालित हैं। इनमें से दो स्थानों का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया। हालात चौकाने वाले दिखे संजय नगर स्थित रैन बसेरा में प्रशासन के दावों के विपरीत 6 के स्थान पर केवल तीन ही बेड मिले, जबकि नया बस स्टैंड में संचालित रैन बसेरा में पीने का पानी तक नहीं मिला यहां शौचालय की व्यवस्था भी नहीं है।


Body:घनी बस्ती के बीच रैन बसेरा, इसलिए नहीं आते लोग
रेलवे स्टेशन के करीब स्थित संजय नगर में नगर निगम का रैन बसेरा संचालित है। यह रैन बसेरा घनी आबादी के बीच में है। मुख्य मार्ग से अलग यह रैन बसेरा रेलवे स्टेशन से काफी दूर है। जिसके कारण लोग इसे ढूंढ ही नहीं पाते।
यही कारण है कि अक्सर जरूरतमंद होते हुए भी लोग इस रैन बसेरे की सुविधा से महरूम रह जाते हैं। यहां मौजूद केयरटेकर ने भी इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि बस्ती के बीच में होने के कारण यहां लोग नहीं पहुंच पाते।
केयरटेकर ने यह भी बताया कि बीच में इसे बंद कर दिया गया था। अभी भी काम चालू है, इसलिए फिलहाल 3 ही बेड लगाया गया है।


Conclusion:नहीं मिला पीने का पानी, ठंड दूर करने के लिए केवल एक पतली चादर
नया बस स्टैंड शहर के हृदय स्थल टीपी नगर में स्थापित है। यह नगर पालिक निगम का रैन बसेरा भी संचालित है। जो कि ऊपर तल पर है। यहां ठहरे 2 जरूरतमंद में से एक ने कहा कि जब से वह यहां आए हैं, उन्हें पीने का पानी तक नहीं मिला।
केयरटेकर से पूछने पर उसने एक बोतल दिखाई जिसमें केवल आधा बोतल ही पानी भरा हुआ था।
अलाव की व्यवस्था भी नहीं थी कड़ाके की ठंड में यहां ठंड से बचने के लिए हर बिस्तर पर केवल 1-1पतली चादर मौजूद थी।

ईटीवी भारत की टीम को देखते ही केयरटेकर तत्काल अलाव की व्यवस्था में जुट गया। लेकिन उसने यह भी बताया कि अभी तो यहां शौचालय नहीं है।
न्य इंतजाम भी अधूरे हैं, लेकिन काम चल रहा है अफसरों ने जल्द व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
2 दिन पहले ही नगर पालिक निगम के आयुक्त राहुल देव ने शहर के रैन बसेरों का दौरा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। लेकिन बावजूद इसके शहर के रैन बसेरों में पर्याप्त इंतजाम नहीं दिखे। जिससे कि ठंड के मौसम में जरूरतमंद लोग इन सुविधाओं का उपयोग कर सकें।

Last Updated : Jan 4, 2020, 1:57 PM IST
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