कोरबाः ETV भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. लॉकडाउन में सब्जी न बिकने से परेशान किसान मेलाराम ने बीते 24 अप्रैल को अपनी सब्जियों (vegetables) को सड़क पर फेंक दिया था. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. बुधवार को जिला कलेक्टर रानू साहू (collector Ranu shau) किसान से मिलने पहुंचीं.
कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर कोहराम मचाया. कोरोना और लॉकडाउन के चलते बहुत से व्यवसाय ठप हो गए थे. इसका असर किसानों पर भी पड़ा. बीते 24 अप्रैल को लॉकडाउन में सब्जी न बिकने से परेशान किसान मेलाराम साहू ने अपने खीरे की 40 से 50 क्विंटल फसल को सड़क पर फेंक दिया था. किसान लॉकडाउन के चलते शहर में सब्जी नहीं बेच पा रहा था. इस खबर को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. बुधवार को कलेक्टर रानू साहू कोरकोमा पहुंचीं, जहां उन्होंने किसान से मुलाकात की. कलेक्टर ने किसान की खेत का मुआयना किया है. कलेक्टर ने किसान को हर संभव मदद पहुंचाने की बात कही है.
'कलेक्टर ने पूछा कैसी चल रही खेती'
कलेक्टर रानू साहू ने किसान मेलाराम के खेत पर पहुंचकर किसान का हालचाल पूछा. उन्होंने खेत पर लगी फसल का भी जायजा लिया. किसान ने बताया कि लॉकडाउन के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा है. कलेक्टर ने किसान को हर संभव मदद का भरोसा दिया. इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे.
लॉकडाउन की मार: गुस्साये किसान ने सड़क पर फेंक दी खीरे और ककड़ी की फसल
किसान ने खुश होकर कलेक्टर को भेंट की सब्जी
किसान मेलाराम ने इस मौके पर कलेक्टर रानू साहू को कुछ सब्जियां भी भेंट की. किसान ने ETV भारत को धन्यवाद करते हुए कहा कि, खबर को संज्ञान में लेने के बाद कलेक्टर खुद दौरा करने उनके खेत तक पहुंचीं. मेलाराम ने बताया कि अब उम्मीद है कि नुकसान की कुछ भरपाई जरूर हो जाएगी. किसान ने बताया कि कलेक्टर, कीचड़ की परवाह किए बिना ही खेतों में पैदल चली. मेलाराम ने कलेक्टर को कुछ सब्जियां भी भेंट की.
बंजर जमीन में पहले लगाए आम के पौधे, अब मूंगफली की दोहरी फसल से किसानों की बदली तकदीर
संपन्न किसान हैं मेलाराम
जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर गांव कोरकोमा के मेलाराम की गिनती जिले के संपन्न किसानों में होती है. मेलाराम का कहना है कि, उनके पास लगभग 5 एकड़ खेत है. जिसमें वे खीरा,करेला,टमाटर,बरबट्टी,ककड़ी जैसे सब्जियों की खेती करते हैं. लॉकडाउन में फसल पूरी तरह से तैयार थी जिसे मंडी में ले जाकर बेचने की तैयारी थी, लेकिन इस बीच लॉकडाउन लगा दिया गया. तमाम गतिविधियों में प्रतिबंध लगने के कारण किसान मेलाराम शहर जाकर अपनी सब्जियों को नहीं बेच पा रहे थे. जिसके कारण उन्होंने अपनी खीरे की फसल को सड़क पर फेंक दिया था.