ETV Bharat / state

कोरबा: दो दिन पहले शुरू हुए धान खरीदी केंद्र में बदइंतजामी का आलम, अब तक नहीं जारी हुआ टोकन - कोरबा के किसान

कोरबा में खोले गए नए उपार्जन केंद्र किसानों के लिए मुसीबत बने हुए हैं. अब तक यहां टोकन कटने का काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं नए केंद्रों में अव्यवस्थाओं का अंबार है. हालांकि अधिकारी जल्द ही व्यवस्थाएं ठीक करने की बात कह रहे हैं.

bad-condition-of-paddy-procurement-centre-in-korba
घान खरीदी केंद्र में बदइंतजामी का आलम
author img

By

Published : Dec 5, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 9:17 PM IST

कोरबा: सहूलियत के लिए जिले में खोले गए नए उपार्जन केंद्र किसानों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं. नए धान खरीदी केंद्र तो शुरू कर दिए गए. लेकिन अब तक यहां टोकन कटने का काम शुरू नहीं हो पाया है. नए उपार्जन केंद्र दादर के ऑनलाइन मॉड्यूल से लिंक नहीं किया जा सका है. इस तकनीकी त्रुटि के कारण इन सभी 13 गांव के 311 किसानों का डाटा नए उपार्जन केंद्र में प्रदर्शित नहीं हो रहा है

धान खरीदी केंद्र में बदइंतजामी का आलम

दो दिन पहले ही राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस धान खरीदी केंद्र का उद्घाटन किया था और यहीं से जिले में धान खरीदी की शुरुआत हुई थी. अबतक दादर में तकनीकी कारणों से टोकन काटने का काम शुरू नहीं हुआ है, जिससे किसान अभी भी धान बेचने को लेकर असमंजस में हैं.

वर्तमान में इन परिस्थितियों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जिले में खोले गए लगभग सभी धान खरीदी केंद्र में इसी तरह की अव्यवस्था बनी हुई हैं. हालांकि अधिकारी जल्द ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं.

ननकी राम का आरोप, जहां अवस्थाएं मौजूद वहां नहीं खोला गया केंद्र

कुछ साल पहले दादर के ही पास स्थित गांव नकटीखार में कृषि विकास योजना के तहत नगर चबूतरे और धान को सुरक्षित रखने के लिए भवन का निर्माण किया गया था. इस मामले में पूर्व गृह मंत्री नानकीराम कंवर का कहना है कि नया उपार्जन केंद्र खोलने के लिए नकटीखार व उसके आसपास के किसानों की तादात को देखते हुए शेड और भवन के साथ ही चबूतरे का निर्माण कराया गया था, लेकिन राज्य सरकार ने धान खरीदी केंद्र नकटीखार में खोलने के बजाए दादर में खोल दिया, जहां किसानों की संख्या कम है और अव्यवस्थाओं का अंबार है. उन्होंने आगे कहा कि भूपेश बघेल की सरकार लगातार किसान विरोधी फैसले ले रही है, जो किसानों के हित में नहीं है.

अब तक नहीं कट रहा टोकन

दादर में खुले नए खरीदी केंद्र में वर्तमान में टोकन भी नहीं कट रहा है, जिसेस किसानों में खासा आक्रोश है. दरअसल दादर पहले सोनपुरी केंद्र के अधीन था. इस क्षेत्र के सभी किसान सोनपुरी में ही धान विक्रय करते थे, लेकिन अब दादर में नया केंद्र खुलने के बाद दादर, नकटीखार, डूमरडीह, भूलसीडीह, झगरहा, बुंदेली करूमउहा, गोढ़ी, पंडरीपानी, बरबसपुर, ढेलवाडीह और खरमोरा सहित कुल 13 गांव के किसानों के धान अब दादर में ही खरीदे जाएंगे.

13 गांव के 311 किसानों को नहीं मिला टोकन

सबसे बड़ी समस्या ये है कि इन 13 गांव को नए उपार्जन केंद्र दादर के ऑनलाइन मॉड्यूल से लिंक नहीं किया जा सका है. इस तकनीकी त्रुटि के कारण इन सभी 13 गांव के 311 किसानों का डाटा नए उपार्जन केंद्र में प्रदर्शित नहीं हो रहा है. अब भी 13 गांव का डाटा पुराने धान खरीदी केंद्र सोनपुरी में ही फीड है. जब तक पुराने धान खरीदी केंद्र से विलोपित होकर यह गांव दादर में खोले गए नए उपार्जन केंद्र से लिंक नहीं होंगे तब तक नए केंद्र से किसानों का टोकन नहीं काटा जा सकता है. इस तकनीकी त्रुटि के कारण अब किसान धान खरीदी केंद्र से टोकन नहीं कटवा पा रहे हैं.

