कोरबा: शिक्षा विभाग में अटैचमेंट का खेल चल रहा है. जिसके कारण सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों का भविष्य दांव पर है. जिस स्कूल में कम बच्चे हैं वहां शिक्षकों की संख्या ज्यादा है. जबकि ग्रामीण अंचल के स्कूलों में लगातार शिक्षकों की कमी होते जा रही है.
करतला ब्लॉक के फुलझर प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक सीएल जलतारे ने बताया कि 'हमारे प्राथमिक शाला में 15 बच्चे हैं और 4 शिक्षक हैं. जबकि कोरबा ब्लॉक के ग्राम पंचायत पहंदा का प्राथमिक शाला स्कूल 2 शिक्षकों के भरोसे चल रहा है. जबकि यहां 60 बच्चे पढ़ाई करते हैं.
मुझे इसकी जानकारी नहीं: प्रधान पाठक
प्रधान पाठक ने जरुरत से ज्यादा शिक्षकों की मौजूदगी के सवाल पर कहा कि 'ये सब जिला स्तर से तय होता है. मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है'. जाहिर सी बात है जिला स्तर के अधिकारी शिक्षा के गुणवत्ता और कसावट की बात तो कहते हैं. लेकिन धरातल की वास्तविक्ता से वह अनजान हैं.