कोरबा: नगर निगम की पहली सामान्य सभा की बैठक में जमकर हंगामा और विरोध हुआ. सभा समाप्त होते-होते महापौर के समक्ष ही विपक्ष ने उनका पुतला फूंक दिया. कई एजेंडे पर पक्ष और विपक्ष में मतभेद रहे. हंगामे के बीच सत्तापक्ष ने अपने सभी 20 एजेंडे को बहुमत से पारित करवा लिया. शहर में विकास के लिए 840 करोड़ रुपये का बजट महापौर ने सदन के समक्ष पेश किया, जिसे सदन ने स्वीकृति दे दी.
कोरबा नगर निगम के सदन में नेता प्रतिपक्ष सहित विपक्ष के तीन पार्षदों और मीडिया को भी एंट्री नहीं दी गई, जिसके कारण विपक्षी पार्षद आक्रोशित थे. नगर निगम के पांच कार्यकाल में यह पहली दफा है, जब सामान्य सभा का आयोजन नगर पालिक निगम के सभाकक्ष में नहीं होकर इंदिरा स्टेडियम स्थित राजीव गांधी इनडोर ऑडिटोरियम में किया गया.
8 महीने बाद हुई बैठक
बैठक सुबह लगभग 11:30 बजे शुरू होकर देर शाम 6:30 बजे तक चली. कोरबा नगर पालिक निगम के पांचवे कार्यकाल की यह पहली सामान्य सभा थी. कोरोना संक्रमण के कारण निगम सरकार के गठन के लगभग 8 महीने बाद सामान्य सभा की बैठक हुई, जिसके हंगामेदार होने के पहले से ही आसार थे. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल सहित विपक्ष के तीन पार्षदों को सदन में एंट्री नहीं मिलने से विपक्षी पार्षद बेहद आक्रोश में थे. विपक्ष ने सदन के भीतर से लेकर बाहर तक जमकर विरोध प्रदर्शन किया. अंदर सदन की कार्रवाई चल रही थी और बाहर पार्षदों के साथ मिलकर बीजेपी कार्यकर्ता पूरे दिन नारेबाजी करते रहे.
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अंदर जाने से किसी को नहीं रोका: श्यामसुंदर सोनी
सामान्य सभा के आयोजन के दौरान नेता प्रतिपक्ष और विपक्ष के दो अन्य पार्षद जब सदन में प्रवेश लेना चाहते थे. तब पुलिस प्रशासन के साथ निगम के अधिकारियों ने उन्हें यह कहकर रोक दिया कि सभापति श्यामसुंदर सोनी की इजाजत नहीं है, लेकिन सभा समाप्त होने के बाद जब सभापति मीडिया से मुखातिब हुए, तब उन्होंने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने किसी को नहीं रोका. कोरोना वायरस के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत प्रशासन ने सुरक्षागत कारणों से पार्षदों को बाहर रोका है.
बीपीएल को नि:शुल्क मिलेंगे सामुदायिक भवन
कोरबा नगर पालिक निगम के 67 वार्डों में स्थापित छोटे-बड़े सामुदायिक भवनों के निजीकरण और इन्हें समिति के हाथों में सौंप कर संचालन की योजना थी. सामुदायिक भवन के अफसर शुल्क उपयोग के एजेंडे को सदन के समक्ष रखा गया, लेकिन विपक्ष ने इस पर जोरदार हंगामा मचाया और इसका विरोध किया, जिसके बाद महापौर ने इसमें संशोधन करते हुए बीपीएल वर्ग से आने वाले लोगों को निशुल्क सामुदायिक भवन प्रदान करने का संशोधन इस एजेंडे में किया.
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कोरबा नगर पालिक निगम के पांचवें कार्यकाल के पहली सभा में महापौर ने 840 करोड़ रुपये का बजट सदन के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया था .संक्षिप्त चर्चा के बाद इसे पारित किया गया. बजट में शहर विकास से जुड़े कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी.
ये रहे प्रमुख बिंदु
- नगर निगम ने 2 हजार 784 पीएम आवास गृहों का निर्माण किया
- शहर के विभिन्न वार्डों में मुख्य सड़क, सीवरेज पुल-पुलिया और नालों के निर्माण के लिए 580 करोड़ रुपये का प्रावधान
- गौ माता चौक से बरबसपुर चौक तक सड़क निर्माण के लिए 2 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रावधान
- नया टीपी नगर बसाने के लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान
- अधोसंरचनात्मक विकास के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान
- महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये का प्रावधान
जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे: महापौर
महापौर राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 840 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है, जो कि शहर के विकास पर खर्च होंगे. हम हर हाल में जनता की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे. उन्होंने आगे कहा कि बजट को सभी वर्गों के मद्देनजर तैयार किया गया है. सभी मुद्दों पर विपक्ष की सहमति ली गई. चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिया गया और सर्वसम्मति से सभी 20 एजेंडे को पारित किया गया है.
मनमाने तरीके से एजेंडों को पारित करवाया गया
विपक्ष के पार्षद लोकेश्वर चौहान ने कहा कि पहले तो हमारे तीन पार्षदों को भीतर आने से रोक दिया गया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके बाद किसी भी एजेंडे पर सत्तापक्ष ठीक तरह से चर्चा करने तक को तैयार नहीं थे. सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या करके मनमाने तरीके से एजेंडे को पारित करवाया गया है. विपक्ष के पार्षद नरेंद्र देवांगन ने कहा कि सत्ता पक्ष पूरी तरह से हट धर्मिता पर उतारू है. जन हितैषी एजेंडे के बजाय जनविरोधी एजेंडे को सभा के समक्ष रखा गया था. इस बजट से हम बेहद दुखी हैं.
विपक्षी पार्षदों ने महापौर का फूंका पुतला
सभा समाप्त होते ही विपक्षी पार्षदों ने महापौर का पुतला फूंकने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने उनसे छीनकर बुझा दिया. पार्षद महापौर की वाहन के सामने खड़े हो गए और उन्हें रोकने का भी प्रयास किए. बाद में पुलिस ने महापौर के वाहन को राजीव गांधी ओपन ऑडिटोरियम से बाहर निकाला. विपक्षी पार्षदों का आरोप है कि मनमाने तरीके से एजेंडे को पारित करवाया है.