कोरबा: अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री प्यारेलाल कंवर के छोटे पुत्र हरीश कंवर, उनकी पत्नी और पुत्री की बुधवार सुबह निर्मम हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. साजिश किसी और ने नहीं बल्कि उसके बड़े भाई, भाभी, भाभी के सगे भाई ने मिलकर रची थी. पुलिस ने बुधवार की शाम प्रेस वार्ता कर इसका खुलासा किया. हत्या की वजह पारिवारिक कलह के साथ ही जमीन और जायदाद का विवाद है. राजनीतिक और आर्थिक रूप से छोटे भाई की संपन्नता देख बड़े भाई के मन में वर्षों से कुंठा ने घर कर लिया था. संबंध इस कदर बिगड़ चुके थे कि दोनों भाइयों की पत्नियों की 1 साल से आपस में बातचीत तक बंद थी. यह निर्मम हत्याकांड का कारण भी बना.
भाभी पूरे हत्याकांड की मास्टरमाइंड
अपने ही सगे भाई के खून से बड़े भाई के हाथ रंग गए. बड़े भाई के साले और उसके साथी ने बेहद नृशंसता के साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिया. इस पूरे वारदात की मास्टरमाइंड पुलिस हरीश के बड़े भाई की बीवी धनकुंवर को मान रही है. जिसने यह साजिश रची और अपने भाई से अपने ही देवर और उसके पूरे परिवार की हत्या करवा दी. घटना के बाद हरीश का पूरा कमरा खून से लथपथ है. जिसे देख दिल दहल उठता है. हरीश उनकी पत्नी और पुत्री की बेहद निर्मम तरीके से हत्या की गई है. हरीश के चेहरे को आरोपियों ने कसाई की तरह काटा है.
4 दिन पहले भी किया था प्रयास
पुलिस ने बताया कि हरीश का बड़ा भाई हरभजन कंवर को बुधवार तड़के करीब 4 बजे अपनी पत्नी धनकुंवर और दो बेटियों के साथ योजनाबद्ध तरीके से मॉर्निंग वॉक पर चला गया. हरभजन पिछली 18 तारीख को भी इसी तरह मॉर्निंग वॉक पर गया था. तब भी इस वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया गया था. लेकिन आरोपी तब सफल नहीं हो सके थे. लेकिन बुधवार की सुबह उन्होंने इस जघन्य हत्याकांड को आखिरकार अंजाम दे दिया.
बुधवार की सुबह हरभजन बाहर से कुंडी लगाकर गया. उसके निकलते ही हरभजन की पत्नी ने अपनी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी से अपने भाई परमेश्वर कंवर को टेक्स्ट मैसेज भेजने को कहा. जो घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर बाजार स्थल पर मौजूद था. इसके बाद परमेश्वर अपने साथी रामप्रसाद मन्नेवार के साथ घर में दाखिल हुआ. जहां हरीश अपनी पत्नी और बेटी के साथ नींद में था. दोनों आरोपियों ने धारदार हथियार (कत्ता या फरसा) सहित वजनी ठोस वस्तु से प्रहार किया. हरीश ने अपना बचाव करना चाहा और इस प्रयास में हत्यारे से संघर्ष भी हुआ. जिसके कारण एक आरोपी जख्मी हुआ है. अपने बचाव में संघर्ष करते हुए हरीश नीचे गिर पड़ा. जसके बाद बिस्तर पर लेटी पत्नी और पुत्री पर भी बड़े ही दर्दनाक तरीके से सिर पर प्रहार किया गया.
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मां को नहीं पहुंचाया नुकसान
घटना के दौरान हरीश और हरभजन की बूढ़ी मां भी घर पर मौजूद थी. लेकिन सुनियोजित योजना के तहत हत्यारों ने यह पहले ही तय कर लिया था कि हत्या हरीश उनकी पत्नी और पुत्री की ही करनी है. इसलिए बूढ़ी मां को उन्होंने बक्श दिया. उसे धक्का देकर साइड करने के बाद इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया.
पुलिस ने की जांच और पकड़े गए आरोपी
घटना के बाद प्लान के अनुसार हरभजन घर लौटा और हत्या की खबर आम हुई. सूचना मिलते ही मौक़े पर पुलिस के अधिकारी, डॉग स्क्वाड, फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ पहुंच गए. आरोपियों की तलाश शुरू हुई. घटनास्थल के बाहर पड़ोसी के सीसीटीवी कैमरे को खंगालने पर दो लोग घर के भीतर घुसते नजर आए. इसी तरह खोजी डॉग बाघा घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर बाजार लगने वाले स्थल पर मौजूद पेड़ के पास जाकर ठहरा और यहां से चीतापाली की ओर जाने वाले मार्ग पर आगे बढ़ा. इस संकेत का पुलिस ने पीछा किया. ग्राम ढोंगदरहा होते हुए सलिहाभांठा-नोनबिर्रा मार्ग तक पहुंचे. घटना के बाद एसपी अभिषेक खुद मौके पर पहुंचे. दस अलग-अलग टीमें बनाई गयी.
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हत्यारा चालाकी से अस्पताल में हो गया था भर्ती
आरोपी हरभजन का साला परमेश्वर घटना को अंजाम देने के बाद चालाकी से करतला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती हुआ था. उसने डायल 112 को फोन करके बताया कि सुबह कुछ देर पहले ही उसका एक्सीडेंट हुआ है. पुलिस को इस बात से ही शंका पैदा हुई परमेश्वर को हिरासत में लिया गया और उसकी चोट एक्सीडेंट से नहीं होने की पुष्टि हुई. इसके बाद पुलिस ने परमेश्वर से कड़ाई से पूछताछ की और मामला खुलता चला गया.
मोबाइल लोकेशन भी बना अहम सुराग
परमेश्वर का मोबाइल लोकेशन सुबह 4:00 बजे के आसपास भैसमा में दिखा और एक अज्ञात नंबर से मैसेजे का आदान-प्रदान करना भी पाया गया. बाद में पता चला कि यह नंबर हरभजन की नाबालिग बेटी का है. जिसने उसे सुबह घर का दरवाजा खुले होने की सूचना दी थी. आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में उपयोग किए गए धारदार हथियारों को भी बरामद किया है. हत्यारों ने गांव नोनबिर्रा के एक जलाशय में हथियार फेंक दिया था. इसे गोताखोर के माध्यम से बरामद किया गया. इस हत्याकांड में मृतक हरीश के बड़े भाई हरभजन उनकी पत्नी धनकुंवर नाबालिग पुत्री, साला परमेश्वर और साले का सहयोगी रामप्रसाद सहित परमेश्वर के भाई सुरेंद्र कंवर को भी साक्ष्य छुपाने के आरोप में आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है.
संपत्ति और ईर्ष्या बनी हत्या का वजह
पूरे वारदात में जो अहम बात निकल कर सामने आई है, वो यह है कि हरीश कंवर पूर्व डिप्टी सीएम स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर की विरासत को आगे बढ़ा रहे थे. हरीश की राजनैतिक पैंठ और आर्थिक स्थिति हरभजन से ज्यादा सुदृढ़ थी. बड़ा भाई हरभजन इस बात से कुंठा ग्रस्त था. हरीश के पास अधिक धन और जमीन जायदाद में हिस्सेदारी को लेकर दोनों भाइयों में लंबे समय से विवाद चला आ रहा था.
हरीश के बड़े भाई के साले परमेश्वर ने पुलिस को बताया कि हरीश के साथ उसका भी 2 साल से लेनदेन को लेकर कोई विवाद था. परिवारिक कड़वाहट आज एक बेहद नृशंस हत्याकांड की वजह बन जाएगी. अविभाजित मध्यप्रदेश में डिप्टी सीएम रहे स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर कांग्रेस के कद्दावर नेता हुआ करते थे. तब पार्टी में उनकी तूती बोलती थी. लेकिन आज उनके जाने के बाद परिवार के हालात इतने बिगड़ गए कि एक भाई ने ही अपने भाई की बेहद निर्ममता से हत्या करवा दी.