कोरबाः कहते हैं कि आरोपी की पहुंच अगर ऊंची हो तो मामला जितना भी गंभीर हो रफा-दफा हो ही जाता है. इसका जीता-जागता उदाहरण कोरबा में देखने को मिला. दरअसल सीएसईबी के कोरबा पश्चिम एचटीपीपी विद्युत संयंत्र (CSEB Korba West HTPP Power Plant) में एडिशनल चीफ इंजीनियर (Additional Chief Engineer)के पद पर पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी पर उन्हीं के अधीन काम करने वाली एक महिला सुरक्षाकर्मी (Female security guard) ने गंभीर आरोप(Serious allegations) लगाए. मंगलवार की सुबह महिला ने दर्री टीआई राजेश जांगड़े (Darri TI Rajesh Jangde) को लिखित में शिकायत दर्ज (File complaint in writing)की, जिसमें कहा गया कि ACE उन्हें गलत नीयत से फोन पर बात करते हैं और अकेले में मिलने बुलाते हैं.
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ये है मामला
बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के एचटीपीपी कोरबा पश्चिम संयंत्र के अतिरिक्त मुख्य अभियंता(ACE) जैसे बड़े ओहदे पर पदस्थ श्रीवास्तव के विरुद्ध उन्हीं के अधीन नियोजित महिला सुरक्षाकर्मी ने शिकायत की थी. महिला ने लिखित शिकायत कर कहा था कि, साहब फोन कर अकेले में मिलने बुलाते हैं. इसमें पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.हालांकि पुलिस ने मामले को थाना स्तर पर ही रफा-दफा कर दिया गया है.
आवेदन मिलने के बाद हरकत में आई पुलिस
बताया जा रहा है कि आवेदन के मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई जांच शुरू की दोनों पक्षों से बातचीत की. लेकिन अपराध दर्ज नहीं किया. देर शाम तक भी पुलिस ने कोई अपराध दर्ज नहीं किया और बुधवार को पुलिस ने आधिकारिक तौर पर यह कहा कि मामले में समझौता हो गया है. महिला अब किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहती, इसलिए इस मामले में किसी तरह की कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है.
पुलिस की कार्यशैली संदेहास्पद
वहीं, इस मामले में समझौता हो जाने के बाद पुलिस की कार्यशैली पर संदेह होना लाजिमी है. महिला अपराधों में त्वरित कार्रवाई करने का नियम है. इस विषय में उच्चाधिकारियों के साथ ही न्यायालय के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि तत्काल अपराध कायम होना चाहिए. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ही विवेचना उपरांत धाराएं जोड़ी या घटाई जा सकती हैं. लेकिन शिकायत प्राप्त करने के बाद भी पुलिस ने पूरे दिन अपराध कायम नहीं किया. अपराध क्यों कायम नहीं किया गया और किस तरह की बातचीत होती रही? इन सवालों से संदेह उत्पन्न हो रहा है.जवाब भी किसी के पास नहीं हैं.
सीएसपी को भी नहीं है समझौते की जानकारी
इधर, इस मामले में ईटीवी भारत ने दर्री सीएसपी लितेश सिंह से जानकारी ली. सीएसपी ने कहा कि मामले में मैंने टीआई से जानकारी ली थी. मुझे बताया गया था कि शिकायत प्राप्त हुई है. जांच चल रही है जिसके बाद कार्रवाई होगी, लेकिन मामले में समझौता हो गया है! मुझे भी इसकी कोई जानकारी नहीं है.आपके माध्यम से सूचना मिली है, मैं टीआई से इसकी जानकारी लूंगी.
तत्काल होनी चाहिए एफआईआर
बता दें कि इस मामले में ईटीवी भारत में एक्सपर्ट से चर्चा की एडवोकेट नूतन सिंह ठाकुर का कहना है कि, फोन पर बात करने या इस तरह की इस तरह की कोई भी टिप्पणी जिससे महिला असहज महसूस करे. वह यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है. इस तरह के मामलों में धारा 354d के तहत कार्रवाई होनी चाहिए और तत्काल एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए.