कोरबा: नगर निगम के अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस की मदद से 40 परिवारों को भरी बरसात में बेघर कर दिया. रोते-बिलखते गरीब परिवारों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एडिशनल कलेक्टर संजय अग्रवाल से मुलाकात की और उन्हें अपनी परेशानी बताई. लोगों ने कलेक्टर से कहा कि भरी बरसात में उन्हें घर से बाहर निकाल दिया, ऐसे में वे कहां जाए. परिवारों ने कहा कि घर तोड़ना था तो गर्मी में तोड़ देते, ऐसे मौसम में उन्हें सहारा मिलेगा.
वार्ड क्रमांक 25 नेहरू नगर के आसपास सीएसईबी की जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे अधिकारियों ने पुलिस की मदद से लोगों को खींचकर घरों से बाहर निकाला. इसके बाद यहां रहने वाले 40 परिवारों के माकन को तोड़ दिया गया. एडिशनल कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बेघर हुए लोगों को नगर निगम के सामुदायिक केंद्र में ठहरने के लिए जगह दी है.
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नेहरू नगर शहर के बीचो-बीच स्थित रिहायशी इलाके में कब्जाधारियों को 6 महीने में 6 बार नोटिस दिया है. लेकिन वक्त रहते कब्जा नहीं हटाया गया. वहीं शुक्रवार को कब्जा हटाने पहुंचे अफसरों के वाहन को भी लोगों ने घेर लिया, किसी तरह अफसरों ने उन्हें समझाइश देकर किनारे किया.
'सामान निकालने का भी समय नहीं दिया'
प्रशासन के अतिक्रमण हटाने वाले दल पर लोगों का आरोप है कि अफसरों ने उन्हें घर से सामान निकालने तक का समय नहीं दिया. यहां निवास करने वाली प्रेमलता मानिकपुरी समेत अन्य महिलाओं का कहवा है कि नगर निगम को कार्रवाई करना ही था तो गर्मी में कर लेते. भरी बरसात में अब हम कहां जाएंगे. 5 महीने पहले हमने मकान बनाया था. मकान बनाते वक्त किसी ने नहीं रोका अब बरसात में हमें बेघर किया जा रहा है.
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यहां रहने वाले अधिकांश लोगों के पास पहले से मकान
इस मामले में निगम के अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों ने यहां कब्जा किया था. वह बुधवारी बाजार के पास बस्ती में अपने मकानों में रहते हैं. यहां की जमीन खाली देखकर सुनियोजित तरीके से कब्जा किया गया है और कच्चा मकान बनाया गया है. दो-चार ही ऐसे लोग हैं जो बेघर हुए हैं वे भी पहले किराए के मकान में रहते थे.
कई बार दिया नोटिस
सीएसईबी के सिविल विभाग के ईई एचएच कुरैशी का कहना है कि नेहरू नगर में 1 साल से धड़ल्ले से अतिक्रमण हो रहा है. लगातार कई बार नोटिस दिया गया, लेकिन लोगों ने मकान खाली नहीं किया. इसके बाद ही निगम की मदद से अतिक्रमण हटाया गया है.