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कोरबा में मिला दुर्लभ अल्बिनो सांप, शरीर का रंग सफेद तो आंखों का रंग लाल

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Published : Mar 7, 2022, 11:05 PM IST

कोरबा जिले में दुर्लभ अल्बिनो स्नेक मिला है. यह सांप कॉमन वुल्फ करैत प्रजाति का है. जिसे एक दुर्लभ बीमारी है. इसी बीमारी के कारण सांप के शरीर का रंग सफेद तो आंखों का रंग लाल पड़ गया है.

albino snake
अल्बिनो सांप

कोरबा: कोरबा में दुर्लभ अल्बिनो स्नेक मिला है. यह सांप कॉमन वुल्फ करैत प्रजाति का है. जिसे एक दुर्लभ बीमारी है. इसी बीमारी के (albino snake born with genetic abnormality) कारण सांप के शरीर का रंग सफेद तो आंखों का रंग लाल पड़ गया है. इस तरह की बीमारी इंसानों में भी होती है. यह बीमारी हजारों में से एक सांप को होती है. पिछली बार इस तरह का एक सांप महाराष्ट्र में पाया गया था. जिसके बाद 2017 में ही कोरबा जिले में एक अल्बिनो स्नेक मिला था. इसके बाद सोमवार की सुबह वन विभाग को यह सांप मिला है. वन विभाग इसे संरक्षित करने की तैयारी कर रहा है. जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी गई है.

कोरबा में मिला दुर्लभ अल्बिनो सांप

यह भी पढ़ें: धमतरी में चमत्कार !: मृत पैदा हुई बच्ची को एंबुलेंसकर्मी ने दिया मुंह से ऑक्सीजन, बच्ची हुई जिंदा

कोरबा में मिला दुर्लभ सांप
सोमवार को संजय नगर में दुर्लभ अल्बिनो स्नेक पाया गया है. जिसका सफल रेस्क्यू सर्पमित्र जितेंद्र सारथी ने किया. आमतौर पर कोरबा को अब प्रदेश का नागलोक कहा जाने लगा है. बरसात के मौसम के अलावा भी यहां अलग-अलग प्रजातियों के सांप पाए गए हैं. जिनमें से कुछ बेहद दुर्लभ प्रजाति के हैं. कोरबा में एक ऐसा स्थान तो ऐसा भी है जहां किंग कोबरा भी पाया जाता है. अब यहां एक दुर्लभ अल्बिनो स्नेक मिला है जोकि वन विभाग के साथ आम लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है. वन विभाग इसे लेकर बेहद उत्साहित है. इस दिशा में एक रिसर्च करने की बातें भी हो रही है.

समृद्ध जैव विविधता का पर है प्रमाण-डीएफओ
इस विषय में कोरबा डीएफओ प्रियंका पांडे ने बताया कि जिसे आम लोग सफेद सांप कह रहे हैं, या इसे बिना रंग का सांप कहा जा रहा है. इसे वास्तव में अल्बिनो कहा जाता है. असल में यह कॉमन वुल्फ करैत प्रजाति का सांप है. जिसमें एक खास तरह की बीमारी के कारण पिगमेंटेशन का प्रवाह रुक जाता है. जिसकी वजह से आंखों का रंग लाल तो पूरे शरीर का रंग सफेद हो जाता है. आमतौर पर करैत प्रजाति के सांपों का रंग भूरा होता है, लेकिन बीमारी के कारण इस सांप का रंग पूरी तरह से सफेद हो गया है.


लोगों में रहता है कौतूहल
सर्प मित्र जितेंद्र सारथी ने कहा कि, वास्तव में जो सांप आज हमने रेस्क्यू किया है. यह करैत प्रजाति का है. लेकिन बीमारी के कारण पूरे शरीर का रंग सफेद पड़ गया है. यह बीमारी हजारों में एक सांप को ही होती है. सांप को देखकर लोगों में इसके प्रति उत्सुकता बनी रहती है. जिले में इस तरह के भी सांप पाए जाते हैं, यह एक अच्छा सुखद संयोग है. लोगों के लिए यह खास आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

कोरबा: कोरबा में दुर्लभ अल्बिनो स्नेक मिला है. यह सांप कॉमन वुल्फ करैत प्रजाति का है. जिसे एक दुर्लभ बीमारी है. इसी बीमारी के (albino snake born with genetic abnormality) कारण सांप के शरीर का रंग सफेद तो आंखों का रंग लाल पड़ गया है. इस तरह की बीमारी इंसानों में भी होती है. यह बीमारी हजारों में से एक सांप को होती है. पिछली बार इस तरह का एक सांप महाराष्ट्र में पाया गया था. जिसके बाद 2017 में ही कोरबा जिले में एक अल्बिनो स्नेक मिला था. इसके बाद सोमवार की सुबह वन विभाग को यह सांप मिला है. वन विभाग इसे संरक्षित करने की तैयारी कर रहा है. जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दी गई है.

कोरबा में मिला दुर्लभ अल्बिनो सांप

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कोरबा में मिला दुर्लभ सांप
सोमवार को संजय नगर में दुर्लभ अल्बिनो स्नेक पाया गया है. जिसका सफल रेस्क्यू सर्पमित्र जितेंद्र सारथी ने किया. आमतौर पर कोरबा को अब प्रदेश का नागलोक कहा जाने लगा है. बरसात के मौसम के अलावा भी यहां अलग-अलग प्रजातियों के सांप पाए गए हैं. जिनमें से कुछ बेहद दुर्लभ प्रजाति के हैं. कोरबा में एक ऐसा स्थान तो ऐसा भी है जहां किंग कोबरा भी पाया जाता है. अब यहां एक दुर्लभ अल्बिनो स्नेक मिला है जोकि वन विभाग के साथ आम लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है. वन विभाग इसे लेकर बेहद उत्साहित है. इस दिशा में एक रिसर्च करने की बातें भी हो रही है.

समृद्ध जैव विविधता का पर है प्रमाण-डीएफओ
इस विषय में कोरबा डीएफओ प्रियंका पांडे ने बताया कि जिसे आम लोग सफेद सांप कह रहे हैं, या इसे बिना रंग का सांप कहा जा रहा है. इसे वास्तव में अल्बिनो कहा जाता है. असल में यह कॉमन वुल्फ करैत प्रजाति का सांप है. जिसमें एक खास तरह की बीमारी के कारण पिगमेंटेशन का प्रवाह रुक जाता है. जिसकी वजह से आंखों का रंग लाल तो पूरे शरीर का रंग सफेद हो जाता है. आमतौर पर करैत प्रजाति के सांपों का रंग भूरा होता है, लेकिन बीमारी के कारण इस सांप का रंग पूरी तरह से सफेद हो गया है.


लोगों में रहता है कौतूहल
सर्प मित्र जितेंद्र सारथी ने कहा कि, वास्तव में जो सांप आज हमने रेस्क्यू किया है. यह करैत प्रजाति का है. लेकिन बीमारी के कारण पूरे शरीर का रंग सफेद पड़ गया है. यह बीमारी हजारों में एक सांप को ही होती है. सांप को देखकर लोगों में इसके प्रति उत्सुकता बनी रहती है. जिले में इस तरह के भी सांप पाए जाते हैं, यह एक अच्छा सुखद संयोग है. लोगों के लिए यह खास आकर्षण का केंद्र बना रहता है.

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