कोरबा: सहूलियत के लिए जिले में खोले गए नए उपार्जन केंद्र किसानों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं. नए धान खरीदी केंद्र तो शुरू कर दिए गए. लेकिन अब तक यहां टोकन कटने का काम शुरू नहीं हो पाया है. नए उपार्जन केंद्र दादर के ऑनलाइन मॉड्यूल से लिंक नहीं किया जा सका है. इस तकनीकी त्रुटि के कारण इन सभी 13 गांव के 311 किसानों का डाटा नए उपार्जन केंद्र में प्रदर्शित नहीं हो रहा है

धान खरीदी केंद्र में बदइंतजामी का आलम

दो दिन पहले ही राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने इस धान खरीदी केंद्र का उद्घाटन किया था और यहीं से जिले में धान खरीदी की शुरुआत हुई थी. अबतक दादर में तकनीकी कारणों से टोकन काटने का काम शुरू नहीं हुआ है, जिससे किसान अभी भी धान बेचने को लेकर असमंजस में हैं.

वर्तमान में इन परिस्थितियों ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जिले में खोले गए लगभग सभी धान खरीदी केंद्र में इसी तरह की अव्यवस्था बनी हुई हैं. हालांकि अधिकारी जल्द ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की बात कह रहे हैं.

ननकी राम का आरोप, जहां अवस्थाएं मौजूद वहां नहीं खोला गया केंद्र

कुछ साल पहले दादर के ही पास स्थित गांव नकटीखार में कृषि विकास योजना के तहत नगर चबूतरे और धान को सुरक्षित रखने के लिए भवन का निर्माण किया गया था. इस मामले में पूर्व गृह मंत्री नानकीराम कंवर का कहना है कि नया उपार्जन केंद्र खोलने के लिए नकटीखार व उसके आसपास के किसानों की तादात को देखते हुए शेड और भवन के साथ ही चबूतरे का निर्माण कराया गया था, लेकिन राज्य सरकार ने धान खरीदी केंद्र नकटीखार में खोलने के बजाए दादर में खोल दिया, जहां किसानों की संख्या कम है और अव्यवस्थाओं का अंबार है. उन्होंने आगे कहा कि भूपेश बघेल की सरकार लगातार किसान विरोधी फैसले ले रही है, जो किसानों के हित में नहीं है.

अब तक नहीं कट रहा टोकन

दादर में खुले नए खरीदी केंद्र में वर्तमान में टोकन भी नहीं कट रहा है, जिसेस किसानों में खासा आक्रोश है. दरअसल दादर पहले सोनपुरी केंद्र के अधीन था. इस क्षेत्र के सभी किसान सोनपुरी में ही धान विक्रय करते थे, लेकिन अब दादर में नया केंद्र खुलने के बाद दादर, नकटीखार, डूमरडीह, भूलसीडीह, झगरहा, बुंदेली करूमउहा, गोढ़ी, पंडरीपानी, बरबसपुर, ढेलवाडीह और खरमोरा सहित कुल 13 गांव के किसानों के धान अब दादर में ही खरीदे जाएंगे.

13 गांव के 311 किसानों को नहीं मिला टोकन

सबसे बड़ी समस्या ये है कि इन 13 गांव को नए उपार्जन केंद्र दादर के ऑनलाइन मॉड्यूल से लिंक नहीं किया जा सका है. इस तकनीकी त्रुटि के कारण इन सभी 13 गांव के 311 किसानों का डाटा नए उपार्जन केंद्र में प्रदर्शित नहीं हो रहा है. अब भी 13 गांव का डाटा पुराने धान खरीदी केंद्र सोनपुरी में ही फीड है. जब तक पुराने धान खरीदी केंद्र से विलोपित होकर यह गांव दादर में खोले गए नए उपार्जन केंद्र से लिंक नहीं होंगे तब तक नए केंद्र से किसानों का टोकन नहीं काटा जा सकता है. इस तकनीकी त्रुटि के कारण अब किसान धान खरीदी केंद्र से टोकन नहीं कटवा पा रहे हैं.

Last Updated : Dec 5, 2020, 9:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.